उज्जैन। महाकालेश्वर की भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को दूसरी सवारी निकाली गई. जिसमें भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर चांदी की पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले. इसके साथ ही श्री मनमहेश रूप में हाथी पर विराजित होकर भगवान महाकाल ने भक्तों को दर्शन दिए. परंपरागत पूजा के बाद बाबा महाकाल की सवारी मंदिर के मुख्य द्वार से श्री बडा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर, नृसिंह घाट रोड, सिद्धाश्रम के सामने से क्षिप्रा तट रामघाट पहुंची. रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा श्री महाकालेश्वर का अभिषेक पूजन किया गया. खास बात यह रही कि बाबा महाकाल की सवारी में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया था. जैसे ही सवारी मंदिर परिसर में पंहुची पालकी में विराजित बाबा श्री चंद्रमौलीश्वर ने श्री साक्षी गोपाल मंदिर पर भगवान से भेंट की. हरि से हर के मिलन का सुखद संयोग जन्माष्टमी के शुभ पर्व पर ही होता है.
भाद्रपद माह की दूसरी सवारी, नगर भ्रमण पर निकले महाकाल, जन्माष्टमी पर कृष्ण से हुआ मिलन - नगर भ्रमण पर निकले महाकाल,
महाकालेश्वर की भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को दूसरी सवारी निकाली गई. जिसमें भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर चांदी की पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले. इसके साथ ही श्री मनमहेश रूप में हाथी पर विराजित होकर भगवान महाकाल ने भक्तों को दर्शन दिए.
उज्जैन। महाकालेश्वर की भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को दूसरी सवारी निकाली गई. जिसमें भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर चांदी की पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले. इसके साथ ही श्री मनमहेश रूप में हाथी पर विराजित होकर भगवान महाकाल ने भक्तों को दर्शन दिए. परंपरागत पूजा के बाद बाबा महाकाल की सवारी मंदिर के मुख्य द्वार से श्री बडा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर, नृसिंह घाट रोड, सिद्धाश्रम के सामने से क्षिप्रा तट रामघाट पहुंची. रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा श्री महाकालेश्वर का अभिषेक पूजन किया गया. खास बात यह रही कि बाबा महाकाल की सवारी में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया था. जैसे ही सवारी मंदिर परिसर में पंहुची पालकी में विराजित बाबा श्री चंद्रमौलीश्वर ने श्री साक्षी गोपाल मंदिर पर भगवान से भेंट की. हरि से हर के मिलन का सुखद संयोग जन्माष्टमी के शुभ पर्व पर ही होता है.