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भोपाल: नगर निगम की लापरवाही के कारण लाखों गैलन पानी सड़क पर बहकर हो रहा बर्बाद

भोपाल के कोलार में नगर निगम की लापरवाही के कारण लाखों गौलन पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है. एक तो भीषण गर्मी ऊपर से जलसंकट के बीच हो रही इस लापरवाही से लोगों में नाराजगी है.

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Published : Apr 11, 2019, 9:40 AM IST

लाखों गैलन पानी रोज हो रहा बर्बाद

भोपाल। गर्मी के मौसम में राजधानी में जलसंकट देखने को मिल रहा है. एक तो सूरज की तपिश ऊपर से पानी की किल्लत ने लोगों को बेहाल कर दिया है. ऊपर से कोलार इलाके में लाखों गैलन पानी लापरवाही से बहाया जा रहा है.

कोलार क्षेत्र में करीब 2 सालों से पेयजल समस्या है, जिसका हल निकालने के लिए पाइप लाइन डालने का काम शुरू तो हुआ था, लेकिन पिछले 6 महीने से ये काम बंद पड़ा है. सीवरेज की समस्या को हल करने के लिए भी पिछले 1 साल से पाइप लाइन डालने का काम शुरू किया गया है, जिसकी वजह से क्षेत्र की हालत खराब हो गई है. पेयजल और सीवरेज के लिए सड़कों को खोद दिया गया है. न तो कोई काम पूरा हो रहा है और न तो कोई इसकी सुध ले रहा है. लापरवाही के चलते पानी सड़कों पर बहकर बर्बाद हो रहा है.

लाखों गैलन पानी रोज हो रहा बर्बाद

रहवासियों का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि ये काम अगले पांच सालों में भी पूरा हो सकेगा. जहां एक तरफ प्रशासन पानी को बचाने की बात कर रहा है, तो वहीं नगर निगम की उदासीनता के चलते पीने का पानी बर्बाद हो रहा है, जिसकी वजह से सड़कों पर कीचड़ भी फैल गया है और लोगों को आवाजाही में भी परेशानी हो रही है.

भोपाल। गर्मी के मौसम में राजधानी में जलसंकट देखने को मिल रहा है. एक तो सूरज की तपिश ऊपर से पानी की किल्लत ने लोगों को बेहाल कर दिया है. ऊपर से कोलार इलाके में लाखों गैलन पानी लापरवाही से बहाया जा रहा है.

कोलार क्षेत्र में करीब 2 सालों से पेयजल समस्या है, जिसका हल निकालने के लिए पाइप लाइन डालने का काम शुरू तो हुआ था, लेकिन पिछले 6 महीने से ये काम बंद पड़ा है. सीवरेज की समस्या को हल करने के लिए भी पिछले 1 साल से पाइप लाइन डालने का काम शुरू किया गया है, जिसकी वजह से क्षेत्र की हालत खराब हो गई है. पेयजल और सीवरेज के लिए सड़कों को खोद दिया गया है. न तो कोई काम पूरा हो रहा है और न तो कोई इसकी सुध ले रहा है. लापरवाही के चलते पानी सड़कों पर बहकर बर्बाद हो रहा है.

लाखों गैलन पानी रोज हो रहा बर्बाद

रहवासियों का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि ये काम अगले पांच सालों में भी पूरा हो सकेगा. जहां एक तरफ प्रशासन पानी को बचाने की बात कर रहा है, तो वहीं नगर निगम की उदासीनता के चलते पीने का पानी बर्बाद हो रहा है, जिसकी वजह से सड़कों पर कीचड़ भी फैल गया है और लोगों को आवाजाही में भी परेशानी हो रही है.

Intro: ( स्पेशल स्टोरी )

एक तरफ सूखे की स्थिति तो वहीं दूसरी और लापरवाही से बहाया जा रहा है लाखों गैलन पानी


भोपाल राजधानी भोपाल में गर्मी को देखते हुए पहले ही जिला कलेक्टर के द्वारा पानी को बचाने के निर्देश जारी किए गए हैं साथ ही जिला भोपाल में कहीं भी नई बोरिंग ना होने के निर्देश भी दिए गए हैं प्रशासन की मंशा साफ है कि गर्मी को देखते हुए पानी की बचत की जाए ताकि लोगों तक पीने का पानी समुचित मात्रा में पहुंचाया जा सके लेकिन भोपाल नगर निगम की लापरवाही की वजह से राजधानी के कोलार क्षेत्र में प्रत्येक दिन लाखों गैलन पानी बहाया जा रहा है कोलार क्षेत्र में केरवा डैम से रहवासियों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए इस क्षेत्र के 60 प्रतिशत क्षेत्र में पाइप लाइन का काम संपन्न हो चुका है लेकिन अधिकांश जगह अब तक लोगों को नल के कलेक्शन नहीं दिए गए हैं वहीं दूसरी ओर पेयजल के लिए डाली गई लाइन में इतनी लापरवाही बरती गई है कि रोज पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो रही है जिसकी वजह से लाखों गैलन पानी सड़कों पर बह रहा है.

कोलार क्षेत्र में हम आपको दो प्रकार के नजारे दिखाने जा रहे हैं जहां एक तरफ महिलाएं कई कई घंटे लाइन में लगकर कोलार पाइप लाइन में हो रहे रिसाव से अपने घर के लिए पानी भर रही है तो वहीं दूसरी ओर लाखों गैलन पानी सड़कों पर बिखरा पड़ा है .


Body:कोलार क्षेत्र में करीब 2 वर्षों से लगातार पेयजल समस्या को हल करने के लिए पाइप लाइन डालने का काम शुरू हुआ था जो पिछले 6 माह से बंद पड़ा है इसके साथ ही सीवरेज की समस्या को हल करने के लिए भी पिछले 1 वर्ष से पाइप लाइन डालने का काम शुरू किया गया है अबे क्षेत्र की हालत यह हो गई है कि पहले से बनी हुई सड़कें पेयजल और सीवेज लाइन के नाम पर खोद दी गई है इस काम में भी इतनी लापरवाही बरती गई है की जगह जगह पाइपलाइन प्रत्येक दिन क्षतिग्रस्त हो रही है जिसकी वजह से यहां पर लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया है जिस क्षेत्र में पिछले 30 वर्षों से पीने के पानी की समस्या बनी हुई है अब उसी क्षेत्र में लोगों को तो पानी नहीं मिल रहा है अलबत्ता पीने का पानी सड़कों पर जरूर बदस्तूर बहाया जा रहा है


Conclusion:क्षेत्र के लोगों का कहना है कि 2 वर्ष पहले नगर निगम के द्वारा पेयजल समस्या को देखते हुए पीने के पानी की लाइन डालने का काम शुरू किया गया था लेकिन यह काम पिछले 6 माह से बंद पड़ा है वहीं 1 वर्ष पहले सीवेज की समस्या को हल करने के लिए केंद्र सरकार की योजना के माध्यम से यहां पर काम शुरू हुआ था लेकिन अब कोलार क्षेत्र की सड़कों की हालत यह हो गई है कि पहले पेयजल के लिए सड़कों को खोदा गया लेकिन सड़कों को पुनः निर्माण नहीं किया गया इसके ठीक बगल में सीवेज के लिए लाइन को दी गई और अब कंक्रीट की बनी यह साल के पूरी तरह से मिट्टी और गड्ढों में तब्दील हो गई है .


रहवासियों का कहना है कि प्रत्येक दिन पेयजल की लाइन क्षतिग्रस्त हो रही है और लाखों गैलन पानी सड़कों पर बहाया जा रहा है गर्मी के इस मौसम में जहां एक तरफ प्रशासन पानी को बचाने की बात कर रहा है तो वहीं नगर निगम भोपाल की उदासीनता के चलते पीने का पानी बर्बाद हो रहा है वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर मिट्टी होने के कारण पूरी सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गई है जिसकी वजह से गाड़ियां इन सड़कों में बने गड्ढे में रोज फस रही है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लोगों का कहना है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र में आना भी मुनासिब नहीं समझते हैं यही वजह है कि अब यह समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है लोगों का मानना है कि क्षेत्र में पेयजल और सीवेज की लाइन डाल दी गई है वहां प्रशासन को जल्द से जल्द सड़क बनाने का काम करना चाहिए ताकि इस प्रकार की स्थिति निर्मित ना हो .
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