बुरहानपुर। नेपानगर ग्रामीण क्षेत्र के कुछ मजदूर स्पेशल ट्रेन से गांव पहुंचे. ये मजदूर पनवेल-रीवा श्रमिक स्पेशल ट्रेन से पनवेल से नेपानगर रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं. इस स्पेशल ट्रेन से 7 महिला, 5 पुरुष 4 बच्चे नेपानगर पहुंचे हैं. जहां नेपानगर की स्वास्थ्य विभाग टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उनके घरों की ओर रवाना कर 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन रहने की सलाह दी है.
वहीं प्रवासी मजदूर भाईदास जाधव ने बताया कि पिछले 6 महीने से वो काम करने बाहर गया था. 45 दिन से लगे लॉकडाउन के कारण वो वहीं फंस गया था. वो जब भी बाहर सामग्री लेने जाता था तो पुलिस प्रशासन डंडे मारकर वापस भगा देती थी. काम बंद होने के चलते उसके पास पैसे भी खत्म हो गए थे, जिसके चलते उसके सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया था. मजदूर ने बताया कि कई बार पैदल घर जाने का मन बनाया पर साथ में महिलाएं बच्चे और एक साथी पैर से अपंग था, इसलिए पैदल आना मुश्किल था. वहां के तहसीलदार ने हम मजदूरों को देवाले से बस में बैठाकर पनवेल रेलवे स्टेशन पहुंचाया. जिसके बाद ट्रेन में बैठकर पनवेल से नेपानगर पहुंचे हैं.
गौरतलब है कि चीन से फैला कोरोना वायरस अब हिंदुस्तान में अपना कहर बरपा रहा है. जिसको देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन किया हुआ है, इस बीच अन्य प्रदेशों से बाहर दो वक्त की रोजी रोटी कमाने गए लोगों की मुसीबत बढ़ गई हैं. जिसके बाद प्रवासी मजदूरों ने रेलवे पटरी और हाइवे से अपने गृह जिले की ओर रुख करना शुरू कर दिया है.
इस बीच कई लोग सैकड़ों किलोमीटर ही भूखे प्यासे पैदल यात्रा कर जैसे तैसे अपने गांव पहुंच रहे है. जिसके बाद केंद्र सरकार और प्रदेश सरकारों ने मिलकर बस और ट्रेन से प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश पहुंचाने का काम शुरू किया है.