भोपाल। “ऐसा न हो कि मैं तुम्हारे मोहल्ले में आऊं तो कहो कि भैया नाली का क्या हुआ. इसकी बजाय ये कहना कि भैया हमारी भौजाई कैसी हैं? हमारे भतीजे भतीजी कैसे हैं? क्योंकि अब यह रिश्ता सड़क बिजली पानी का नहीं है. मेरे तुम्हारे रिश्ते सड़क, पानी और बिजली से ऊपर हैं. वोट और चुनाव से ऊपर है. मेरे तुम्हारे रिश्ते आसमान छूने वाले हैं. आपको विश्वास दिलाता हूं कि जब तक विश्वास सारंग रहेगा, तब तक रिश्ता कायम रहेगा.” यह भाषण विश्वास सारंग ने अपने ही विधानसभा क्षेत्र नरेला के सुभाष नगर में आयोजित कार्यक्रम में दिया.
7 हजार बहनों का राखी बांधने का कार्यक्रम: इसके साथ ही अपने चुनावी कैंपेन की भी शुरूआत कर दी. सारंग बोले कि "अब रिश्ते फेसबुक तक सीमित हो गए हैं. पिचकारी तो बहुत चलती है, लेकिन रंग नहीं लगता है. बड़ी-बड़ी राखियां फेसबुक पर बांधी जाती है, लेकिन हम उससे आगे हैं और आप घंटों इंतजार करती हैं और फिर मुझे राखी बांधती हाे. नरेला के सुभाष नगर में राखी का दूसरा कार्यक्रम था. इसके पहले दशहरा मैदान छोला मंदिर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. करीब 7 हजार बहनों द्वारा राखी बांधने का कार्यक्रम किया गया था. इस कार्यक्रम का यह 14वां वर्ष है. इसे विश्व रिकार्ड में भी दर्ज करवाने की तैयारी की जा रही है. हालांकि इस बार ऐसा नहीं हुआ.
उपहार में दिया बीजेपी चुनाव चिन्ह वाला छाता: सुभाष नगर के कार्यक्रम में राखी बंधवाने के बाद विश्वास सारंग ने सभी बहनों को एक एक छाता दिया. यह छाता बीजेपी के चुनाव चिन्ह वाला था. विश्वास सारंग इसके पहले वर्ष 2013 में उज्जैन कुंभ में एक छाता यात्रा निकाल चुके हैं, जो काफी चर्चा में रही थी. विश्वास सारंग ने कहा कि "अरबपति तो नहीं हूं, होता तो एक-एक कार या बंगला दे देता. बहनों प्यार दुलार से एक-एक छाता दे रहा हूं. यह केवल इसलिए नहीं बारिश के पानी से रक्षा हो, चमचमाती धूप में छाया मिल जाए. पहला छाता हनुमान जी को दिया कि उनके घर पर छत दे देना और कोई विपत्ती और संकट नहीं आए.
विश्वास सारंग ने कहा "हर वर्ष लाखों की संख्या में बहनें मुझे राखी बांधती हैं. मैंने हमेशा कहा है कि विश्वास सारंग नेता नहीं, बेटा और भाई है. उसका अनुसरण करते हुए बहनें मुझे हजारों की संख्या में राखी बांधती है. मुझे इतना स्नेह और प्रेम मिलता है. राजनीति की रपटीली राहों में केवल जनता और नेता के संबंधी सड़क बिजली पानी तक नहीं रहे. काम और वोट, चुनावी और चुनावी संघर्ष तक नहीं रहे. इसकी परंपरा हमने शुरू की है. मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता है, लाखों बहनों ने राखी बांधकर मेरे रिश्ते को और प्रगाझू मांगा. गिफ्ट छोटी बात है. मुख्य मुद्दा है कि बहनों का प्यार और आपसी समन्वय बने."
चंद्रयान राखी रही चर्चा का केंद्र: विश्वास सारंग को बहनों ने कई प्रकार की राखी बांधी, लेकिन इनमें से चंद्रयान राखी चर्चा का केंद्र रही. यह राखी तैयार की थी इच्छा ठाकुर ने. इच्छा ने बताया कि दो दिन लगे राखी बनाने में और इसलिए बनाई कि यह हमारे देश का गौरव है.
नरेला विधानसभा जबसे बनी, विश्वास का है कब्जा: नरेलाा विधानसभा पहली बार वर्ष 2008 में बनी थी. पहली विश्वास सारंग और कांग्रेस से सुनील सूद आमने सामने आए, लेकिन जीत विश्वास सारंग को मिली. दूसरी बार भी सुनील सूद ने ताल ठोकी, लेकिन फिर भी हार मिली. तीसरी बार यानी वर्ष 2018 में महेंद्र सिंह चौहान ने कांग्रेस के टिकट पर विश्वास सारंग के खिलाफ चुनाव लड़ा और वे हार गए. अब चौथी बार मनोज शुक्ला का नाम सामने आ रहा है. माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से उन्हें हरी झंडी मिल गई है और वे विश्वास सारंग के स्टाइल में जनता को अपनी तरफ खींच रहे हैं. कमाल की बात यह है कि मुस्लिम वोट बाहुल्य वाला इलाका होने के बाद भी विश्वास सारंग की यहां पैठ मजबूत है.