भोपाल। मानसून की बारिश का इंतजार लोग जोरों शोरों से कर रहे थे. मौसम विभाग की भविष्यवाणियों ने भी उम्मीद जगाई थी लेकिन दिन बीते और बादल उस तरह नहीं बरसे जैसी उम्मीद थी. मौसम वैज्ञानिकों ने इसके पीछे कई तर्क दिए हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके मुख्य कारण विंड पैटर्न का सपोर्ट ना करना, स्ट्रांग सिस्टम का एक्टिव न होना, लो प्रेशर एरिया ठीक से नहीं बन पाना ऐसे कई कारण हैं.
अगले 24 घंटे में प्रदेश में बारिश के हाल
मौसम विभाग ने भोपाल, शहडोल, होशंगाबाद, जबलपुर, उज्जैन संभाग के ज्यादातर जिलों में बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है. इसके अलावा इंदौर, खंडवा, खरगोन, धार, सागर, छतरपुर और टीकमगढ़ में भी बिजली गिरने की संभावना है. इसके अलावा जबलपुर, शहडोल, सागर, रीवा, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और हाेशंगाबाद संभाग में कुछ जिलों में गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की भी संभावना जताई गई है.
अधिकतम तापमान मे हो रही बढ़ोतरी
मानसून के सक्रिय और अपेक्षित बारिश नहीं होने के चलते तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. मध्य प्रदेश के 4 बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में तापमान सामान्य से ज्यादा है. भोपाल का तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 33 डिग्री पर बना हुआ है. इंदौर सामान्य से तीन डिग्री अधिक 33 डिग्री ग्वालियर सामान्य से छह डिग्री अधिक 40 डिग्री पर बना हुआ है. सभी जगह अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
8 जिलों में 50 फीसदी से भी कम बरसात
प्रदेश में बारिश महज 8 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई है. वहीं, 8 जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा 50 फीसदी से भी कम का है. इस दौरान देखा गया कि कभी पूर्वी तो कभी पश्चिमी मप्र में तेज बारिश हो रही है. कहीं औसत भी रही तो कहीं औसत से आधी बारिश भी नहीं हुई है. इस बार सबसे ज्यादा बारिश को ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ मालवा -निमाड़ तरसा है.
मौसम एक्सपर्ट मानते हैं कि विंड पैटर्न का सपोर्ट ना करना एक बड़ा कारण रहा. इस वजह से लो प्रेशर एरिया ठीक से नहीं बन पाया. जो बने, वो जल्दी से कमजोर हो गए , या फिर उनका मूवमेंट ठीक नहीं रहा. कुछ समय पहले एक कम दबाव का क्षेत्र बना, लेकिन हवा की दिशा नहीं रही और वह बिहार की ओर बढ़ गया.
इसके बाद झारखंड में भी एक सिस्टम डेवलप हुआ, लेकिन इसका मूवमेंट इतना तेज था कि यह एक ही दिन में मप्र काे क्रॉस करता हुआ गुजरात पहुंच गया. यही वजह रही कि सिस्टम एक्टिव होने के बाद भी उम्मीद के अनुसार बारिश नहीं हुई.
उम्मीद अब भी बाकी है
मौसम वैज्ञानिक अब भी बारिश की संभावना से इनकार नहीं कर रहें हैं. उनके मुताबिक 20 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बन रहा है. उससे बारिश की संभावना बन रही है. गुजरात और राजस्थान तरफ अभी मानसून थोड़ा एक्टिव है. इसका ही असर रहेगा कि मालवा-निमाड़ में हल्की बारिश होती रहेगी. हालांकि टुकड़ों-टुकड़ों में ही पानी गिरेगा.
जुलाई का महीना आधा बीत चुका है. ऐसे में उम्मीद अब अगस्त से है. हालांकि यदि 10 दिन भी अच्छी बारिश हो गई, तो बारिश का कोटा पूरा हो सकता है. प्रदेश में जुलाई और अगस्त में ही अच्छी बारिश होती है.