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मुआवजे के लिए किसान परेशान, अधिकारी नहीं ले रहे सर्वे कराने में दिलचस्पी

अतिवृष्टि से तबाह हुए जिले के सैकड़ों किसानों को न तो सरकार से राहत मिली है और ना ही अगली फसल की उम्मीद दिखाई दे रही है.

सर्वे में हो रही लेटलतीफी से परेशान किसान
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Published : Nov 6, 2019, 6:58 PM IST

बुरहानपुर। प्रदेश में हुई अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. वहीं सरकार भी किसानों के घाव पर मरहम लगाने की वजह उन्हें कुरेतने में लगी हुई है. बुरहानपुर में सैकडों ऐसे किसान हैं जिनकी ओलावृष्टि के कारण फसलें चौपट हो गई. जिले के किसान अभी तक अपने आंसू तक नहीं पौछ पाए हैं. वहीं उन्हें अब चिंता सात रही है कि वह क्या करेंगे.

मुआवजे के लिए किसान परेशान

किसान की जो फसलें खराब हुई है. उनमें ज्वार, सोयाबीन, मक्का और कपास की फसलें अंकुरित हैं जो अतिवृष्टि से नष्ट हो चुकी हैं, हालत यह है कि पहले से कर्ज लेकर फसल की बोवनी करने वाले किसानों के पास न तो खेत की सफाई के लिए पैसे बचे हैं, और न ही अगली फसल की बोवनी के लिए,

हालात यह बन गए हैं कि किसानों ने अब तक मजदूरों को तक पैसे नहीं दिए हैं, इतना ही नहीं रहीपुरा गांव के किसान कैलाश सालवे ने सोसायटी से कर्ज लेकर फसल लगाई थी, जो पूरी तरह नष्ट हो गई है.वहीं जिला प्रशासन के सर्वे की सुस्त रफ्तार ने किसानों की बेचैनी बड़ा दी है. प्रशासन के अधिकारी एक कमरे में बैठकर एसी रुम का मचा ले रहे हैं. वहीं अभी तक जिले में सर्वे का काम 50 फीसदी भी नहीं हो पाया है.

वहीं कलेक्टर का सर्वे को लेकर जो बयान आया है वो किसानों के लिए तुरंत राहत देने वाला साबित होता दिख नहीं रहा है. हालांकि कलेक्टर का कहना है कि फसलों का सर्वे कराया जा रहा है, सभी प्रभावित किसानों के खेतों में नुकसानी का सर्वे किया जाएगा और मुआवजा राशि दिलाई जाएगी.

बुरहानपुर। प्रदेश में हुई अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. वहीं सरकार भी किसानों के घाव पर मरहम लगाने की वजह उन्हें कुरेतने में लगी हुई है. बुरहानपुर में सैकडों ऐसे किसान हैं जिनकी ओलावृष्टि के कारण फसलें चौपट हो गई. जिले के किसान अभी तक अपने आंसू तक नहीं पौछ पाए हैं. वहीं उन्हें अब चिंता सात रही है कि वह क्या करेंगे.

मुआवजे के लिए किसान परेशान

किसान की जो फसलें खराब हुई है. उनमें ज्वार, सोयाबीन, मक्का और कपास की फसलें अंकुरित हैं जो अतिवृष्टि से नष्ट हो चुकी हैं, हालत यह है कि पहले से कर्ज लेकर फसल की बोवनी करने वाले किसानों के पास न तो खेत की सफाई के लिए पैसे बचे हैं, और न ही अगली फसल की बोवनी के लिए,

हालात यह बन गए हैं कि किसानों ने अब तक मजदूरों को तक पैसे नहीं दिए हैं, इतना ही नहीं रहीपुरा गांव के किसान कैलाश सालवे ने सोसायटी से कर्ज लेकर फसल लगाई थी, जो पूरी तरह नष्ट हो गई है.वहीं जिला प्रशासन के सर्वे की सुस्त रफ्तार ने किसानों की बेचैनी बड़ा दी है. प्रशासन के अधिकारी एक कमरे में बैठकर एसी रुम का मचा ले रहे हैं. वहीं अभी तक जिले में सर्वे का काम 50 फीसदी भी नहीं हो पाया है.

वहीं कलेक्टर का सर्वे को लेकर जो बयान आया है वो किसानों के लिए तुरंत राहत देने वाला साबित होता दिख नहीं रहा है. हालांकि कलेक्टर का कहना है कि फसलों का सर्वे कराया जा रहा है, सभी प्रभावित किसानों के खेतों में नुकसानी का सर्वे किया जाएगा और मुआवजा राशि दिलाई जाएगी.

Intro:बुरहानपुर। अतिवृष्टि से तबाह हुए जिलें के सैकड़ों किसानों को न तो सरकार से राहत मिली है, और ना ही अगली फसल की उम्मीद दिखाई दे रही हैं, एक पखवाड़े तक हुई लगातार बारिश से किसानों के खेत खलियान में रखें ज्वार, सोयाबीन, मक्का और कपास की फसलें अंकुरित होकर नष्ट हो चुकी है, हालत यह है कि पहले से कर्ज लेकर फसल बोने वाले किसानों के पास न तो खेत की सफाई के लिए पैसे बचे हैं, और न ही अगली फसल की बोवनी के लिए, कुछ किसानों ने अब तक मजदूरों को तक पैसे नहीं दिए हैं, इतना ही नहीं ग्राम रहीपुरा के किसान कैलाश सालवे ने सोसायटी से कर्ज लेकर फसल लगाई थी, जो पूरी तरह नष्ट हो गई है।


Body:उस पर जिला प्रशासन की सर्वे की सुस्त रफ्तार ने सरकार से जल्द मुआवजें की उम्मीद पर पानी फेर दिया है, प्रशासन एक पखवाड़े से ज्यादा समय से सर्वे कराने का राग अलाप रहा है, लेकिन अब तक 50 फीसदी सर्वे भी नही हो पाया है, आलम यह है कि अब तक हुए सर्वे का कोई आंकड़ा न तो कृषि विभाग के पास है और न जिला प्रशासन के पास, ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को सरकारी राहत का मरहम लगाने में ओर देर लगेंगी।


Conclusion:कई किसानों का आरोप है कि सर्वे दल द्वारा सही सर्वे नहीं किया जा रहा है, सर्वे के दौरान कई खेतों में बर्बाद हुई फसलों को नजर अंदाज कर रहे हैं, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई है, वही कलेक्टर राजेश कौल का कहना है कि सर्वे कराया जा रहा है, सभी प्रभावित किसानों के खेतों में नुकसानी का सर्वे किया जाएगा, और मुआवजा राशि दिलाई जाएगी।

बाईट 01:- रियासत मीर, किसान।
बाईट 02:- कैलाश सालवे, किसान।
बाईट 03:- पंकज कुमार, किसान।
बाईट 04:- राजू सालवे, किसान।
बाईट 05:- किसान।
बाईट 06:- सीताराम पवार, किसान।
बाईट 07:- राजेश कौल, कलेक्टर-बुरहानपुर।
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