भोपाल। राजधानी की लोकसभा सीट सहित प्रदेशभर की 29 लोकसभा सीटों पर युवा मतदाता हार और जीत में अपनी निर्णायक भूमिका अदा करेंगे. भोपाल लोकसभा सीट पर 56 हजार नए वोटर जुड़े हुए हैं. वहीं प्रदेश में नए वोटर्स की संख्या 10 लाख के करीब है. जिसके चलते राजनीतिक पार्टियां युवा वोटर्स को लुभाने में जुटे हुए हैं.
प्रदेश में 18 से 30 साल की आयु वर्ग वाले मतदाताओं की संख्या करीब 1.5 करोड़ है. जिसके चलते दोनों ही मुख्य पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस युवा वोटरों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आने के बाद जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, सचिन यादव, कमलेश्वर पटेल जैसे कई युवा नेताओं को अपनी कैबिनेट में जगह दी है.
वहीं युवा स्वाभिमान योजना के जरिए युवाओं को लुभाने की कोशिश की है. वहीं बीजेपी भी लगातार युवा मतदाताओं से संपर्क साधने के लिए संपर्क अभियान चला रही है. बीजेपी की युवा इकाई और एबीवीपी के जरिए बीजेपी कॉलेजों तक पहुंचकर युवा मतदाताओं के बीच अपना संदेश पहुंचा रही है.
युवा वोटरों की संख्या प्रदेश में सबसे ज्यादा
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा वोटरों की संख्या युवाओं की है. प्रदेश में 18 से 30 साल आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 51 लाख 40 हजार 89 मतदाता है. आयु वर्ग के हिसाब से देखा जाए, तो सबसे ज्यादा वोटरों की संख्या 20 से 29 साल के आयु वर्ग की है. जीत-हार की भूमिका में युवा वोटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
18 से 19 आयु वर्ग के वोटर - 1,360,554
20 से 29 आयु वर्ग के वोटर - 1,37,79,535
30 से 39 आयु वर्ग के वोटर - 1,31,83,982
विधानसभा के बाद प्रदेश में बढ़ गए 9.5 लाख से ज्यादा वोटर्स
विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में 9 लाख 68 हजार 941 मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. यह मतदाता आगामी लोकसभा चुनाव में पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. विधानसभा चुनाव के दौरान भोपाल के 7 विधानसभा क्षेत्रों और सीहोर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 20 लाख 51 हजार 929 थी, जो अब बढ़कर 21 लाख 8031 हो गई है. माना जा रहा है कि यह नए वोटर हार और जीत में अहम भूमिका निभाएंगे. मतदाताओं की संख्या देखी जाए तो पिछले 5 सालों में मतदाताओं की संख्या में 6.88 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है.