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भोपाल:'विश्व आदिवासी दिवस' के मौके पर आदिवासियों ने दी रंगारंग प्रस्तुति, कार्यक्रम में शामिल हुए जनसंपर्क मंत्री

भोपाल के कांग्रेस कार्यालय में आयोजित आदिवासी कार्यक्रम में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने भाग लिया.

ETV भारत से महानिदेशक ने की खास मुलाकात वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद
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Published : Aug 29, 2019, 6:01 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा शामिल हुए. इस अवसर पर उन्होंने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग प्रदेश में ही निवास करता है. पीसी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है.

आदिवासियों के कार्यक्रम में शामिल हुए जनसंपर्क मंत्री

जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि 43 जनजातीय समूहों में समूचे देश में सर्वाधिक आदिवासी मध्य प्रदेश में निवास करते हैं. जो कि प्रदेश की कुल जनसंख्या का 21 फ़ीसदी से अधिक है. वर्तमान में 705 जनजातीय समूहों में 10 करोड़ से अधिक आदिवासी भारत में निवास करते हैं. प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं, जहां 50 फ़ीसदी से अधिक आबादी और 13 जिले ऐसे हैं,जहां 25 से 50 फ़ीसदी आबादी आदिवासियों की है.

मीडिया से चर्चा करते हुए जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि आदिवासियों को सौगात दी जा रही हैं, घोषणा नहीं की जा रही हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ कभी घोषणा नहीं करते हैं. वह सीधे-सीधे आदेश जारी करके मध्यप्रदेश के आदिवासी समाज को सौगात देंगे. जो 70 साल में आज तक नहीं हुआ, ना मध्यप्रदेश में हुआ ना हिंदुस्तान में हुआ. उन्होंने कहा कि आदिवासी युवाओं को जितनी भी हाईटेक स्टडी करना है, पूरी तरह से उन्हें मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा शामिल हुए. इस अवसर पर उन्होंने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग प्रदेश में ही निवास करता है. पीसी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है.

आदिवासियों के कार्यक्रम में शामिल हुए जनसंपर्क मंत्री

जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि 43 जनजातीय समूहों में समूचे देश में सर्वाधिक आदिवासी मध्य प्रदेश में निवास करते हैं. जो कि प्रदेश की कुल जनसंख्या का 21 फ़ीसदी से अधिक है. वर्तमान में 705 जनजातीय समूहों में 10 करोड़ से अधिक आदिवासी भारत में निवास करते हैं. प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं, जहां 50 फ़ीसदी से अधिक आबादी और 13 जिले ऐसे हैं,जहां 25 से 50 फ़ीसदी आबादी आदिवासियों की है.

मीडिया से चर्चा करते हुए जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि आदिवासियों को सौगात दी जा रही हैं, घोषणा नहीं की जा रही हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ कभी घोषणा नहीं करते हैं. वह सीधे-सीधे आदेश जारी करके मध्यप्रदेश के आदिवासी समाज को सौगात देंगे. जो 70 साल में आज तक नहीं हुआ, ना मध्यप्रदेश में हुआ ना हिंदुस्तान में हुआ. उन्होंने कहा कि आदिवासी युवाओं को जितनी भी हाईटेक स्टडी करना है, पूरी तरह से उन्हें मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में कमलनाथ सरकार के जनसंपर्क मंत्री शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने जहां देश में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग के निवास करने की बात कही वहीं उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश के आदिवासियों को वह सौगात देने वाले हैं जो 70 साल के इतिहास में ना तो मध्यप्रदेश में कभी हुआ है और ना हिंदुस्तान में कभी हुआ होगा।


Body:इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि 43 जनजातीय समूहों में समूचे देश में सर्वाधिक आदिवासी मध्य प्रदेश में निवास करते हैं। जो कि प्रदेश की कुल जनसंख्या का 21 फ़ीसदी से अधिक है। वर्तमान में 705 जनजातीय समूहों में 10 करोड़ से अधिक आदिवासी भारत में निवास करते हैं. मध्य प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं,जहां 50 फ़ीसदी से अधिक आबादी और 13 जिले ऐसे हैं,जहां 25 से 50 फ़ीसदी आबादी आदिवासियों की है।

वर्ष 1992 में जिनेवा में एकत्रित हुए आदिवासियों ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया। लेकिन जब यह पता चला कि आदिवासियों की भाषाएं और बोली विलुप्त हो रही है, तो 2019 में आदिवासी भाषाई वर्ष मनाने का संकल्प लिया गया।हमें गर्व है कि यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रत्येक आदिवासी बोली- भाषा के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने का निर्णय लिया है। जिसमें राज्य शिक्षा केंद्र, माध्यमिक शिक्षा मंडल, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों को शामिल किया गया है।साथ ही आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक आदिवासी बोली और भाषा को शामिल किया जा रहा है। जिसमें आदिवासी संस्कृति परंपरा बोली इत्यादि का अध्ययन किया जाएगा। वर्तमान में गोंडी,भीली कोरकू, सहरिया, बैगानी भाषा पर काम किया जा रहा है. हमें गर्व है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की मंशा के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ आदिवासी वर्ग के उत्थान के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।


Conclusion:इस अवसर पर जनसंपर्क मंत्री पीसी संपर्क शर्मा ने कहा कि आदिवासियों को सौगात दी जा रही हैं, घोषणा नहीं की जा रही हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ कभी घोषणा नहीं करते हैं,वह सीधे-सीधे आदेश जारी करके मध्यप्रदेश के आदिवासी समाज को सौगात देंगे। जो 70 साल में आज तक नहीं हुआ, ना मध्यप्रदेश में हुआ ना हिंदुस्तान में हुआ। उन्होंने कहा कि आदिवासी युवाओं को जितनी भी हाईटेक स्टडी करना है, पूरी तरह से उन्हें मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी।
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