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अजब एमपी, गजब स्कूल: शौचालय बना किचन, नीम के पेड़ के नीचे लगती है क्लास - बुरहानपुर में शिक्षा व्यवस्था बेहाल

जिले की शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है. उत्कृष्ट विद्यालय के छात्रावास में शौचालय में ही किचन बना रखा है. बच्चे जमीन पर ही बैठकर खाना खाने को मजबूर हैं.

अजब एमपी, गजब स्कूल: शौचालय बना किचन
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Published : Jul 24, 2019, 10:05 PM IST

बुरहानपुर। जिले में शिक्षा व्यवस्था की अजीबो-गरीब तस्वीरें देखने को मिल रही हैं. जहां एक तरफ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज 20 कदम की दूरी पर स्थित उत्कृष्ट स्कूल के हॉस्टल में छात्रों का खाना बनाने के लिए शौचालय में किचन बना रखा है. वहीं गोराडिया गांव के शासकीय माध्यमिक शाला के भवन जर्जर हो चुके हैं. जिसकी वजह से मासूम बच्चों को नीम के पेड़ के नीचे बैठकर शिक्षा लेनी पड़ रही है.

अजब एमपी, गजब स्कूल: शौचालय बना किचन

जिले की शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है. उत्कृष्ट विद्यालय के छात्रावास में शौचालय में ही किचन बना रखा है. बच्चे जमीन पर ही बैठकर खाना खाने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं खाने के बाद बच्चे खुद ही अपनी प्लेटों को धोते हैं. यहां के छात्रों का कहना है कि 5 से अधिक बच्चे यहां का खाना खाने से बिमार हो चुके हैं.


खाना बनाने वाली महिलाओं का कहना है कि यह किचन आज ही शिफ्ट किया है और शौचालय की बात पर सफाई देते हुए कहती हैं कि ये शौचालय तो बंद है अभी तक चालू नहीं हुआ है. छात्रावास अधिक्षक जलाल अंसारी का कहना है कि जहां किचन सजाया है वह ऑफिस कक्ष है. बच्चे ज्यादा होने के कारण वहां पर सामान रखा गया है. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी पीएन पाराशर ने बताया कि अगर ऐसी कोई अव्यवस्था है तो हम वहां जाकर जांच करेंगे और उसके सुधार के लिए निर्देश देंगे.
वहीं गोराडिया गांव के मासूम बच्चे पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन जर्जर भवन में बैठने से भी डरते है. जिसके चलते मास्टर जी उन्हें नीम के पेड़ के नीचे बैठाकर पुरातन काल की तरह शिक्षा दे रहे हैं. इस संबंध में कलेक्टर राजेश कुमार कौल का कहना है कि अगर ऐसी स्थिति है तो अधिकारियों को भेज जांच की जाएगी.

बुरहानपुर। जिले में शिक्षा व्यवस्था की अजीबो-गरीब तस्वीरें देखने को मिल रही हैं. जहां एक तरफ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज 20 कदम की दूरी पर स्थित उत्कृष्ट स्कूल के हॉस्टल में छात्रों का खाना बनाने के लिए शौचालय में किचन बना रखा है. वहीं गोराडिया गांव के शासकीय माध्यमिक शाला के भवन जर्जर हो चुके हैं. जिसकी वजह से मासूम बच्चों को नीम के पेड़ के नीचे बैठकर शिक्षा लेनी पड़ रही है.

अजब एमपी, गजब स्कूल: शौचालय बना किचन

जिले की शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है. उत्कृष्ट विद्यालय के छात्रावास में शौचालय में ही किचन बना रखा है. बच्चे जमीन पर ही बैठकर खाना खाने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं खाने के बाद बच्चे खुद ही अपनी प्लेटों को धोते हैं. यहां के छात्रों का कहना है कि 5 से अधिक बच्चे यहां का खाना खाने से बिमार हो चुके हैं.


खाना बनाने वाली महिलाओं का कहना है कि यह किचन आज ही शिफ्ट किया है और शौचालय की बात पर सफाई देते हुए कहती हैं कि ये शौचालय तो बंद है अभी तक चालू नहीं हुआ है. छात्रावास अधिक्षक जलाल अंसारी का कहना है कि जहां किचन सजाया है वह ऑफिस कक्ष है. बच्चे ज्यादा होने के कारण वहां पर सामान रखा गया है. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी पीएन पाराशर ने बताया कि अगर ऐसी कोई अव्यवस्था है तो हम वहां जाकर जांच करेंगे और उसके सुधार के लिए निर्देश देंगे.
वहीं गोराडिया गांव के मासूम बच्चे पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन जर्जर भवन में बैठने से भी डरते है. जिसके चलते मास्टर जी उन्हें नीम के पेड़ के नीचे बैठाकर पुरातन काल की तरह शिक्षा दे रहे हैं. इस संबंध में कलेक्टर राजेश कुमार कौल का कहना है कि अगर ऐसी स्थिति है तो अधिकारियों को भेज जांच की जाएगी.

Intro:बुरहानपुर जिले में शिक्षा व्यवस्था की अजीब तस्वीरें देखने को मिल रही हैं, जहां जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज 20 कदम की दूरी पर स्थित उत्कृष्ट विद्यालय के हॉस्टल में छात्रों का खाना बनाने के लिए शौचालय में किचन सजा रखा हैं, और बच्चो से ही झूठे बर्तन धोला रहे है, यहां बच्चों को गुणवत्ता विहीन भोजन खिलाने से 5 बच्चे बिमार होकर घर लौट गए हैं, तो वहीं दूसरी तस्वीर गुराडीयां गांव की जहां शासकिय माध्यमिक शाला का भवन बिल्कुल ही जर्जर हो चुका हैं, जिसके कारण मासूमों को नीम के पेड के नीचे सीमेंट के पोल पर बैठकर शिक्षा लेने को मजबूर होना पड रहा हैं, यहीं कारण है कि जिले के 10 स्कूल ऐसे बने जहां का 10वीं का परिक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से भी कम आया, जिससे यहां के प्राचार्यो की तीन वेतन वृद्धि भी रोकी गई है।Body:बुरहानपुर जिले की शिक्षा बिल्कुल ही बदहाल हो चुकी हैं, यहां केवल प्रभुराम के भरोसे ही शिक्षा व्यवस्था चल रही हैं, तो वहीं उत्कृष्ट विद्यालय जिसके नाम से स्पष्ट हैं कि उत्कृष्ट छात्रों के लिए विद्यालय बना हैं, लेकिन यहां के छात्रावास की तस्वीर बडी अजीब हैं, शौचालय में किचन सजा रखा हैं, भोजन गुणवत्ताहिन जमीन पर बैठकर खाने को मजबूर बच्चे और झूठे बर्तन धोने को मजबूर बच्चे जब ऐसी तस्वीर होगी तो कैसे बढेगे और कैसे गढेगे ? यहां के छात्रों ने भी इस बात की पुष्टी की हैं कि यहा शौचालय में किचन सजा हुआ हैं, जिसके कारण यहां के 5 से अधिक बच्चे भोजन खाने से बिमार हो चुके हैं और घर वापस लौट गए तो वहीं खाना बनाने वाली महिलाओं को यह कहना है कि आज ही शिफ्ट किया हैं, तो वहीं मौजूदा चौकीदार ने भी इस प्रकार के भोजन को अच्छा नहीं माना हैं, वहीं छात्रावास अधिक्षक जलाल अंसारी का कहना है कि जहां किचन सजाया है वह आॅफिस का कक्ष हैं शायद मास्टरजी को वहां पर टाॅयलेट सीट नजर नहीं आई और फलश काॅक भी नजर नहीं आया ऐसे में मान सकते हैं कि अधिक्षक महोदय ना तो छात्रावास में रहते हैं और ना ही उन्हे यहां का कुछ मालूम है, वहीं जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं जाकर देखने की बात कह रहे हैं वहीं पहले तो कलेक्टर भी शौचालय में किचन सुनकर चौके और कहने लगे कि पहले तो वहां जांच करना पडेगा कि शौचालय चालू है या बंद किंतु बाद में कहा कि भले ही शौचालय बंद ही क्यों ना हो लेकिन यह गलत है।


Conclusion:यह शिक्षा की दुसरी तस्वीर हैं जहां मासूम पढना तो चाहते हैं लेकिन जर्जर भवन में बैठने से भी डरते है, जिसके चलते मास्टरजी उन्हे नीम के पेड के नीचे बैठाकर पुरातन काल की तरह शिक्षा दे रहे हैं, जहां इस संबंध में प्रधानपाठक एम एस देवडे से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि बिल्डींग मरम्मत योग्य है और जर्जर भी हो चुकी है पंखे भी जल चुके है जिसके कारण नीम के पेड के नीचे बैठकर पढाई की जा रही हैं, अब यदि नौनिहाल इस तरह पढते हैं तो बारिश आने पर कैसे पढ पाएगें ? इस संबंध में कलेक्टर राजेश कुमार कौल से चर्चा की तो उन्होने अधिकारीयों को भेज जांच की बात की है।

बाईट 01:- एमएस देवड़े, प्रधान पाठक।
बाईट 01ः- छात्र।
बाईट 02:- रसोइया महिला।
बाईट 03:- अल्लाह बक्ष, चौकीदार।
बाईट 04- जलाल अंसारी, छात्रावास अधिक्षक।
बाईट 05:- पी एन पाराशर, जिला शिक्षा अधिकारी।
बाईट 06:- राजेश कुमार कौल, कलेक्टर।
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