बुरहानपुर। जिले के आदिवासी बाहुल्य धुलकोट क्षेत्र के ग्रामीणों ने चुनाव से पहले पुलिया निर्माण की मांग को लेकर अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया. दरअसल इस क्षेत्र में मुंडिया माल, मगरिया माल और सैलानी बाबा मिट्ठू माल को जोड़ने वाली पुलिया का घटिया निर्माण कराया गया था, घटिया निर्माण के चलते बारिश में बाढ़ के तेज बहाव से पुलिया का मलवा बह गया और तीनों जगह की पुलिया बीचो-बीच से टूट गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिया निर्माण के समय ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग किया गया था, इसके चलते पुलिया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. अब यहां वाहन से पहुंचना मुश्किल हो गया है, इस कारण ग्रामीणों में आक्रोश है. आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिया में पड़े गड्ढे में बैठकर "पुलिया नहीं तो वोट नहीं" के नारे लगाकर आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी है.
बहते पानी से होकर आवाजाही करने को मजबूर ग्रामीण: बता दें कि धुलकोट क्षेत्र के मुंडिया माल, मगरिया माल, सैलानी बाबा मिट्ठू माल से आवाजाही के लिए नदी पर पुलिया बनाया गया था, लेकिन यह पुलिया बाढ़ के तेज बहाव को झेल नही पाया और बाढ़ में टूटकर मलवा बह गया. अब इससे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई है, पुलिया के टूट जाने से ग्रामीणों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुलिया के अभाव में ग्रामीण नदी में बहते पानी से होकर आवाजाही करने को मजबूर हैं, इन क्षेत्रों में पहाड़ी नदी होने कारण यहां अचानक जलस्तर बढ़ जाता है, इस बीच यदि कोई ग्रामीण नदी पार करने की कोशिश करता है तो इसके चपेट में आने से ग्रामीणों के बहने का अंदेशा बना रहता है, जो कभी भी ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
ग्रामीणों ने की ये मांग: ग्रामीणों ने प्रशासन से रूपरेला नदी पर मजबूत पुलिया निर्माण करवाने की मांग की है, उनका कहना है "क्षेत्र में न केवल यह एक पुलिया टूटी है, बल्कि 3 जगह पुलिया टूटी है, लेकिन अब तक जिम्मेदार अधिकारियों ने इसकी सुध तक लेना मुनासिब नहीं समझा. जिम्मेदारों को जगाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया है, इससे इन तक ग्रामीणों की आवाज पहुंचे, ताकि इसकी सुध लेकर समस्या का निराकरण कराएं. अगर फिर भी हमारी सुनवाई नहीं होती है तो आगामी विधानसभा चुनाव का हम वहिष्कार करेंगे क्योंकि रोड नहीं तो वोट नहीं."