ETV Bharat / state

नोटबंदी के तीन साल , जानिए तब से लेकर अब तक कितना कुछ बदला - bhopal news

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी को आज तीन साल पूरे हो गए हैं. आठ नवंबर 2016 को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की थी. जानें नोटबंदी के तीन साल बाद क्या सोचती है भोपाल की जनता.

नोटबंदी से तीन साल
author img

By

Published : Nov 8, 2019, 9:42 AM IST

Updated : Nov 8, 2019, 2:30 PM IST

भोपाल। नोटबंदी को आज तीन साल पूरे हो गए हैं. आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 2016 में 500 और 1 हजार के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. 8 नवंबर रात 12 बजे से 500 और 1000 के पुराने नोट एक झटके के साथ अवैध घोषित कर दिए गए थे. उस समय नोटबंदी को लागू करने के कई कारण बताए गए थे. उस समय दावा किया गया था कि इस फैसले के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी पर लोगों की निर्भरता काफी कम हो जाएगी और नकली नोटों पर अंकुश लगेगा. काला धन, आतंकवाद, बड़े नोटों की जमाखोरी, नकली नोट जैसे मुद्दे प्रमुख थे.

नोटबंदी से तीन साल

नोटबंदी के तीन साल बाद कितना कुछ बदला
आठ नंवबर 2016 के बाद से डिजिटल मीडिया के भुगतान में बढ़ोतरी देखने को मिली है. नोटबंदी के बाद बाजार की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ा था, जो 3 साल के बाद भी अपना असर दिखा रहा है. बाजारों में अभी भी मंदी का दौर चल रहा है. व्यापारियों की मानें तो प्रॉपर्टी मार्केट भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. विकास की रफ्तार धीमी हो गई है.

नहीं रुकी नकली नोटों की जालसाजी
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक नोटबंदी से जाली नोटों पर अंकुश नहीं लग पाया है. आरबीआई की ओर से यह दावा किया गया है कि बाजार में जो 500 और 2000 रुपए के नोट नए जारी किए गए हैं, उसकी नकल कर पाना बेहद मुश्किल है, लेकिन बाजारों में आज भी नकली नोट पकड़े जा रहे हैं. जालसाजी करने वाले लोग अब नए नोटों की भी नकल बनाने में सफल हो गए हैं. 2016 में जब नोटबंदी लागू हुई थी, तब यह माना गया था कि देश में अब नकली करेंसी पर लगभग लगाम लग जाएगी, लेकिन 3 सालों के बाद भी ऐसा कुछ नहीं हो पाया है.

अर्थव्यवस्था में आई गिरावट
नोटबंदी के बाद से ही बाजार में एक ठहराव सा दिखाई देने लगा था. अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी, वहीं रोजगार में भी काफी कमी आई है. इन तीन सालों के अंदर लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं. व्यापारियों की मानें तो प्रॉपटी के दाम घट गए हैं. नोटबंदी के बाद से लोगों ने प्लॉट और मकान खरीदना लगभग बंद कर दिया है.

कितनी करेंसी हुई थी जब्त
साल 2016 में कुल 24.61 करोड़ नकली करेंसी जब्त
1398 मामले दर्ज किए गए थे, 1376 आरोपी हुए थे गिरफ्तार
साल 2017 में 28 करोड़ रुपए के नकली नोट जब्त
इस साल सबसे ज्यादा 500 रुपए के नकली नोट पकड़े गए थे
पूरे देश में कुल 1,02,815 नकली करेंसी 500 रुपए के पकड़े गए थे
100 रुपए के नकली नोट कुल 92,778 पकड़े गए थे
74,898 नकली नोट दो हजार के जब्त हुए थे.
65,371 नकली नोट एक हजार के पकड़े गए थे

भोपाल। नोटबंदी को आज तीन साल पूरे हो गए हैं. आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 2016 में 500 और 1 हजार के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. 8 नवंबर रात 12 बजे से 500 और 1000 के पुराने नोट एक झटके के साथ अवैध घोषित कर दिए गए थे. उस समय नोटबंदी को लागू करने के कई कारण बताए गए थे. उस समय दावा किया गया था कि इस फैसले के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी पर लोगों की निर्भरता काफी कम हो जाएगी और नकली नोटों पर अंकुश लगेगा. काला धन, आतंकवाद, बड़े नोटों की जमाखोरी, नकली नोट जैसे मुद्दे प्रमुख थे.

नोटबंदी से तीन साल

नोटबंदी के तीन साल बाद कितना कुछ बदला
आठ नंवबर 2016 के बाद से डिजिटल मीडिया के भुगतान में बढ़ोतरी देखने को मिली है. नोटबंदी के बाद बाजार की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ा था, जो 3 साल के बाद भी अपना असर दिखा रहा है. बाजारों में अभी भी मंदी का दौर चल रहा है. व्यापारियों की मानें तो प्रॉपर्टी मार्केट भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. विकास की रफ्तार धीमी हो गई है.

नहीं रुकी नकली नोटों की जालसाजी
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक नोटबंदी से जाली नोटों पर अंकुश नहीं लग पाया है. आरबीआई की ओर से यह दावा किया गया है कि बाजार में जो 500 और 2000 रुपए के नोट नए जारी किए गए हैं, उसकी नकल कर पाना बेहद मुश्किल है, लेकिन बाजारों में आज भी नकली नोट पकड़े जा रहे हैं. जालसाजी करने वाले लोग अब नए नोटों की भी नकल बनाने में सफल हो गए हैं. 2016 में जब नोटबंदी लागू हुई थी, तब यह माना गया था कि देश में अब नकली करेंसी पर लगभग लगाम लग जाएगी, लेकिन 3 सालों के बाद भी ऐसा कुछ नहीं हो पाया है.

अर्थव्यवस्था में आई गिरावट
नोटबंदी के बाद से ही बाजार में एक ठहराव सा दिखाई देने लगा था. अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी, वहीं रोजगार में भी काफी कमी आई है. इन तीन सालों के अंदर लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं. व्यापारियों की मानें तो प्रॉपटी के दाम घट गए हैं. नोटबंदी के बाद से लोगों ने प्लॉट और मकान खरीदना लगभग बंद कर दिया है.

कितनी करेंसी हुई थी जब्त
साल 2016 में कुल 24.61 करोड़ नकली करेंसी जब्त
1398 मामले दर्ज किए गए थे, 1376 आरोपी हुए थे गिरफ्तार
साल 2017 में 28 करोड़ रुपए के नकली नोट जब्त
इस साल सबसे ज्यादा 500 रुपए के नकली नोट पकड़े गए थे
पूरे देश में कुल 1,02,815 नकली करेंसी 500 रुपए के पकड़े गए थे
100 रुपए के नकली नोट कुल 92,778 पकड़े गए थे
74,898 नकली नोट दो हजार के जब्त हुए थे.
65,371 नकली नोट एक हजार के पकड़े गए थे

Intro: ( special story )

नोटबंदी के हुए 3 साल = बाजारों में दिखता है अभी भी मंदी का असर, 3 वर्षों में व्यापार हुआ कम


भोपाल | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अचानक की गई नोटबंदी को 3 साल पूरे हो गए हैं 8 नवंबर 2016 को रात 8:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी उसके बाद से ही इन नोटों को अवैध करार दे दिया गया था उस समय दावा किया गया था कि इस फैसले के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी पर लोगों की निर्भरता काफी कम हो जाएगी और नकली नोटों पर अंकुश लगेगा लेकिन आज भी सबसे बड़ा प्रश्न यही खड़ा हो रहा है कि क्या नोटबंदी के बाद नकली नोट आना बंद हो गए वहीं दूसरी ओर नोटबंदी के बाद बाजार की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ा था जो 3 वर्ष के बाद भी अपना असर दिखा रहा है बाजारों में अभी भी मंदी का दौर चल रहा है वही प्रॉपर्टी मार्केट भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है नोटबंदी के बाद से लोगों ने खरीदारी करना काफी हद तक कम कर दिया है .


Body:भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार नोटबंदी से जाली नोटों पर अंकुश नहीं लग पाया है आरबीआई की ओर से यह दावा किया गया है कि बाजार में जो 500 और 2000 रुपए के नोट नए जारी किए गए हैं उसकी नकल कर पाना बेहद मुश्किल है लेकिन बाजारों में आज भी नकली नोट पकड़े जा रहे हैं जालसाजी करने वाले लोग अब नए नोटों की भी नकल बनाने में सफल हो गए हैं 2016 में जब नोट बंदी लागू हुई थी तब यह माना गया था कि देश में अब नकली करेंसी पर लगभग लगाम लग जाएगी लेकिन 3 वर्षों के बाद भी ऐसा कुछ नहीं हो पाया है .


बता दे कि वर्ष 2016 में कुल 24. 61 करोड रुपए की नकली करेंसी जप्त की गई थी . इस मामले में 1398 मामले दर्ज किए गए थे तो वही 1376 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था वर्ष 2017 में 28 करोड़ रुपए के नकली नोट जब्त किए गए . जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा 500 रुपए के नकली नोट पकड़े गए थे पूरे देश में कुल 1,02, 815 करेंसी नोट 500 रुपए के ही पकड़े गए थे वहीं दूसरी और नकली नोटों को बनाने में सौ का नोट भी पीछे नहीं था नकली नोट बनाने वालों ने 100 रुपए के भी जमकर नकली नोट बनाए थे इसके कुल 92, 778 नकली नोट पकड़े गए थे वही दो हजार रुपए के भी नकली नोट पकड़ में आए थे इसकी कुल 74, 898 नकली नोट जब्त किए गए थे वही नोटबंदी के समय बंद हुआ एक हजारों रुपए का नोट ठीक काफी दिनों तक बैंकों में और पेट्रोल पंप पर चलता रहा इसके भी कुल 65,371 नकली नोट पकड़े गए थे .


Conclusion:नोटबंदी के बाद से ही बाजार में एक ठहराव सा दिखाई देने लगा था अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी जो बाद अस्तूर अभी भी जारी है वहीं रोजगार में भी काफी कमी आई है इन 3 वर्षों के अंदर लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं वही प्रॉपर्टी बाजार में भी खासा घाटा दिखाई दे रहा है नोटबंदी के बाद से लोगों ने प्लॉट और मकान खरीदना लगभग बंद कर दिया है वहीं रजिस्ट्री अभी बहुत कम संख्या में हो रही है बाजारों से लोगों की खरीददारी की मात्रा भी काफी कम हो गई है यही वजह है कि व्यापारियों के व्यापार पर भी इस नोट बंदी का असर 3 वर्षों के बाद भी दिखाई दे रहा है .


शहर के व्यापारियों का मानना है कि नोटबंदी की वजह से मध्यमवर्गीय परिवार पर इतना असर नहीं हुआ है लेकिन जिन लोगों के द्वारा काले धन को छिपाया गया था इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ा है यह बात सही है कि प्रॉपर्टी और बाजार में काफी मंदी आ गई है जो अभी भी दिखाई देती है जहां एक तरफ जमीन के मूल्य में भारी कमी दिखाई दे रही है क्योंकि लोगों ने नोटबंदी के बाद से ही प्रॉपर्टी खरीदना बंद कर दिया है यही वजह है कि बिल्डर के द्वारा बनाए जा रहे फ्लैट प्लॉट एवं बंगले पहले जिन कीमतों पर सेल किए जा रहे थे अब उन कीमतों में भारी गिरावट आ गई है लेकिन प्रॉपर्टी अभी भी लोग खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं .


अन्य लोगों का कहना है कि बाजार में नोटबंदी के 3 वर्ष के बाद भी कोई खास इजाफा दर्ज नहीं किया गया है लोगों ने इन 3 वर्षो के अंदर खरीदारी करना बंद कर दिया है पहले की तुलना में अब लोग मार्केट से कम ही खरीददारी कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर त्योहारों पर भी बाजार सूने नजर आते हैं बाजारों में अब पहले की तरह रौनक नहीं रही है दीपावली के त्यौहार पर भी लोगों ने बहुत कम संख्या में खरीददारी की है नोटबंदी के समय आम नागरिक को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा था क्योंकि उसे अपने पैसे एक्सचेंज कराने के लिए घंटों बैंक की लाइन में खड़ा रहना पड़ा था नोटबंदी का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है शहर में भी व्यापार 3 वर्षों में भी कुछ खास नहीं कर पाया है बाजारों की स्थिति यदि इसी प्रकार से चलती रही तो आने वाले कई वर्षों तक इस नोट बंदी का असर दिखाई देगा क्योंकि अभी भी व्यापारियों को उम्मीद नहीं है कि बाजार में एक बार फिर से रौनक लौटेगी .
Last Updated : Nov 8, 2019, 2:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.