भोपाल। नगर निगम में पार्षदों और महापौर का कार्यकाल फरवरी माह में ही समाप्त हो चुका है, बावजूद इसके अभी तक आरक्षण की प्रक्रिया शुरु नहीं हो पाई है. नगर पालिक निगम भोपाल के वार्ड आरक्षण के लिए तीन बार तिथि घोषित की गई है. लेकिन हर बार किसी ना किसी कारण की वजह से इसे स्थगित कर दिया जा रहा है. वहीं फिर से भोपाल कलेक्टर ने शनिवार को होने वाली बाढ़ आरक्षण की प्रक्रिया को आगामी आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
बता दें कि नगर पालिक निगम भोपाल ने वार्ड आरक्षण के लिए पिछले दो माह में तीन तिथियां तय की हैं, लेकिन हर बार इसे स्थगित करना पड़ा है. इससे पहले दो बार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए भोपाल कलेक्टर ने प्रक्रिया को स्थगित कर दिया था. जिसके बाद 29 अगस्त 2020 को भोपाल जिले के सभी 85 वार्डों का आरक्षण किया जाना तय किया गया था, लेकिन फिर से कोरोना संक्रमण, त्योहार और भारी बारिश के कारण वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है.
इस संबंध में भोपाल कलेक्टर ने आदेश जारी कर बताया कि 14 अगस्त 2020 को आदेश जारी किया गया था. जिसके तहत 29 अगस्त 2020 दिन शनिवार को नगरीय निकायों के आम निर्वाचन 2020 के परिपेक्ष में नगर पालिक निगम भोपाल के सभी 85 वार्डों का आरक्षण गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के ऑडिटोरियम हॉल में किया जाना था. लेकिन उस दिन ढोल ग्यारस, मोहर्रम और भारी बारिश होने की संभावना से आम जनता का आरक्षण की प्रक्रिया में शामिल होना संभव नहीं है.
जिसे देखते हुए शनिवार को होने वाली नगर पालिक निगम भोपाल के वार्ड आरक्षण की कार्रवाई आगामी आदेश तक स्थगित कर दी गई है. बता दें कि नगर निगम भोपाल का कार्यकाल फरवरी में समाप्त हो गया था, इसके बाद राज्य शासन के द्वारा प्रशासक नियुक्त किया गया था.
बता दें यह व्यवस्था फिलहाल भोपाल संभागआयुक्त कविंद्र कियावत संभाल रहे हैं , लेकिन नगर निगम के चुनाव को लेकर लगातार सरकार से मांग की जा रही थी. कोरोना संक्रमण की वजह से भी नगर निगम के चुनाव पर सीधा असर पड़ा है. जिसकी वजह से मार्च में होने वाले चुनाव अब तक नहीं हो पाए हैं. जिसकी वजह से 85 वार्डों में पार्षदों का पद रिक्त पड़ा हुआ है. वहीं महापौर का पद भी रिक्त है जिसकी वजह से नगर निगम के कामकाज पर भी सीधा असर पड़ रहा है, जिसके बाद सारा जिम्मा अधिकारियों के कंधों पर ही टिका हुआ है.
वहीं जब तक भोपाल के सभी 85 वार्डों का आरक्षण नए सिरे से नहीं होता है तब तक चुनावी प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ सकती है. बताया जा रहा है कि शहर के वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया 15 सितंबर के बाद की जा सकती है . इसके बाद ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी.