भोपाल। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव संचालन समितियों की बैठकों के जरिए भाजपा ने नई गाइडलाइन तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है. बीजेपी जनता के बीच यह संदेश देना चाहती है कि स्थानीय निकाय चुनाव भी आम चुनाव की तरह लड़े जाएं. इन्हीं सब मुद्दों पर नगरीय निकाय चुनाव संचालन समिति की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, चुनाव संचालन समिति के पदाधिकारी उमाशंकर गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. पार्टी के मुताबिक नगरी निकाय चुनाव के टिकट को लेकर क्राइटेरिया क्या होगा, इस पर गाइडलाइन तय की जा रही है.
बीजेपी में कई मुद्दों पर विमर्श : बीजेपी में विधायकों की उम्र ,परिवारवाद के रूप में नेता मंत्री और पुत्रों परिजनों को और पट्ठावाद के आधार पर टिकट वितरण का विरोध होता रहा है. साथ ही केंद्र की गाइडलाइन में भी इसको लेकर कई बार संदेश भी दिया जा चुका है. चुनाव संचालन समिति की बैठक में यह भी तय किया गया कि महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष के टिकट वितरण में विधायकों को टिकट नहीं मिलेगा. मंत्रियों के परिजनों को टिकट दिए जाने, दो से अधिक चुनाव लड़ चुके नेताओं को टिकट देने या फिर उम्र का बंधन तय करने की रणनीति पर मंथन हुआ.
युवाओं को मिलेगी तरजीह : हालांकि मंत्रियों के परिजन, दो से अधिक चुनाव लड़ चुके नेता और उम्र के बंधन पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है. संगठन चुनावों में उम्र की लिमिट तय हो चुकी है, हालांकि संगठन चुनाव में जिला अध्यक्षों के लिए 55 साल और मंडल अध्यक्षों के लिए 40 साल की लिमिट तय कर दी गई थी तो ऐसे में उम्र का क्राइटेरिया तय कर युवाओं को ज्यादा तरजीह दी जाएगी और यही फार्मूला पंचायत चुनाव के मामलों में भी लागू किया जा सकता है. (Will BJP able to put brakes on familism) (Local body election and BJP)