भोपाल। मध्यप्रदेश में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं होते हैं. विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने वादा किया था कि, सरकार में आते ही मप्र में छात्र राजनीति को जीवित करने के लिए छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे. इस सिलसिले में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी कांग्रेस के छात्र संगठन के साथ बैठक कर एक मसौदा तैयार कर चुके हैं, जिस पर उच्च शिक्षा विभाग मंथन कर रहा है.
छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं हो रहे हैं, इसके पीछे सरकारें तर्क देती आई हैं कि, छात्र संघ चुनाव में हिंसा के कारण प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं. कमलनाथ सरकार को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है और एक शैक्षणिक सत्र भी बीत चुका है, लेकिन सरकार अपना वचन नहीं निभा पाई. अब इस मामले में कमलनाथ सरकार ने पहल करना शुरू किया है.
प्रत्यक्ष प्रणाली से जल्द हो सकते हैं छात्र संघ चुनाव, उच्च शिक्षा मंत्री ने तैयार किया मसौदा - bhopal news
मध्यप्रदेश में छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने एक मसौदा तैयार किया है.
भोपाल। मध्यप्रदेश में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं होते हैं. विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने वादा किया था कि, सरकार में आते ही मप्र में छात्र राजनीति को जीवित करने के लिए छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे. इस सिलसिले में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी कांग्रेस के छात्र संगठन के साथ बैठक कर एक मसौदा तैयार कर चुके हैं, जिस पर उच्च शिक्षा विभाग मंथन कर रहा है.
छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं हो रहे हैं, इसके पीछे सरकारें तर्क देती आई हैं कि, छात्र संघ चुनाव में हिंसा के कारण प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं. कमलनाथ सरकार को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है और एक शैक्षणिक सत्र भी बीत चुका है, लेकिन सरकार अपना वचन नहीं निभा पाई. अब इस मामले में कमलनाथ सरकार ने पहल करना शुरू किया है.
Body:दरअसल,मप्र में लंबे समय से छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से नहीं हो रहे हैं। इसके पीछे सरकारें तर्क देती आई है कि छात्र संघ चुनाव में हिंसा के कारण प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। हालांकि मप्र की तमाम सरकारें चाहे बीजेपी की या कांग्रेस की यह फिर से छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का वादा करते रहे हैं।पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का वादा किया था। लेकिन उनकी पार्टी के कार्यकाल में यह लागू नहीं हो सका।2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वचन दिया था कि मध्यप्रदेश में छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे। सरकार को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है और एक शैक्षणिक सत्र भी बीत चुका है।लेकिन सरकार अपना वचन नहीं निभा पाई। अब इस मामले में कमलनाथ सरकार ने पहल करना शुरू किया है और हाल ही में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के साथ उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने इस मसौदे पर विस्तृत चर्चा की थी। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा तैयार किए गए मसौदे पर विभाग माथापच्ची कर रहा है और जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के लिए भेजा जाएगा।कैबिनेट मंजूरी मिलते ही यह प्रस्ताव राजभवन भेजा जाएगा और राज्यपाल की मुहर लगते ही मध्यप्रदेश में छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे।
Conclusion:इस मामले में मध्यप्रदेश एनएसयूआई संगठन के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी का कहना है कि विगत 15 सालों में भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश में छात्र राजनीति को खत्म करने का प्रयास किया है। उनके शासनकाल में छात्र राजनीति वेंटिलेटर पर आ चुकी है। चुनाव से पहले हमारे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छात्रों को वचन दिया था कि अगर हम सत्ता में आते हैं,तो मध्यप्रदेश में छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे।इसको लेकर हमारी उच्च शिक्षा मंत्री से बैठक भी हो चुकी है। उच्च शिक्षा मंत्री ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही मध्यप्रदेश के छात्रों को उनका अधिकार प्राप्त होगा। मध्यप्रदेश में प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव कराए जाएंगे।