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ब्लैक फंगस: भोपाल और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में खोली जाएंगी यूनिट

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Published : May 12, 2021, 4:09 PM IST

Updated : May 12, 2021, 10:09 PM IST

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज में बैठक ली. इस दौरान ब्लैक फंगस को लेकर चर्चा की गई.

Black fungus
ब्लैक फंगस

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस को लेकर बैठक की. चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने गांधी मेडिकल कॉलेज और जबलपुर मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों से चर्चा की. साथ ही इस बैठक में इनफेक्शियस डिजीज के विशेषज्ञ डॉक्टर मनोज जैन से भी चर्चा की, जो फिलहाल अमेरिका में है.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो सलाह डॉक्टर मनोज जैन ने फंगस इंफेक्शन से निपटने के लिए दी है, उस पर अमल किया जा रहा हैं. गांधी मेडिकल कॉलेज और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 10 स्तरों की यूनिट शुरू की जा रही हैं, जहां पर इस बीमारी के इलाज की सुविधाएं रहेंगी.

डॉक्टर मनोज जैन से डेढ़ घंटे की चर्चा

म्यूकॉरमाइकोसिस को फंगस इन्फेक्शन कहते हैं. इसको लेकर बहुत शिकायतें आ रही हैं. पूरे देश में यह देखने को मिल रहा है कि इस बीमारी के कारण बड़ी तेजी से पेशेंट बढ़ रहे हैं. लिहाजा प्रदेश सरकार ने तुरंत निर्णय लिया है कि इस बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए भोपाल और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 10 स्तरों की यूनिट शुरू की जायेगी.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग

वहीं यह देखने को आया है कि इस बीमारी में सर्जरी की जरूरत होती हैं. जो नॉन कोविड है, उनके लिए अलग ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था की गई है. कोरोना संक्रमित होते हुए भी इस बीमारी से ग्रसित हैं, उनके लिए भी अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई है.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डॉक्टर मनोज जैन अमेरिका में फंगस इन्फेक्शन को लेकर उच्च स्तर पर काम कर रहे हैं. वह भी हमारे साथ जुड़े थे. मैंने उन से निवेदन किया था कि इस पूरे विषय पर गाइड करें. लगभग डेढ़ घंटे डॉ. मनोज जैन ने इस बीमारी के बारे में बताया. इस दौरान गांधी मेडिकल कॉलेज और जबलपुर मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर्स ने डॉ. मनोज के साथ चर्चा की.

ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा कोरोना, अब ब्लैक फंगस का खतरा, जानें कितनी घातक है यह बीमारी

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से बीमारी को लेकर जनता में भय है. मैं जनता से अपील करता हूं कि सरकार इस मामले में पूरी मुस्तैदी के साथ काम करें. अगर इस बीमारी से संबंधित लक्षण किसी के शरीर में पाए जाते हैं, तो तत्काल चिकित्सक से सलाह लें.

किल कोरोना अभियान से ला रहे जागरूकता
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि यह बात सही है कि इस लहर में ग्रामीण क्षेत्र भी प्रभावित हुए हैं. गांव तक कोरोना वायरस पहुंच गया हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में किल कोरोना अभियान के माध्यम से इस संक्रमण को रोकने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. यह अभियान बड़ी तेजी से चल रहा हैं. वहीं उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हमने क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

बैठक में सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

  • ब्लैक फंगस के संक्रमण की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो बहुत भयानक हैं.
  • यह चिंता का विषय है. इसमें नाक, मुंह, दांत, आंख, मस्तिष्क और बाकी अंग भी संक्रमित हो जाते हैं.
  • अभी तक प्रदेश में 50 रोगियों की पुष्टि हुई हैं.
  • प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार सुनिश्चित किया जाए.
  • ब्लैक फंगस का इलाज संभव हैं. लक्षण दिखने पर समय पर अस्पताल पहुंचे, इलाज कराए.
  • इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज क्या हैं ?. क्या सावधानियां रखी जानी चाहिए ?. प्रारंभिक अवस्था में ही ध्यान देने की आवश्यकता हैं.
  • जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर हैं, उनके लिए नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी.

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस को लेकर बैठक की. चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने गांधी मेडिकल कॉलेज और जबलपुर मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों से चर्चा की. साथ ही इस बैठक में इनफेक्शियस डिजीज के विशेषज्ञ डॉक्टर मनोज जैन से भी चर्चा की, जो फिलहाल अमेरिका में है.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो सलाह डॉक्टर मनोज जैन ने फंगस इंफेक्शन से निपटने के लिए दी है, उस पर अमल किया जा रहा हैं. गांधी मेडिकल कॉलेज और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 10 स्तरों की यूनिट शुरू की जा रही हैं, जहां पर इस बीमारी के इलाज की सुविधाएं रहेंगी.

डॉक्टर मनोज जैन से डेढ़ घंटे की चर्चा

म्यूकॉरमाइकोसिस को फंगस इन्फेक्शन कहते हैं. इसको लेकर बहुत शिकायतें आ रही हैं. पूरे देश में यह देखने को मिल रहा है कि इस बीमारी के कारण बड़ी तेजी से पेशेंट बढ़ रहे हैं. लिहाजा प्रदेश सरकार ने तुरंत निर्णय लिया है कि इस बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए भोपाल और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 10 स्तरों की यूनिट शुरू की जायेगी.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग

वहीं यह देखने को आया है कि इस बीमारी में सर्जरी की जरूरत होती हैं. जो नॉन कोविड है, उनके लिए अलग ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था की गई है. कोरोना संक्रमित होते हुए भी इस बीमारी से ग्रसित हैं, उनके लिए भी अलग से ओपीडी की व्यवस्था की गई है.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डॉक्टर मनोज जैन अमेरिका में फंगस इन्फेक्शन को लेकर उच्च स्तर पर काम कर रहे हैं. वह भी हमारे साथ जुड़े थे. मैंने उन से निवेदन किया था कि इस पूरे विषय पर गाइड करें. लगभग डेढ़ घंटे डॉ. मनोज जैन ने इस बीमारी के बारे में बताया. इस दौरान गांधी मेडिकल कॉलेज और जबलपुर मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर्स ने डॉ. मनोज के साथ चर्चा की.

ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा कोरोना, अब ब्लैक फंगस का खतरा, जानें कितनी घातक है यह बीमारी

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से बीमारी को लेकर जनता में भय है. मैं जनता से अपील करता हूं कि सरकार इस मामले में पूरी मुस्तैदी के साथ काम करें. अगर इस बीमारी से संबंधित लक्षण किसी के शरीर में पाए जाते हैं, तो तत्काल चिकित्सक से सलाह लें.

किल कोरोना अभियान से ला रहे जागरूकता
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि यह बात सही है कि इस लहर में ग्रामीण क्षेत्र भी प्रभावित हुए हैं. गांव तक कोरोना वायरस पहुंच गया हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में किल कोरोना अभियान के माध्यम से इस संक्रमण को रोकने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. यह अभियान बड़ी तेजी से चल रहा हैं. वहीं उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हमने क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

बैठक में सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

  • ब्लैक फंगस के संक्रमण की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो बहुत भयानक हैं.
  • यह चिंता का विषय है. इसमें नाक, मुंह, दांत, आंख, मस्तिष्क और बाकी अंग भी संक्रमित हो जाते हैं.
  • अभी तक प्रदेश में 50 रोगियों की पुष्टि हुई हैं.
  • प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार सुनिश्चित किया जाए.
  • ब्लैक फंगस का इलाज संभव हैं. लक्षण दिखने पर समय पर अस्पताल पहुंचे, इलाज कराए.
  • इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज क्या हैं ?. क्या सावधानियां रखी जानी चाहिए ?. प्रारंभिक अवस्था में ही ध्यान देने की आवश्यकता हैं.
  • जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर हैं, उनके लिए नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी.
Last Updated : May 12, 2021, 10:09 PM IST
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