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17 हजार छात्रों ने एमपी बोर्ड के हेल्पलाइन काउंसलर्स को कहा थैंक्स, अभिभावक भी ले रहे टिप्स

एमपी बोर्ड की हेल्पलाइन के काउंसलर्स को छात्र एग्जाम के बाद फोन कर थैंक-यू कह रहे हैं. हेल्पलाइन पर अब तक 17 हजार से ज्यादा फोन आ चुके हैं.

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Published : Mar 1, 2019, 11:31 PM IST

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भोपाल। एमपी बोर्ड द्वारा बनाई गई फ्लाइंग सेंटर हेल्पलाइन पर परीक्षा के बाद बच्चों ने फोन कर थैंक-यू कहा. हेल्पलाइन पर अब तक 17 हजार से ज्यादा फोन आ चुके हैं. दसवीं की पहली परीक्षा के दिन बच्चों ने हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी परेशानियां साझा की.

counsellor
काउंसलर

दरअसल, बोर्ड की परीक्षा के दौरान छात्र तनाव में आ जाते हैं. इसी तनाव में वो कई बार आत्मघाती कदम उठा लेते हैं. परीक्षाओं के दौरान छात्र इसी तनाव के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं. इसी पर रोक लगाने के लिए मध्यप्रदेश माध्यमिक मंडल ने हेल्पलाइन बनाई थी. ताकि हेल्पलाइन के जरिए छात्र अपनी परेशानियों को काउंसलर से साझा कर सकें और उचित मार्गदर्शन पा सकें.

काउंसलर

हेल्पलाइन पर कई छात्र फोन कर काउंसलर की मदद ले रहे हैं, यही नहीं अभिभावक भी काउंसलर्स को कॉल कर उनसे टिप्स ले रहे हैं कि किस तरह परीक्षा के तनाव के बीच बच्चों का मूड रिलैक्स किया जाए. काउंसलर प्रीति जैन ने बताया कि छात्र उन्हें कॉल कर थैंक-यू बोल रहे हैं. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि परीक्षा के समय बच्चे कितना तनाव में रहते हैं. ये हेल्पलाइन परीक्षा के बाद तक चालू रहेगी क्योंकि बच्चे परीक्षा के बाद भी परिणामों को लेकर तनाव में रहते हैं. इस हेल्पलाइन की मदद से काउंसलर बच्चों की मदद कर सकेंगे.

भोपाल। एमपी बोर्ड द्वारा बनाई गई फ्लाइंग सेंटर हेल्पलाइन पर परीक्षा के बाद बच्चों ने फोन कर थैंक-यू कहा. हेल्पलाइन पर अब तक 17 हजार से ज्यादा फोन आ चुके हैं. दसवीं की पहली परीक्षा के दिन बच्चों ने हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी परेशानियां साझा की.

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काउंसलर

दरअसल, बोर्ड की परीक्षा के दौरान छात्र तनाव में आ जाते हैं. इसी तनाव में वो कई बार आत्मघाती कदम उठा लेते हैं. परीक्षाओं के दौरान छात्र इसी तनाव के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं. इसी पर रोक लगाने के लिए मध्यप्रदेश माध्यमिक मंडल ने हेल्पलाइन बनाई थी. ताकि हेल्पलाइन के जरिए छात्र अपनी परेशानियों को काउंसलर से साझा कर सकें और उचित मार्गदर्शन पा सकें.

काउंसलर

हेल्पलाइन पर कई छात्र फोन कर काउंसलर की मदद ले रहे हैं, यही नहीं अभिभावक भी काउंसलर्स को कॉल कर उनसे टिप्स ले रहे हैं कि किस तरह परीक्षा के तनाव के बीच बच्चों का मूड रिलैक्स किया जाए. काउंसलर प्रीति जैन ने बताया कि छात्र उन्हें कॉल कर थैंक-यू बोल रहे हैं. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि परीक्षा के समय बच्चे कितना तनाव में रहते हैं. ये हेल्पलाइन परीक्षा के बाद तक चालू रहेगी क्योंकि बच्चे परीक्षा के बाद भी परिणामों को लेकर तनाव में रहते हैं. इस हेल्पलाइन की मदद से काउंसलर बच्चों की मदद कर सकेंगे.

Intro:माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा बनाई गई हेल्पलाइन फ्लाइंग सेंटर पर बच्चों ने फोन करके थैंक्यू कहा


Body:मध्य प्रदेश माध्यमिक मंडल द्वारा बनाए गए माशिमं हेल्पलाइन पर लगातार 17 हजार से ऊपर कॉल अब तक आ चुके हैं आज दसवीं बोर्ड का पहला एग्जाम था जिसमें बच्चों ने सुबह सुबह फोन कर कर भी अपनी परेशानियां शेयर की कुछ इस तरह के प्रश्न बच्चों ने किए मैडम बोर्ड परीक्षा में कम समय बचा है और तैयारी पूरी नहीं हुई है ऐसे में परीक्षा के डर से ना तो नींद आ रही है और ना ही भूख लग रही है परीक्षा की तैयारी कर पाना संभव नहीं है कुछ इस तरह के सवाल बच्चों ने काउंसलर्स से किए आज 1 मार्च से मध्य प्रदेश माध्यमिक मंडल बोर्ड परीक्षा प्रारंभ हो चुकी है जिसमें 10वीं कक्षा का आज पहला पेपर था कल 2 मार्च हायर सेकेंडरी बारहवीं कक्षा का पहला पेपर है इस बीच बच्चों के लगातार कॉल आ रहे हैं तमाम तरह के सवाल बच्चे काउंसलर्स से पूछ रहे हैं साथ ही अभिभावकों की भी कॉल काउंसलर्स को आ रहे हैं अभिभावकों को चिंता है कि एक्जाम की टेंशन में बच्चे नर्वस में है चिंतित हैं ऐसे में रिलैक्स मूड में एग्जाम कैसे देंगे काउंसलर ने उसका भी हल अभिभावकों को तथा बच्चों को बताया आज दसवीं के बोर्ड एग्जाम खत्म होने के बाद बच्चों ने काउंसलर को कॉल करके थैंक्यू भी कहा जहां 3 महीनों से लगातार परेशानियां शेयर करने के लिए कॉल आ रहे थे वही आज एग्जाम के बाद छात्रों ने फोन करके काउंसलर को थैंक यू कहा संस्कृत काउंसलर प्रीति जैन ने बताया एग्जाम के बाद तीन से चार कॉल थैंक यू के आ चुके हैं ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि परीक्षा के समय बच्चा कितना तनाव में रहता है 17 हजार से ऊपर कॉल आ चुके हैं जिसमें तमाम तरह की परेशानियां काउंसलर के पास पहुंची है यह हेल्पलाइन परीक्षा के बाद तक चालू रहेगी जिससे बच्चे परीक्षा के बाद भी जिस तनाव में परिणामों को लेकर रहते हैं उसमें भी काउंसलर बच्चों की मदद करेगा देखा जाता है कि हर बार पेपर के बाद आत्महत्या के कैसे सामने आते हैं और 10वीं 12वीं के बच्चे अक्सर यह कदम उठाते हैं जिसमें मध्य प्रदेश पिछली बार पहले नंबर पर रहा था ऐसे में यहां कदम उठाना बेहद जरूरी था बच्चों को एक सपोर्ट चाहिए अभिभावकों के अलावा काउंसलर ने भी बच्चों को सपोर्ट के तौर पर मदद की है परीक्षा के तनाव से बच्चे कोई गलत कदम ना उठाएं इसीलिए या हेल्पलाइन परीक्षा के 5 महीने पहले से शुरु हो गई है और परीक्षा के बाद तक चलेगी ताकि बच्चे परीक्षा के बाद भी अपनी तकलीफ में काउंसलर से शेयर कर सके


Conclusion: माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा बनाया गया हेल्पलाइन सेंटर परीक्षा के बाद बच्चों ने फोन कर थैंक्यू कहा
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