बुरहानपुर। एमपी सरकार द्वारा भांजियों को दी जाने वाली योजनाओं पर सरकारी कर्मचारी अनियमितता करते नजर आ रहे हैं.(Ladli Laxmi Fraud Case) मामला नेपानगर का है. यहां एक बालिका का महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने लाडली लक्ष्मी का फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर थमा दिया. फर्जी प्रमाण पत्र का खुलासा तब हुआ जब परिजनों ने विभाग के पोर्टल पर प्रमाण पत्र की खोज बीन की. इसके बाद परिजनों ने कलेक्टर और एसडीएम सहित महिला एवं बाल विकास के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की है.
फर्जी प्रमाण-पत्र जारी: आपको बता दे कि, नेपानगर के वार्ड क्रमांक 16 शास्त्री नगर में रहने वाले कमलेश जयवंत की बेटी का जन्म 1 जनवरी 2021 को हुआ था. उन्होंने दिसंबर 2021 में लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए आंगनवाड़ी में आवेदन किया, लेकिन कई दिनों तक महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा हितग्राही को लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया. इसके बाद उसने सीएम हेल्पलाइन 181 का सहारा लिया तो विभाग पर उच्च अधिकारियों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया और शिकायत को बंद करने के लिए फर्जी प्रमाण-पत्र देकर निराकरण कर दिया.
प्रमाण पत्र में हुई गलती: आवेदक ने जब विभाग की वेबसाइट पर इसकी जांच की तो प्रमाण पत्र में बेटी के नाम के अलावा माता-पिता का नाम नहीं मिला. जो प्रमाण पत्र मिला उसमें जन्मतिथि, फोटो गलत और जारी करने की तारीख भी गलत मिली. परियोजना अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि, लाडली लक्ष्मी का जो प्रमाण पत्र जारी हुआ है. वह उनका ही है. आवेदन की संख्या ज्यादा होने के कारण गलती से प्रमाण पत्र में दूसरे बच्चे की फोटो लग गई है.
पहले भी हुई है अनियमितताएं: लाडली लक्ष्मी योजना में अनियमितता की शिकायत पहली बार नहीं है। पूरे जिले में प्रमाण पत्र में गलत जानकारी भरने, गलत फोटो और समय पर आवेदन भरने के बाद भी प्रमाण पत्र जारी नहीं होने की दर्जनों शिकायतें आती हैं। इन पर त्वरित निराकरण के लिए काम नहीं होता। लोग परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करते हैं। इन शिकायतों का जल्द निराकरण करने के चक्कर में कई बार गलत जानकारी भी दे दी जाती है।