भोपाल। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश में 24 मार्च को पहली बार लॉकडाउन दिया गया था. जिसके बाद से ही लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है, जबकि विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को भी परेशानी से जूझना पड़ रहा है.
इस दौरान सरकार ने काफी लोगों की विदेशों से वतन वापसी कराया है, जितने भी लोग विदेश में रह रहे थे, उसमें से ज्यादातर लोग अभी भी विदेशों में ही रह रहे हैं. दुनिया के ज्यादातर देशों में संक्रमण के कारण लॉकडाउन किया गया है, जिसकी वजह से अन्य देशों में भी आर्थिक गतिविधियों पर सीधा असर पड़ा है. ऐसी विषम परिस्थितियों में कुछ संस्थाएं लगातार देश और प्रदेश के नागरिकों की मदद कर रही हैं.
ब्रिटेन मे फंसे मध्यप्रदेश के निवासियों को फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश यूके चैप्टर और एयरकनेक्टिविटी फॉर भोपाल डेवलपमेंट ग्रुप ने मदद मुहैया कराई है. इस मुहिम की शुरुआत अप्रैल माह में की गई थी, जिसका उद्देश्य ब्रिटेन में फंसे तमाम जरूरतमंद भारतीयों को सुरक्षित वापसी करानी थी, जो इस महामारी के चलते अपने देश नहीं लौट पा रहे थे. अब तक करीब 150 प्रवासी ब्रिटेन से वापस स्वदेश आ चुके हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एफओएमपी यूके की इस मुहिम और प्रयासों की सराहना की है.
संस्था के आबिद फारूकी ने बताया कि मिशन वन्दे-भारत के तहत अब तक कुल 5255 प्रवासी भारतीयों को ब्रिटेन, दुबई, अमेरिका, मलेशिया, पेरिस, दोहा, जेद्दाह से वापस लाया गया है. कोरोना संक्रमण के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी रोक की वजह से ब्रिटेन में फंसे भारतीयों को वन्दे-भारत मिशन एयर इंडिया रेपटरिएशन फ्लाइट्स से स्वदेश लाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि मिशन वन्दे-भारत के आलावा गो-एयर चार्टेड फ्लाइट्स से भारतीय वापस अपने देश लौट रहे हैं. इनमें ज्यादातर भारतीय प्रवासी ऐसे हैं, जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो गई, जॉब्स चले गए या फिर अधिकतर एग्जिट केस हैं. संस्था ने हाल ही में संभागायुक्त कार्यालय भोपाल और एयरपोर्ट पर हैण्ड-सैनिटाइजर मशीन मुहैया करवाई है. साथ ही लॉकडाउन के दौरान 'कोई भूखा नहीं सोएगा' मुहिम में 60 दिनों तक एएफबीडी सदस्यों ने जरूरतमंदों को खाना, राहत सामग्री, मास्क और हैण्ड-सैनिटाइजर आदि का वितरण भी किया.