बुरहानपुर। जिले में डेंगू से हालात बिगडऩे लगे है. अभी 6 से ज्यादा गांव डेंगू की चपेट में आ चुके है. कुछ जगहों पर गांव की आधे से ज्यादा आबादी बीमार पड़ी है. इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है. स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन डेंगू पर काबू पाने के लिए जुट गया है. गांव-गांव में जांच टीमें रवाना की जा रही हैं. लार्वा की सर्चिंग का काम कराया जा रहा है, जहां लार्वा मिल रहा है, उसे नष्ट कर रहे हैं. जांच करने के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं. मरीजों को दवाई दी जा रही है.
ग्रामीणों का इलाज जारी : स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जरूरी सलाह दी जा रही है. डेंगू फैलने का कारण लोगों में जानकारी का अभाव और पंचायतों की लापरवाही भी है. हाल ही में निंबोला गांव में एक किसान की मौत हुई. इस किसान की मौत का कारण डेंगू बताया जा रहा है, लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में जांच पूरी नहीं की है. शहर के उपनगर लालबाग, ग्रामीण क्षेत्रों में फोपनार, लिंगा, बिरोदा, निंबोला, सीवल और शाहपुर क्षेत्र में डेंगू की दहशत है. इन गांवों से हर दिन डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. किसी गांव में संख्या बहुत ज्यादा है, वहां पर नियंत्रण के लिए ज्यादा कर्मचारी लगाए गए है.
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मरीज अस्पतालों में भर्ती : अधिकतर मरीज निजी अस्पतालों में आ रहे हैं. निजी अस्पतालों में रेपिड टेस्ट में मरीज डेंगू पाजिटिव पाए जा रहे है, लेकिन एलाइजा टेस्ट की सुविधा सिर्फ जिला अस्पताल में है. फोपनार गांव में करीब 15 दिन से बीमारी फैल रही है. कई लोग बीमार हो गए हैं. अधिकतर डेंगू से पीड़ित बताए जा रहे है. सूत्रों के मुताबिक गांव में अब तक 15 से ज्यादा डेंगू पाजिटिव पाए गए हैं. इसके अलावा 50 से ज्यादा संभावित मरीज हैं, जो जिला अस्पताल में भर्ती हैं. इसके अलावा अन्य निजी अस्पतालों में भी मरीज हैं. बिरोदा, सीवल, शाहपुर में भी यही हालात हैं. मलेरिया अधिकारी डॉ. सुनील रोमड़े, रविंद्र सिंह राजपूत, विजय सोनी सहित अन्य कर्मचारियों गांवों में इलाज में जुटे हैं.