भोपाल। प्रदेश में शासकीय कार्यालयों में कामकाज फिर से प्रारंभ हो रहा है. केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी शासकीय कार्यालय एक बार फिर अपने कामों में जुड़ गए हैं. लॉकडाउन की वजह से प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी हुई कई तरह की समस्याएं पेंडिंग हो गई हैं, जिन्हें जल्द से जल्द हल करना सरकार के लिए भी चुनौती बन गई है. लॉकडाउन की अवधि में रियल स्टेट सेक्टर से जुड़ी हुई समस्याएं लंबित ना हों, इसे ध्यान में रखते हुए अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर की सुनवाई जून माह से शुरू हो रही है. प्रदेश के प्रमुख जिलों के लिए भी अलग-अलग दिन तय किए गए हैं.
मध्य प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा कोरोना महामारी के मद्देनजर आवंटितियों की शिकायतों की सुनवाई आगामी जून माह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ऑनलाईन पद्धति से शुरू की जा रही है. इसके लिए इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के प्रकरणों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दिन तय कर लिए गए हैं. साथ ही भोपाल से जुड़े लंबित प्रकरणों की सुनवाई प्राधिकरण के कार्यालय में पूरे सप्ताह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए की जायेगी.
इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग की सुनवाई के दिन तय
प्राधिकरण में हर एक सप्ताह में गुरूवार और शुक्रवार को इन्दौर संभाग के प्रकरणों की सुनवाई होगी. हर बुधवार को ग्वालियर और जबलपुर संभागों के प्रकरणों की बारी-बारी से सुनवाई की जायेगी. सुनवाई में पक्षकार अपने आवास से मोबाइल या लैपटॉप के माध्यम से शामिल हो सकते हैं. इंदौर के पक्षकार विकल्प के तौर पर रेरा के इन्दौर में स्थित स्थानीय कार्यालय में उपलब्ध कम्यूटर की सुविधा का भी लाभ ले सकते हैं.
प्राधिकरण में अभी तक 2 हजार 612 प्रोजेक्ट्स और 677 एजेंट का पंजीयन हो चुका है. लॉकडाउन अवधि में प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों का परीक्षण जारी है. अभी तक प्राप्त लगभग 4 हजार 300 शिकायतों में से 3 हजार 200 का निराकरण किया जा चुका है. रेरा प्राधिकरण प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर को नियंत्रित और प्रोत्साहित करने के लिए रेरा-एक्ट के तहत गठित संवैधानिक संस्था है, जहां पर एक ओर आवंटियों की आवास से संबंधित समस्याओं का निराकरण किया जाता है. तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में प्रचलित एवं नवीन आवासीय और व्यावसायिक परियोजना का पंजीयन और निगरानी भी की जाती है.