सरगुजा/भोपाल। समाज में आज भी अंधविश्वास की जड़े बहुत गहरी हैं. आज भी कई इलाकों में छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज झाड़-फूंक और ओझाओं से कराया जाता है. जिसमें अधिकतर लोग अपनी जान गंवा देते हैं. ऐसा ही एक मामला सरगुजा जिले से सामने आया है, जहां आकाशीय बिजली की चपेट में आए घायल युवक को गोबर के गड्ढे में डालकर इलाज का प्रयास किया जा रहा था. काफी कोशिश करने के बाद भी जब युवक की हालत ठीक नहीं हुई, तब उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक युवक की मौत हो चुकी थी. समय रहते अगर युवक को हॉस्पिटल ले जाया जाता, तो शायद डॉक्टरों के प्रयास से उसकी जान बच सकती थी.
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लखनपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत मुटकी में मंगलवार दोपहर 3 बजे करीब हल्की बारिश के साथ आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 35 वर्षीय किशून राम राजवाड़े झुलस गया. इस दौरान कई मवेशी भी इसकी चपेट में आ गए. घायल युवक के परिवार वालों ने तत्काल उसे गोबर के गड्ढे में डाल दिया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई. बाद में 108 एम्बुलेंस की मदद से उसे इलाज के लिए उदयपुर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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आकाशीय बिजली के दौरान मृतक की पत्नी के साथ दो बच्चे घर के अंदर थे. आंगन में पानी के जमाव को निकालने के लिये युवक जाम हुई नाली साफ कर रहा था, तभी वो अचानक आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया. इससे युवक बेहोश होकर आंगन में ही गिर गया. परिवार के लोगों ने यह देख कर शोर मचाया. जिससे आसापास के लोगों का जमावड़ा लग गया. वहीं गांव के बुजुर्गों ने अपने नुस्खे को आजमाते हुए युवक के शरीर को गोबर में गाड़ दिया.
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इस प्रकिया के दौरान केवल उसका सर बाहर खुला था. सिर के नीचे के पूरे हिस्से को गोबर की मोटी परत में गाड़ दिया गया. ग्रामीणों को जब इसमें सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने डायल 108 को सूचना देकर मौके पर बुलाया. घायल को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर में भर्ती किया गया, जहां उसकी मौत हो गई थी. ग्रामीण मोटेलाल राजवाड़े ने कहा कि गांव में कई सरकारी भवन बने हैं, लेकिन वहां किसी तरह का तड़ित चालक नहीं लगाया गया है. शायद तड़ित चालक होने से आज युवक जिंदा होता.