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चालिहा उत्सव के 34वें दिन भगवान झूलेलाल को लगाया गया 56 भोग - भगवान झूलेलाल

बुरहानपुर में सिंधी समाज के चालिहा उत्सव के 34वें दिन भगवान झूलेलाल को 56 भोग लगाए गए.

सिंधी समाज के चालिहा उत्सव की धूम
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Published : Aug 19, 2019, 1:11 PM IST

बुरहानपुर। शहर में सिंधी समाज के चालिहा उत्सव की धूम चारों ओर देखने को मिल रही है. सिंधी समाज ने झूलेलाल मंदिर में उत्सव के 34वें दिन भगवान झूलेलाल को 56 भोग लगाया.

सिंधी समाज के चालिहा उत्सव की धूम

चालिहा उत्सव का सिंधी समाज में बड़ा महत्व है. ये उत्सव 40 दिनों का होता है, जिसमें झूलेलाल मंदिर में रोजाना विधि- विधान से पूजा- अर्चना और महाआरती कर प्रसाद वितरित किया जाता है. साथ ही समाज जन उपवास कर भगवान झूलेलाल की आराधना करते है. मान्यता है कि इससे भगवान झूलेलाल अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते है. इस पर्व के दौरान लोग सुबह- शाम भगवान झूलेलाल की भक्ति में लीन रहते है.

मंदिर समिति सदस्य धीरज नावानी ने बताया कि चालिहा उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां रोजाना 700 से अधिक महिला एवं पुरूष भक्त आरती में शामिल होते है.

बुरहानपुर। शहर में सिंधी समाज के चालिहा उत्सव की धूम चारों ओर देखने को मिल रही है. सिंधी समाज ने झूलेलाल मंदिर में उत्सव के 34वें दिन भगवान झूलेलाल को 56 भोग लगाया.

सिंधी समाज के चालिहा उत्सव की धूम

चालिहा उत्सव का सिंधी समाज में बड़ा महत्व है. ये उत्सव 40 दिनों का होता है, जिसमें झूलेलाल मंदिर में रोजाना विधि- विधान से पूजा- अर्चना और महाआरती कर प्रसाद वितरित किया जाता है. साथ ही समाज जन उपवास कर भगवान झूलेलाल की आराधना करते है. मान्यता है कि इससे भगवान झूलेलाल अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते है. इस पर्व के दौरान लोग सुबह- शाम भगवान झूलेलाल की भक्ति में लीन रहते है.

मंदिर समिति सदस्य धीरज नावानी ने बताया कि चालिहा उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां रोजाना 700 से अधिक महिला एवं पुरूष भक्त आरती में शामिल होते है.

Intro:बुरहानपुर के सिंधीबस्ती स्थित झूलेलाल मंदिर में सिंधी समाज द्वारा चालिहा उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां चालिहा उत्सव के 34 वें दिन भगवान झूलेलाल को 56 भोग चढ़ाया गया, सिंधी समाज के लोग इस पर्व के दौरान 40 दिनों तक रोजाना सुबह शाम भगवान झूलेलाल की भक्ति में लीन रहते हैं, रोजाना दोनों वक्त भक्तों द्वारा विधिविधान से पूजा अर्चना और महाआरती कर प्रसादी वितरीत की जाती हैं, इस दौरान करीब 700 से ज्यादा भक्तजन आरती में शामिल होते है, जहां भक्तिमय माहौल बन जाता हैं।Body:बता दें कि सिंधी समाज का यह चालीहा उत्सव 40 दिनों का होता है, जिसमें झूलेलाल मंदिर में रोजाना विधिविधान के साथ पूजा अर्चना की जाती हैं, इतना ही नहीं समाजजन उपवास कर भगवान झूलेलाल की आराधना करते हैं, मान्यता है कि भगवान झूलेलाल अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते है, मंदिर समिति सदस्य धीरज नावानी ने बताया कि चालिहा उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है, जहां रोजाना 700 से अधिक महिला एवं पुरूष भक्त आरती में शामिल होते है, चालिहा उत्सव का सिंधी समाज में बड़ा महत्व है, चालिहा उत्सव के समापन पर भंडारे का आयोजन किया जाता है।Conclusion:बाईट 01:- धीरज नावानी, समिति सदस्य झूलेलाल मंदिर।
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