भोपाल| प्रदेश में चल रहे कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासनिक कार्य में भी लगातार बाधा उत्पन्न हो रही है. जिसकी वजह से शासकीय कामकाज पर सीधा असर दिखाई देने लगा है. यही वजह है कि 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे गेहूं उपार्जन के कार्य की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है. मंत्रालय में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि 1 अप्रैल से गेहूं उपार्जन के कार्य की तिथि निर्धारित की गई थी. लेकिन कोरोना पर नियंत्रण की सर्वोच्च प्राथमिकता के कारण पुनः तिथि का निर्धारण कर जिलों के कलेक्टरों को अवगत कराया जाएगा.
मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जिला कलेक्टरों से गेहूं उपार्जन के संबंध में बातचीत की है. जानकारी के मुताबीक सभी कलेक्टरों ने 1 अप्रैल से गेहूं उपार्जन के कार्य को ना करने के लिए सहमति दी थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर से चर्चा करने के बाद गेहूं उपार्जन की तिथि पुनः निर्धारण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल से गेहूं उपार्जन के कार्य की तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन कोरोना पर नियंत्रण की सर्वोच्च प्राथमिकता के कारण तिथियों का पुन: निर्धारण किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कृषकों को फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर उपलब्ध कराने, हार्वेस्टर और अन्य कृषि उपकरणों की सर्विसिंग और सुधार की व्यवस्था और अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करने, इन वाहन चालकों के लिए 25-30 किलोमीटर की दूर पर एक ढाबे के माध्यम से भोजन व्यवस्था उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं.