भोपाल। मध्यप्रदेश में सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. लिहाजा पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान ने अब प्रदेश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे वाले जिलों को लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट बनाया है. इनमें प्रदेश के 10 जिलों को शामिल किया गया है, जहां सबसे ज्यादा हादसे तो होते ही हैं, साथ ही इन हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा है. आलम यह है कि इन 10 जिलों में पिछले साल के मुकाबले सड़क हादसों में ज्यादा मौतें हुई हैं.
मध्यप्रदेश में सड़क हादसे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं आलम यह है कि कुछ जिलों में तो सड़क हादसों की संख्या और उनमें होने वाली मौतों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं. लिहाजा प्रदेश भर में सड़क सुरक्षा के लिए काम करने वाले पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान ने प्रदेश के 10 जिलों को लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट बनाया है. लाइट हाउस डिस्ट्रिक्ट यानी कि, सबसे ज्यादा हादसों वाले जिले. इन जिलों को चिन्हित कर यहां पर यातायात पुलिस जिला पुलिस निगम समेत अन्य विभाग मिलकर कमियों को दूर करने का काम करेंगे, जिन स्पॉट्स पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. वहां रोड इंजीनियरिंग से लेकर एक्सपर्ट की मदद से सुधार किया जाएगा. इसके अलावा अंधा मोड़, हाईवे और यू-टर्न जैसे स्थानों पर प्रॉपर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे.
इन जिलों को किया गया है चिन्हित
मध्य प्रदेश के 10 जिलों में सबसे ज्यादा हादसे होते हैं, और इन हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा है. इन जिलों में इंदौर, मुरैना, सीहोर, राजगढ़, अलीराजपुर, शिवपुरी, मंडला, दमोह, नीमच और कटनी शामिल हैं. इन जिलों के पांच-पांच थानों को अभियान में शामिल किया गया है और यहां के पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. ट्रेनिंग में सड़क हादसों के दौरान क्या किया जाना चाहिए, कैसे घायलों का प्राथमिक उपचार और अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. इसके अलावा ज्यादा हादसों वाले स्थानों पर क्या बदलाव किए जा सकते हैं, इन विषयों को शामिल किया गया है.
सड़क हादसों के लिए तैयार किया जा रहा आई रेड ऐप
पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक सड़क हादसों में बढ़ते ग्राफ को देखते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अब इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस ऐप तैयार किया जा रहा है. इस ऐप को कोई भी अधिकारी एंड्राइड मोबाइल में इंस्टॉल कर सकता है. और हादसा होने पर रियल टाइम डाटा कलेक्शन किया जा सकता है, इसके अलावा पहले चरण में भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 11 जिलों को इसमें शामिल किया जा रहा है. आने वाले समय में ऐप के जरिए तत्काल सड़क हादसों की जानकारी मुहैया कराई जाएगी और घायलों की भी मदद की जा सकेगी. वहीं पूरे भारत में सड़क हादसों का एक डेटाबेस भी इसमें तैयार होगा.