भोपाल। प्रदेश में आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अरेरा हिल्स स्थित कार्यालय में अधिकारियों को प्रशिक्षण हेतु कार्यशाला आयोजित की गई है. इस कार्यशाला के दौरान बताया गया कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से ना करते हुए ईवीएम के माध्यम से ही कराए जाएंगे. अधिकारियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा इस तरह की कार्यशाला लगातार की जा रही है.
मध्य प्रदेश निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने नगरीय निकायों और पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता सूची के पर्यवेक्षण के लिए नियुक्त प्रेक्षकों की कार्यशाला में कहा कि आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव ईवीएम से ही कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि त्रुटिरहित मतदाता सूची बनाना आयोग का पहला उद्देश्य है. मतदाता का नाम एक ही स्थान पर होना चाहिए. निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि पर्यवेक्षक यह देखें कि मतदाता सूची में दावे-आपत्तियों के लिए समुचित व्यवस्था की गई है कि नहीं? दावे-आपत्ति केन्द्र में बैनर लगवाएं और वो नियमित रूप से खुलें. उन्होंने बताया कि वार्डों के परिसीमन के आधार पर प्रारूप मतदाता सूची बनाई गई है.
आयोग की उपसचिव अजीजा सरशार जफर ने कहा कि कंट्रोल टेबल का वेरीफिकेशन ठीक ढंग से होना चाहिए. उन्होंने पिछले आम-चुनाव के दौरान बनाई गई मतदाता सूची में आई त्रुटियों की ओर प्रेक्षकों का ध्यान आकृष्ट किया. उन्होंने कहा कि इस तरह की त्रुटियों की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए. प्रेक्षक 16 से 20 मार्च और 29 अप्रैल से 4 मई तक जिलों में रहेंगे.
अवर सचिव प्रदीप शुक्ला ने नगरीय निकायों की फोटोयुक्त मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के निर्देश भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि नगरीय निकायों के लिए 244 और पंचायत चुनावों के लिए 534 अतिरिक्त मतदान केन्द्र बनाए जा सकते हैं. मतदाता सूची से संबंधित जानकारी के लिए आयोग और एमपीएसईडीसी में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं.
एमपीएसईडीसी के प्रबंधक राजेश दिघे ने मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी. कार्यशाला में आयोग के सचिव दुर्ग विजय सिंह, ओएसडी सुनीता त्रिपाठी, उप सचिव अरूण परमार, उप सचिव सुतेश शाक्या और प्रेक्षक उपस्थित थे.