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अपनों के निशाने पर वन मंत्री उमंग सिंघार, कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने दी ये नसीहत - भोपाल न्यूज

कांग्रेस के अंदर गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. वन मंत्री उमंग सिंघार के विवादित बयान के बाद कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने उमंग सिंघार पर निशाना साधा है. उन्होंने उमंग सिंघार को इस तरह का बयान नहीं देने की सलाह दी है.

गोविंद गोयल ने दी उमंग सिंघार को सलाह
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Published : Sep 9, 2019, 11:13 AM IST

भोपाल| मध्यप्रदेश में कांग्रेस के अंदर गुटबाजी लगातार सामने आ रही है. वन मंत्री उमंग सिंघार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने उमंग सिंघार को निशाने पर लिया है. गोविंद गोयल का कहना है कि उमंग सिंघार को गरिमा का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस की वजह से ही आज वे कैबिनेट मंत्री बने हैं.

गोविंद गोयल ने दी उमंग सिंघार को सलाह


प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल का कहना है कि मंत्री उमंग सिंघार जिस नीति पर चल रहे हैं, वह अनुकूल नहीं है. दिग्विजय सिंह ने 10 साल मुख्यमंत्री का पद संभाला है, 7 साल उन्होंने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली है, वे लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं और वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं, वे कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं, उनका राजनीतिक अनुभव कहीं ज्यादा है. गोविंद गोयल ने कहा कि उमंग सिंघार को किसी तरह की कोई परेशानी थी, तो उन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात करनी चाहिए थी. उनका कहना है कि कांग्रेस एक प्रजातांत्रिक पार्टी है और मैं स्वयं कांग्रेस का कोषाध्यक्ष हूं और मुझे भी अधिकार है कि मैं अपनी कोई भी सलाह लेकर मुख्यमंत्री के पास जा सकता हूं.


गोविंद गोयल का कहना कि ऐसी छोटी-छोटी बातों पर इस तरह से सार्वजनिक विवाद करना और मीडिया में इस तरह से बयान देना उचित नहीं है. उन्हें कांग्रेस की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए था.

भोपाल| मध्यप्रदेश में कांग्रेस के अंदर गुटबाजी लगातार सामने आ रही है. वन मंत्री उमंग सिंघार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने उमंग सिंघार को निशाने पर लिया है. गोविंद गोयल का कहना है कि उमंग सिंघार को गरिमा का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस की वजह से ही आज वे कैबिनेट मंत्री बने हैं.

गोविंद गोयल ने दी उमंग सिंघार को सलाह


प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल का कहना है कि मंत्री उमंग सिंघार जिस नीति पर चल रहे हैं, वह अनुकूल नहीं है. दिग्विजय सिंह ने 10 साल मुख्यमंत्री का पद संभाला है, 7 साल उन्होंने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली है, वे लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं और वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं, वे कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं, उनका राजनीतिक अनुभव कहीं ज्यादा है. गोविंद गोयल ने कहा कि उमंग सिंघार को किसी तरह की कोई परेशानी थी, तो उन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात करनी चाहिए थी. उनका कहना है कि कांग्रेस एक प्रजातांत्रिक पार्टी है और मैं स्वयं कांग्रेस का कोषाध्यक्ष हूं और मुझे भी अधिकार है कि मैं अपनी कोई भी सलाह लेकर मुख्यमंत्री के पास जा सकता हूं.


गोविंद गोयल का कहना कि ऐसी छोटी-छोटी बातों पर इस तरह से सार्वजनिक विवाद करना और मीडिया में इस तरह से बयान देना उचित नहीं है. उन्हें कांग्रेस की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए था.

Intro:कांग्रेस की गरिमा के कारण ही उमंग सिंगार आज कैबिनेट मंत्री बने हैं , सिंगार को रखना चाहिए गरिमा का ध्यान = कांग्रेस कोषाध्यक्ष

भोपाल | प्रदेश कांग्रेस में मची उठापटक अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है . जहां एक तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लगातार राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मंथन कर रहे हैं तो वही प्रदेश में हुए पूरे घटनाक्रम से भी उन्होंने सोनिया गांधी को अवगत कराया है . वही उमंग सिंगार और दिग्विजय सिंह का मामला अभी ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है . अब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने भी उमंग सिंगार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें कांग्रेस की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि कांग्रेस की वजह से ही आज कैबिनेट मंत्री बने हैं . Body:प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल का कहना है कि मंत्री उमंग सिंगार जिस नीति पर चल रहे हैं वह अनुकूल नहीं है . एक तरफ नेता प्रतिपक्ष रही जमुना देवी हुआ करती थी , दबंग लेडी के रूप में जानी जाती थी . जब बात करती थी तो अच्छा लगता था क्योंकि उनके पास अच्छा खासा राजनीति का अनुभव था और वे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी रही थी . उमंग सिंगार भी प्रदेश सरकार में मंत्री बने हैं . लेकिन दिग्विजय सिंह प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं . उन्होंने मध्य प्रदेश में 10 साल मुख्यमंत्री का पद संभाला है . 7 साल उन्होंने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली है . लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं और वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं . कई बार विधायक रहे हैं मंत्री बने हैं . उनका राजनीतिक अनुभव कहीं ज्यादा है और वे कांग्रेस के सीनियर लीडर है . यदि किसी प्रकार की कोई परेशानी थी उन्हें आपस में बात करनी चाहिए थी . मुख्यमंत्री कमलनाथ ,ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह यह सभी नेता आपस में बातचीत करते रहते हैं और कोई भी मसला होता है तो उसे आपस में बैठकर ही सुलझाया जाता है . कांग्रेस एक प्रजातांत्रिक पार्टी है मैं स्वयं कांग्रेस का कोषाध्यक्ष हूं और मुझे भी अधिकार है कि मैं अपनी कोई भी सलाह लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष जा सकता हूं . Conclusion: उन्होंने कहा कि ऐसी छोटी-छोटी बातों पर इस तरह से सार्वजनिक विवाद करना और मीडिया में इस तरह से बयान देना यह उचित नहीं है . उनको कांग्रेस की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए था क्योंकि कांग्रेस की गरिमा के कारण ही आज कैबिनेट मंत्री बने हुए हैं .
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