बुरहानपुर। प्रदेश में हुई अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. वहीं सरकार भी किसानों के घाव पर मरहम लगाने की वजह उन्हें कुरेतने में लगी हुई है. बुरहानपुर में सैकडों ऐसे किसान हैं जिनकी ओलावृष्टि के कारण फसलें चौपट हो गई. जिले के किसान अभी तक अपने आंसू तक नहीं पौछ पाए हैं. वहीं उन्हें अब चिंता सात रही है कि वह क्या करेंगे.
किसान की जो फसलें खराब हुई है. उनमें ज्वार, सोयाबीन, मक्का और कपास की फसलें अंकुरित हैं जो अतिवृष्टि से नष्ट हो चुकी हैं, हालत यह है कि पहले से कर्ज लेकर फसल की बोवनी करने वाले किसानों के पास न तो खेत की सफाई के लिए पैसे बचे हैं, और न ही अगली फसल की बोवनी के लिए,
हालात यह बन गए हैं कि किसानों ने अब तक मजदूरों को तक पैसे नहीं दिए हैं, इतना ही नहीं रहीपुरा गांव के किसान कैलाश सालवे ने सोसायटी से कर्ज लेकर फसल लगाई थी, जो पूरी तरह नष्ट हो गई है.वहीं जिला प्रशासन के सर्वे की सुस्त रफ्तार ने किसानों की बेचैनी बड़ा दी है. प्रशासन के अधिकारी एक कमरे में बैठकर एसी रुम का मचा ले रहे हैं. वहीं अभी तक जिले में सर्वे का काम 50 फीसदी भी नहीं हो पाया है.
वहीं कलेक्टर का सर्वे को लेकर जो बयान आया है वो किसानों के लिए तुरंत राहत देने वाला साबित होता दिख नहीं रहा है. हालांकि कलेक्टर का कहना है कि फसलों का सर्वे कराया जा रहा है, सभी प्रभावित किसानों के खेतों में नुकसानी का सर्वे किया जाएगा और मुआवजा राशि दिलाई जाएगी.