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बुरहानपुर में मदद की गुहार लेकर CM से मिलने आया गरीब परिवार, नहीं हो सकी मुलाकात, दिव्यांग बेटे को लेकर रोते रहे पिता - बुरहानपुर पिता बेटे सीएम से नहीं मिल पाए

Ladli Behna Sammelan: बुरहानपुर में लाड़ली पहना सम्मेलन में सीएम ने महिलाओं के खाते में सिंगल क्लिक के जरिए पैसे डाले. इस दौरान सम्मेलन में सीएम से मदद की आस लेकर पहुंचे दिव्यांग बेटे और उसके पिता को नहीं मिलने दिया गया. पिता बेटे के इलाज के लिए पैसों की मदद मांगने सीएम के पास पहुंचे थे.

Ladli Behna Sammelan
सीएम से नहीं मिल सका गरीब परिवार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 4, 2023, 8:33 PM IST

बुरहानपुर। एमपी के चुनावी समर में सीएम शिवराज एक के बाद एक घोषणाएं कर रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा आधी आबादी को साधने का काम सीएम ने किया है. अलग-अलग जिलों में लाड़ली बहना सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. उन्हें उनकी किश्त की राशि डाली जा रही है, लेकिन आधी आबादी के अलावा भी प्रदेश एक हिस्सा परेशान है, जिसकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है. ऐसा ही मामला बुरहानपुर से सामने आया. जहां दिव्यांग बेटे को लेकर मदद की गुहार लगाने पहुंचे पिता को सीएम से नहीं मिलने दिया गया.

सीएम तक नहीं पहुंच सका दिव्यांग बेटा और पिता: दरअसल, रेणुका मंडी में लाड़ली बहना सम्मेलन में एक गरीब परिवार दिव्यांग बेटे को लेकर मदद की गुहार लगाने के लिए आए पहुंचे थे, लेकिन सीएम तक परिवार नहीं पहुंच सका. किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते पिता व्हील चेअर से भीड़ को चीरते हुए दिव्यांग बेटे को लेकर किसी तरह मंच तक पहुंच गया, लेकिन कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री मंच से चले गए. कुछ नेताओं का दिव्यांग के परिवार की ओर ध्यान गया, लेकिन उन्होंने भी अनदेखा कर दिया. इस बीच मामला बढ़ा तो जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख पीड़ित परिवार के पास पहुंची. पूरे मामले को संज्ञान में लेकर परिवार की मदद का आश्वासन दिया.

बेटे के लिए इलाज के लिए नहीं है पैसे: दरअसल लोनी गांव निवासी नामदेव बिसन ने बताया कि "मेरा बेटा सचिन एक्सीडेंट में घायल हो गया था, हादसे के बाद से वह मानसिक संतुलन खो चुका है. दिमाग में गंभीर चोट आई है, वह किसी को पहचान भी नहीं पा रहा है. मैंने बेटे का हर संभव इलाज करवाया. बुरहानपुर, इंदौर में बड़े डॉक्टरों के पास ले गया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ. इंदौर में भी फायदा नहीं हुआ तो वापस बुरहानपुर बेटे को लेकर आ गया. आयुष्मान योजना में पुत्र का इलाज एक निजी अस्पताल में करवाया. यहां से 7 अगस्त को डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन बेटे की हालत में सुधार नहीं हुआ है. इसलिए बेटे को इलाज के लिए मुंबई ले जाना है. मुझे बेटे के इलाज के लिए पैसों की जरूरत है. मेरी जमा पूंजी इलाज में खर्च हो चुकी है, इसलिए आज मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आया था, इस दौरान मुख्यमंत्री से किसी ने मिलने नहीं दिया.

यहां पढ़ें...

सीएम ने लाड़ली बहना के खाते में डाले पैसे: वहीं सम्मेलन में सीएम ने सिंगल क्लिक के जरिए प्रदेशभर की 1 करोड़ 31 लाख लाड़ली बहनों के खातों में 1597 करोड़ की राशि वितरित की. साथ ही 397 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया. इस दौरान उनके साथ सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, कलेक्टर भव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार सहित कई नेता मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हुई. इन महिलाओं के सामने मुख्यमंत्री ने कहा 10 तारीख से आचार संहिता लगेगी. इसलिए 4 अक्टूबर को ही खातों में रुपए डाल रहा हूं. चुनाव के बाद फिर नियमित रुपए डाले जाएंगे.

बुरहानपुर। एमपी के चुनावी समर में सीएम शिवराज एक के बाद एक घोषणाएं कर रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा आधी आबादी को साधने का काम सीएम ने किया है. अलग-अलग जिलों में लाड़ली बहना सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. उन्हें उनकी किश्त की राशि डाली जा रही है, लेकिन आधी आबादी के अलावा भी प्रदेश एक हिस्सा परेशान है, जिसकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है. ऐसा ही मामला बुरहानपुर से सामने आया. जहां दिव्यांग बेटे को लेकर मदद की गुहार लगाने पहुंचे पिता को सीएम से नहीं मिलने दिया गया.

सीएम तक नहीं पहुंच सका दिव्यांग बेटा और पिता: दरअसल, रेणुका मंडी में लाड़ली बहना सम्मेलन में एक गरीब परिवार दिव्यांग बेटे को लेकर मदद की गुहार लगाने के लिए आए पहुंचे थे, लेकिन सीएम तक परिवार नहीं पहुंच सका. किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते पिता व्हील चेअर से भीड़ को चीरते हुए दिव्यांग बेटे को लेकर किसी तरह मंच तक पहुंच गया, लेकिन कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री मंच से चले गए. कुछ नेताओं का दिव्यांग के परिवार की ओर ध्यान गया, लेकिन उन्होंने भी अनदेखा कर दिया. इस बीच मामला बढ़ा तो जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख पीड़ित परिवार के पास पहुंची. पूरे मामले को संज्ञान में लेकर परिवार की मदद का आश्वासन दिया.

बेटे के लिए इलाज के लिए नहीं है पैसे: दरअसल लोनी गांव निवासी नामदेव बिसन ने बताया कि "मेरा बेटा सचिन एक्सीडेंट में घायल हो गया था, हादसे के बाद से वह मानसिक संतुलन खो चुका है. दिमाग में गंभीर चोट आई है, वह किसी को पहचान भी नहीं पा रहा है. मैंने बेटे का हर संभव इलाज करवाया. बुरहानपुर, इंदौर में बड़े डॉक्टरों के पास ले गया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ. इंदौर में भी फायदा नहीं हुआ तो वापस बुरहानपुर बेटे को लेकर आ गया. आयुष्मान योजना में पुत्र का इलाज एक निजी अस्पताल में करवाया. यहां से 7 अगस्त को डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन बेटे की हालत में सुधार नहीं हुआ है. इसलिए बेटे को इलाज के लिए मुंबई ले जाना है. मुझे बेटे के इलाज के लिए पैसों की जरूरत है. मेरी जमा पूंजी इलाज में खर्च हो चुकी है, इसलिए आज मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आया था, इस दौरान मुख्यमंत्री से किसी ने मिलने नहीं दिया.

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सीएम ने लाड़ली बहना के खाते में डाले पैसे: वहीं सम्मेलन में सीएम ने सिंगल क्लिक के जरिए प्रदेशभर की 1 करोड़ 31 लाख लाड़ली बहनों के खातों में 1597 करोड़ की राशि वितरित की. साथ ही 397 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया. इस दौरान उनके साथ सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, कलेक्टर भव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार सहित कई नेता मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हुई. इन महिलाओं के सामने मुख्यमंत्री ने कहा 10 तारीख से आचार संहिता लगेगी. इसलिए 4 अक्टूबर को ही खातों में रुपए डाल रहा हूं. चुनाव के बाद फिर नियमित रुपए डाले जाएंगे.

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