भोपाल। सड़क सुरक्षा विषय पर सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति की लीड एजेन्सी पीटीआरआई द्वारा एक-दिवसीय वर्चुअल ट्रेनिंग यातायात के अधिकारी और कर्मचारियों को दी गई. जिसमें आरक्षक, प्रधान आरक्षक, उप निरीक्षक, सूबेदार स्तर के प्रशिक्षाणार्थी जिला बल से शामिल हुए. प्रशिक्षण में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई द्वारा सड़क सुरक्षा के संबंध में सुप्रीम कोर्ट कमेटी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया. इन्हें क्रैश इन्वेस्टीगेशन ब्लैक स्पॉट, सड़क दुर्घटना के विभिन्न कारणों के विषय में जानकारी दी गई. वर्चुअल ट्रेनिंग लीड एजेन्सी पीटीआरआई की प्रशिक्षण शाखा द्वारा आयोजित कराई गई. ट्रेनिंग में प्रभारी ज्योत्सना सिंह, उप निरीक्षक राखी मौर्य और पूजा त्रिपाठी उपस्थित थीं.
सड़क दुर्घटना को लेकर हुए सवाल जवाब-
प्रशिक्षणार्थियों से भी उनके दृष्टिकोण में सड़क दुर्घटना के विभिन्न कारणों के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न किए गए, जिसका जवाब उन्होंने संवेदनशीलता से दिया. अधिकांश लोगों का कहना था कि सड़क दुर्घटना में प्रमुख कारण रोड या मोड़ की गलत संरचना (इंजीनियरिंग) और ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं करना है. कुछ का ये भी कहना था कि वाहन का गलत दिशा में ओवरटेक, वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर बात करना और हेलमेट न पहनना, शराब का सेवन कर गाड़ी चलाना, ओवरलोडिंग, गाड़ी की फिटनेस खराब होना आदि सड़क दुर्घटना को आमंत्रण देने के प्रमुख कारण हैं.
एडीजी सागर ने इस दौरान संबोधित करते हुए कहा कि जीवन सभी का अनमोल है, पुलिस का दायित्व देशभक्ति जन सेवा है. प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया कि जन ही नहीं होगा तो सेवा किसकी, जन सुरक्षित और दीर्घायु होना अत्यन्त आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जनता को जागरुक करने के लिए समय समय पर अभियान भी चलाना जरुरी है जो अभियान सर्वोच्च न्यायालय की रोड सेफ्टी कमेटी द्वारा संचालित किए जाते हैं, उनको सभी जिलों के पुलिस अधिकारी निष्ठापूर्वक सम्पादित करें, और उसकी रिपोर्ट निर्धारित प्रोफार्मा में लीड एजेंसी पीटीआरआई को भेंजे.
इस कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि राज्य सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति की बैठक में अन्य व्यावसायिक मुद्दों के साथ-साथ सड़क सुरक्षा कोष में उपलब्ध राशि का आवंटन जिलों के सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाना है, जिससे वो सड़क सुरक्षा से संबंधित आधुनिक उपकरण और अन्य व्यवस्थात्मक प्रबंध सुनिश्चित कर सकें.