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आवासहीनों को मिलेगा शासकीय भूमि पर घर बनाने के लिए पट्टा, सीएम कमलनाथ ने दिए निर्देश

सीएम कमलनाथ ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए बड़ा फैसला लिया है. जहां प्रदेश में अब शहरी आवासहीनों को शासकीय भूमि का पट्टा तथा उस पर आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता भी राज्य सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाई जाएगी.

नगरीय प्रशासन विभाग की बैठक लेते सीएम कमलनाथ
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Published : Jun 2, 2019, 6:54 AM IST

भोपाल। सीएम कमलनाथ ने नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए बड़े फैसले लिए हैं. प्रदेश में हर व्यक्ति को समुचित मात्रा में पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए "जल अधिकार" अधिनियम बनाया जाएगा. साथ ही शहरी आवासहीनों को शासकीय भूमि का पट्टा तथा उस पर आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता भी राज्य सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाई जाएगी. बैठक में नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह उपस्थित थे.

नगरीय प्रशासन विभाग की बैठक लेते सीएम कमलनाथ

सीएम कमलनाथ ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में यातायात का भार कम करने के लिए मास्टर प्लान बनाते समय विस्तार की संभावना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए. उन्होंने कहा‍ कि इसके आधार पर शहरों के चारों ओर रिंग रोड की योजना आवश्यक रूप से बनाई जाए ताकि आने वाले समय में शहरों के अंदर यातायात का भार न पड़े. इसके आलवा सीएम ने राज्य स्तरीय मिनी स्मार्ट सिटी नीति भी तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने भोपाल और इंदौर में मेट्रोपोलिटिन एरिया विकसित करने की बात भी कही है.

प्रदेश में मेट्रो रेल की योजना को भी शीघ्र ही पूरे करने के निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने शहरी आवासहीनों के लिए आवास निर्माण के लिए शासन के पास उपलब्ध राशि का नए वित्तीय मॉडल का उपयोग करते हुए योजना बनाने की बात भी कही है. जिससे अधिक से अधिक आवास ईकाइयां बन सकें और लोगों को इसका लाभ मिल सके.

सीएम कमलनाथ ने शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण में व्यापक सुधार लाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि वर्षा ऋतु में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने का कार्यक्रम बनाया जाए. उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों में उपलब्ध शासकीय भूमि की जानकारी इकट्ठा कर उनका उपयोग आवास योजनाओं के क्रियान्वयन में करने के निर्देश भी दिए है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी नगरीय‍ निकाय योजनाएं बनाते समय उन पर व्यय होने वाली राशि का उपयोग नवीनतम वित्तीय मॉडल के जरिए करने को कहा, जिससे उपलब्ध राशि का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित हो सके.

भोपाल। सीएम कमलनाथ ने नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए बड़े फैसले लिए हैं. प्रदेश में हर व्यक्ति को समुचित मात्रा में पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए "जल अधिकार" अधिनियम बनाया जाएगा. साथ ही शहरी आवासहीनों को शासकीय भूमि का पट्टा तथा उस पर आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता भी राज्य सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाई जाएगी. बैठक में नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह उपस्थित थे.

नगरीय प्रशासन विभाग की बैठक लेते सीएम कमलनाथ

सीएम कमलनाथ ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में यातायात का भार कम करने के लिए मास्टर प्लान बनाते समय विस्तार की संभावना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए. उन्होंने कहा‍ कि इसके आधार पर शहरों के चारों ओर रिंग रोड की योजना आवश्यक रूप से बनाई जाए ताकि आने वाले समय में शहरों के अंदर यातायात का भार न पड़े. इसके आलवा सीएम ने राज्य स्तरीय मिनी स्मार्ट सिटी नीति भी तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने भोपाल और इंदौर में मेट्रोपोलिटिन एरिया विकसित करने की बात भी कही है.

प्रदेश में मेट्रो रेल की योजना को भी शीघ्र ही पूरे करने के निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने शहरी आवासहीनों के लिए आवास निर्माण के लिए शासन के पास उपलब्ध राशि का नए वित्तीय मॉडल का उपयोग करते हुए योजना बनाने की बात भी कही है. जिससे अधिक से अधिक आवास ईकाइयां बन सकें और लोगों को इसका लाभ मिल सके.

सीएम कमलनाथ ने शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण में व्यापक सुधार लाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि वर्षा ऋतु में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने का कार्यक्रम बनाया जाए. उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों में उपलब्ध शासकीय भूमि की जानकारी इकट्ठा कर उनका उपयोग आवास योजनाओं के क्रियान्वयन में करने के निर्देश भी दिए है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी नगरीय‍ निकाय योजनाएं बनाते समय उन पर व्यय होने वाली राशि का उपयोग नवीनतम वित्तीय मॉडल के जरिए करने को कहा, जिससे उपलब्ध राशि का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित हो सके.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ली नगरीय प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक - आवासहीनों को मिलेगा शासकीय भूमि का पट्टा,घर बनाने मिलेगी आर्थिक सहायता,मिनी स्मार्ट सिटी की नीति तैयार करने के निर्देश।

भोपाल। प्रदेश में हर व्यक्ति को समुचित मात्रा में पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए "जल अधिकार" अधिनियम बनाया जाएगा। साथ ही शहरी आवासहीनों को शासकीय भूमि का पट्टा तथा उस पर आवास निर्माण के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। शहरी क्षेत्रों में हर घर में नल कनेक्शन के जरिए जल प्रदाय सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज मंत्रालय में नगरीय विकास विभाग की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने विभाग से इस संबंध में अधिनियम का प्रारूप बनाने को कहा। बैठक में नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में यातायात का भार कम करने के लिए मास्टर प्लान बनाते समय विस्तार की संभावना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए। उन्होंने कहा‍ कि इसके आधार पर शहरों के चारों ओर रिंग रोड की योजना आवश्यक रूप से बनाई जाए ताकि आने वाले समय में शहरों के अंदर यातायात का भार न पड़े। मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय मिनी स्मार्ट सिटी नीति भी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीति में मिनी स्मार्ट सिटी में उपलब्ध करवाए जाने वाली सुविधाओं और व्यवस्थाओं का स्पष्ट रूप से उल्लेख करने कहा। कमलनाथ ने भोपाल और इंदौर में मेट्रोपोलिटिन एरिया विकसित करने को कहा।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने स्मार्ट सिटी योजनाओं में गति लाने के साथ मेट्रो रेल की योजना को भी शीघ्र ही मूर्त रूप देने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना एवं मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार कर अमल में लाने को कहा। मुख्यमंत्री ने शहरी आवासहीनों के लिए आवास निर्माण के लिए शासन के पास उपलब्ध राशि का नए वित्तीय मॉडल का उपयोग करते हुए योजना बनाने को कहा जिससे अधिक से अधिक आवास ईकाइयां बन सकें और लोगों को इसका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पूरी हुई जल प्रदाय और सीवेज सहित अन्य परियोजना की वास्तविक उपलब्धियों (आउटकम एनेलिसिस) का भी आकलन करने को कहा जिससे नागरिकों को मिले लाभ का पता चल सके। कमलनाथ ने स्वच्छ भारत मिशन में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उपलब्ध नई वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग कर स्थानीय स्तर पर ही कर कचरे का निष्पादन करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण में व्यापक सुधार लाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि वर्षा ऋतु में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने का कार्यक्रम बनाया जाए। उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों में उपलब्ध शासकीय भूमि की जानकारी इकट्ठा कर उनका उपयोग आवास योजनाओं के क्रियान्वयन में करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी नगरीय‍ निकाय योजनाएं बनाते समय उन पर व्यय होने वाली राशि का उपयोग नवीनतम वित्तीय मॉडल के जरिए करने को कहा। जिससे उपलब्ध राशि का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित हो सके।

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