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प्रदेश के कई जिलों में जुसूल निकालकर शिक्षकों ने किया टीचर्स- डे का विरोध, ये है वजह

शिक्षक दिवस पर सरकार से नाराज शिक्षकों लामबद हो गए है. भोपाल, विदिशा, मण्डला और बैतूल में कई शिक्षको ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का विरोध
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Published : Sep 5, 2019, 8:40 PM IST

भोपाल/विदिशा/मण्डला/बैतूल। देशभर में आज शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. तो वहीं कई जिलों में शिक्षक अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते नजर आए. भोपाल, विदिशा, बैतूल और मण्डला में टीचर अपनी मांगें मनमाने के लिए, कहीं जुलूस निकाला तो कहीं काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन

भोपाल में शासकीय शिक्षा संघ ने अपनी मांगों को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षक ने टीचर्स-डे का विरोध किया. शिक्षकों ने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षकों को सबसे पहले नियमित करें. शिक्षा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 15 सालों से कांग्रेस जिस व्यापम परीक्षा का विरोध करती थी, आज वहीं कांग्रेस व्यापम परीक्षा लागू करने जा रही है.

विदिशा में शिक्षकों ने अपनी 9 सूत्रीय को लेकर रैली निकाली. शिक्षकों ने शिक्षक दिवस का विरोध करते हुए एक दिन का उपवास भी किया. इस दौरान शिक्षकों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और मांग करते हुए कहा, कि सभी शिक्षकों को सातवां वेतन मिलना चाहिए, साथ ही उन्होंने एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन लागू करने की मांग की.

बैतूल में शिक्षक दिवस के मौके पर बैतूल जिले में शिक्षकों ने अपने हक के लिए काली पट्टी बांधकर विरोध किया. समग्र शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री ने बताया, कि मौजूदा सरकार ने चुनाव से पहले अपने वचन पत्र में शिक्षक संवर्ग की पदनाम विसंगति दूर करने सहित 9 सूत्रीय मांगों को पूरा करना का वादा किया था. लेकिन सरकार ने शिक्षकों के हितों को नजरअंदाज कर दिया.

मण्डला जिले के सैकड़ों शिक्षक वेतन और 7वां वेतनमान की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे इस शिक्षकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं पर गम्भीरता से ध्यान नहीं दे रही हैं.

शिक्षकों ने 10 सूत्रीय मांग करते हुए कहा कि शिक्षकों को पिछले तीन महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है सरकार सबसे पहले इस समस्या पुर विशेष ध्यान दें.

भोपाल/विदिशा/मण्डला/बैतूल। देशभर में आज शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. तो वहीं कई जिलों में शिक्षक अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते नजर आए. भोपाल, विदिशा, बैतूल और मण्डला में टीचर अपनी मांगें मनमाने के लिए, कहीं जुलूस निकाला तो कहीं काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन

भोपाल में शासकीय शिक्षा संघ ने अपनी मांगों को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षक ने टीचर्स-डे का विरोध किया. शिक्षकों ने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षकों को सबसे पहले नियमित करें. शिक्षा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 15 सालों से कांग्रेस जिस व्यापम परीक्षा का विरोध करती थी, आज वहीं कांग्रेस व्यापम परीक्षा लागू करने जा रही है.

विदिशा में शिक्षकों ने अपनी 9 सूत्रीय को लेकर रैली निकाली. शिक्षकों ने शिक्षक दिवस का विरोध करते हुए एक दिन का उपवास भी किया. इस दौरान शिक्षकों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और मांग करते हुए कहा, कि सभी शिक्षकों को सातवां वेतन मिलना चाहिए, साथ ही उन्होंने एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन लागू करने की मांग की.

बैतूल में शिक्षक दिवस के मौके पर बैतूल जिले में शिक्षकों ने अपने हक के लिए काली पट्टी बांधकर विरोध किया. समग्र शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री ने बताया, कि मौजूदा सरकार ने चुनाव से पहले अपने वचन पत्र में शिक्षक संवर्ग की पदनाम विसंगति दूर करने सहित 9 सूत्रीय मांगों को पूरा करना का वादा किया था. लेकिन सरकार ने शिक्षकों के हितों को नजरअंदाज कर दिया.

मण्डला जिले के सैकड़ों शिक्षक वेतन और 7वां वेतनमान की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे इस शिक्षकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं पर गम्भीरता से ध्यान नहीं दे रही हैं.

शिक्षकों ने 10 सूत्रीय मांग करते हुए कहा कि शिक्षकों को पिछले तीन महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है सरकार सबसे पहले इस समस्या पुर विशेष ध्यान दें.

Intro:हजारों की संख्या में एकत्रित होकर अतिथि शिक्षकों ने राजधानी के शाहजनी पार्क में किया धरना प्रदर्शन लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने शिक्षक दिवस पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया


Body:कई सालों से स्कूलों में सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों ने नियमितीकरण की मांगों को लेकर लामबंद हो गए हैं अतिथि शिक्षकों ने सेहार से राजधानी तक तिरंगा यात्रा निकालकर अपना आक्रोश व्यक्त किया वह शाहजहानी पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया अतिथि शिक्षकों ने कहा कि भाजपा के बाद अब कांग्रेस सरकार भी अतिथि शिक्षकों को नजरअंदाज कर रही है और उनकी मांगों के निराकरण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों का निराकरण नहीं करेगी मांगों को लेकर लिखित में आश्वासन नहीं देगी तो उनका संघर्ष जारी रहेगा हजारों की संख्या में शिक्षकों के हुए ट्रांसफर के बाद कई स्कूलों से अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है जिससे नाराज होती थी अब एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठ गए हैं

बाइट शंभू चरण दुबे अध्यक्ष अतिथि


Conclusion:कांग्रेस के वचन पत्र में के अतिथि शिक्षकों को नियमितीकरण के वादे को याद दिलाने अतिथि शिक्षकों ने राजधानी के शाहजनी पार्क में हजारों की संख्या में एकत्रित होकर क्या धरना प्रदर्शन
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