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फिर जिंदा होगा गोविंदा! 4 साल लग गए खुद को जिंदा साबित करने में, सरकारी दस्तावेज में मार दिया था - बुरहानपुर जिंद साबित करने में लग गए 4 साल

बुरहानपुर के एक युवक को खुद को जिंदा साबित करने में 4 साल लग गए. पीड़ित को समग्र आईडी कार्ड में मृत घोषित कर दिया था. (burhanpur man proves himself alive after 4 years)

burhanpur man proves himself alive after 4 years
फिर जिंदा हो गया गोविंदा!
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Published : Jan 7, 2022, 6:25 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 6:35 PM IST

बुरहानपुर। जिले के ग्राम लोनी का युवक अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए 4 सालों से जद्दोजहद कर रहा है. वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. पीड़ित गोविंदा को समग्र आईडी में मृत घोषित कर दिया गया है, जिसके बाद गोविंदा को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब परिवार का मुखिया खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों में गुहार लगा रहा है. (burhanpur man declared dead in official document )

फिर जिंदा हो गया गोविंदा! 4 साल लग गए खुद को जिंदा साबित करने में

जिंदा है गोविंदा

पंचायत की लापरवाही के चलते पीड़ित अब शासन की हर योजना से वंचित है. पीड़ित युवक ने पंचायत से लेकर जिले के मुखिया कलेक्टर प्रवीण सिंह तक से गुहार लगाई है. कलेक्टर प्रवीण सिंह ने उसकी पीड़ा सुनते ही तत्काल जिला पंचायत को जांच के आदेश दे दिए हैं. अब गोविंदा ने राहत की सांस ली है.

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4 साल लगे खुद को जिंदा साबित करने में

कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा कि यह गलती है, इसमें सुधार किया जाएगा. अधिवक्ता विजय मेढ़े ने बताया कि यह बहुत बड़ी भूल है. इसके लिए जनपद पंचायत, जिला पंचायत जिम्मेदार है. कहते हैं अंत भला तो सब भला. खुद को जिंदा साबित करने के लिए गोविंदा को 4 साल लग गए. (govinda was dead in documents)

बुरहानपुर। जिले के ग्राम लोनी का युवक अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए 4 सालों से जद्दोजहद कर रहा है. वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. पीड़ित गोविंदा को समग्र आईडी में मृत घोषित कर दिया गया है, जिसके बाद गोविंदा को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब परिवार का मुखिया खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों में गुहार लगा रहा है. (burhanpur man declared dead in official document )

फिर जिंदा हो गया गोविंदा! 4 साल लग गए खुद को जिंदा साबित करने में

जिंदा है गोविंदा

पंचायत की लापरवाही के चलते पीड़ित अब शासन की हर योजना से वंचित है. पीड़ित युवक ने पंचायत से लेकर जिले के मुखिया कलेक्टर प्रवीण सिंह तक से गुहार लगाई है. कलेक्टर प्रवीण सिंह ने उसकी पीड़ा सुनते ही तत्काल जिला पंचायत को जांच के आदेश दे दिए हैं. अब गोविंदा ने राहत की सांस ली है.

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4 साल लगे खुद को जिंदा साबित करने में

कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा कि यह गलती है, इसमें सुधार किया जाएगा. अधिवक्ता विजय मेढ़े ने बताया कि यह बहुत बड़ी भूल है. इसके लिए जनपद पंचायत, जिला पंचायत जिम्मेदार है. कहते हैं अंत भला तो सब भला. खुद को जिंदा साबित करने के लिए गोविंदा को 4 साल लग गए. (govinda was dead in documents)

Last Updated : Jan 7, 2022, 6:35 PM IST
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