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शिक्षकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का शिक्षक संगठन ने किया विरोध, मंत्री से की मौका देने की मांग - शिक्षकों की सेवानिवृत्ति

मध्यप्रदेश में शिक्षकों पर कार्रवाई कर सेवानिवृत्ति देने के विरोध में शिक्षक संगठन एकजुट हो गए हैं. शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि सेवानिवृत्ति शिक्षकों को दोबारा मौका दिया जाए.

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शिक्षक संगठन का विरोध
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Published : Dec 1, 2019, 2:22 PM IST

भोपाल। शिक्षकों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई का शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है. शिक्षकों का कहना है कि पहले शिक्षा की दुर्गति करने वाले अधिकारियों की परीक्षा ली जाए और जिम्मेदारी तय की जाए. उसके बाद फिर शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए. सरकार द्वारा शिक्षकों का अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना सरकार का अव्यहवारिक फैसला है और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

मध्यप्रदेश में पहली बार 16 शिक्षकों को सेवानिवृत्ति दी गई है. दक्षता परीक्षा में दो बार फेल होने के बाद शिक्षकों पर ये कार्कोरवाई की गई है. जिसका शिक्षक संगठन विरोध कर रहा है. स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी के बंगले पर पहुंचे शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति का जमकर विरोध किया और शिक्षकों को दोबारा मौका देने की मांग की है.

शिक्षक संगठन का विरोध

मध्यप्रदेश में पिछले सात सालों से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है. एक लाख से अधिक विद्यालय में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. पांच हजार स्कूल शिक्षक विहीन हैं और 10 हजार शिक्षकों को अन्यत्र कामों में लगा रखा है. विद्यालयों में भी शिक्षकों को बिल्कुल पढ़ाने का समय न देकर गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रखा जाता है. ऐसे में सरकार अगर शिक्षकों को सेवानिवृत्ति देने का फैसला लेती है तो शिक्षक संगठन इसका कड़ा विरोध करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि शिक्षकों को दोबारा मौका दिया जाए.

भोपाल। शिक्षकों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई का शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है. शिक्षकों का कहना है कि पहले शिक्षा की दुर्गति करने वाले अधिकारियों की परीक्षा ली जाए और जिम्मेदारी तय की जाए. उसके बाद फिर शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए. सरकार द्वारा शिक्षकों का अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना सरकार का अव्यहवारिक फैसला है और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

मध्यप्रदेश में पहली बार 16 शिक्षकों को सेवानिवृत्ति दी गई है. दक्षता परीक्षा में दो बार फेल होने के बाद शिक्षकों पर ये कार्कोरवाई की गई है. जिसका शिक्षक संगठन विरोध कर रहा है. स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी के बंगले पर पहुंचे शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति का जमकर विरोध किया और शिक्षकों को दोबारा मौका देने की मांग की है.

शिक्षक संगठन का विरोध

मध्यप्रदेश में पिछले सात सालों से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है. एक लाख से अधिक विद्यालय में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. पांच हजार स्कूल शिक्षक विहीन हैं और 10 हजार शिक्षकों को अन्यत्र कामों में लगा रखा है. विद्यालयों में भी शिक्षकों को बिल्कुल पढ़ाने का समय न देकर गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रखा जाता है. ऐसे में सरकार अगर शिक्षकों को सेवानिवृत्ति देने का फैसला लेती है तो शिक्षक संगठन इसका कड़ा विरोध करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि शिक्षकों को दोबारा मौका दिया जाए.

Intro:शिक्षकों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही का शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है मध्यप्रदेश में पहली बार 16 शिक्षकों को सेवानिवृत्ति दी गई दक्षता परीक्षा में दो बार फेल होने के बाद शिक्षकों को यह सेवानिवृत्ति दी गई जिसका शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रभु राम चौधरी के बंगले पर सम्मान करने पहुंचे शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति का जमकर विरोध किया और शिक्षकों को दोबारा मौका देने की मांग की


Body:मध्य प्रदेश में पहली बार 16 शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई जिसका विरोध शिक्षक संगठनों ने शुरू कर दिया है दक्षता परीक्षा में फेल हुए शिक्षकों को सेवानिवृत्ति देने पर शिक्षक संगठनों ने मंत्री प्रभु राम चौधरी से शिक्षकों को दोबारा मौका देने की मांग की है,
शिक्षकों का कहना है कि पहले शिक्षा की दुर्गति करने वाले अधिकारियों की परीक्षा ली जाए और जिम्मेदारी तय की जाए फिर शिक्षकों पर कार्यवाही की जाए सरकार द्वारा शिक्षकों का अनिवार्य सेवानिवृत्ति देना सरकार का अव्यहवारिक फैसला है और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है पहले सरकार जमीनी हकीकत को समझे,
मध्यप्रदेश में विगत 7 वर्षों से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है एक लाख से अधिक विद्यालय में शिक्षकों के पद रिक्त हैं 5000 स्कूल शिक्षक विहीन है और 10,000 शिक्षकों को अन्यत्र कामों में लगा रखा है विद्यालयों में भी शिक्षकों को बिल्कुल पढ़ाने का समय न देकर वर्षभर गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रखा जाता है ऐसे में सरकार यदि शिक्षकों को सेवानिवृत्ति देने का फैसला लेती है तो हम शिक्षक संगठन इसका कड़ा विरोध करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि शिक्षकों की दोबारा मौका दिया जाए..

बाइट- मनोहर दुबे प्रांतीय शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष
बाइट- रामचरण शर्मा महामंत्री प्रांतीय शिक्षक संघ
बाइट- दिग्विजयसिंह चौहान उपाध्यक्ष प्रांतीय शिक्षक संघ



Conclusion:मध्यप्रदेश में शिक्षकों पर कार्यवाही कर सेवानिवृत्ति देने के विरोध में शिक्षक संगठन एकजुट हो गए हैं शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि सेवानिवृत्ति शिक्षकों को दोबारा मौका दिया जाए
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