भोपाल। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स को आकर्षित करने के लिए लोन स्कीम्स शुरू की गई, लेकिन भाजपा संगठन में स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर कोई भी सेल का गठन नहीं किया गया. वहीं, कांग्रेस ने फुटकर व लघु व्यवसाय प्रकोष्ठ का गठन कर स्ट्रीट वेंडर्स को कांग्रेस के साथ जोड़ने की मुहिम शुरू की है. कांग्रेस प्रदेश के कोने-कोने में काम करने वाले फुटकर एवं लघु व्यवसाय को संगठित कर उनको पार्टी से जोड़ने के काम में जुट गई है. इन सभी को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी
प्रदेश कांग्रेस के प्रकोष्ठ प्रभारी जेपी धनोपिया का कहना है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ के निर्देश पर असंगठित कामगार कांग्रेस के जरिए प्रदेशभर में असंगठित कामगारों को कांग्रेस के साथ जोड़ने अभियान शुरू हुआ है. उनका कहना है कि हम सदस्यता अभियान के दौरान करीब एक लाख लोगों को कांग्रेस के साथ जोडेंगे. उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कांग्रेस काम करेगी. धनोपिया का कहना है कि सभी समाज और वर्ग को साथ लेकर आने वाले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित की जाएगी और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी।
स्ट्रीट वेंडर्स के हितों की रक्षा करेगी कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस फुटकर एवं लघु व्यवसाय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मिर्जा नूर बेग के मुताबिक फुटकर और लघु व्यवसायी के साथ पुलिस, बाहुबली और स्थानीय स्तर पर नगर पालिका और नगर निगम कर्मियों द्वारा अन्याय किया जाता है. उन्हें इधर-उधर हटाया जाता है. उन्हें दैनिक व्यवसाय करने में कठिनाई होती है. ऐसे में कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनके हितों की रक्षा करेंगे और उनके साथ हो रहे अन्याय में उनकी लड़ाई लड़ने में पूरा सहयोग करेंगे.
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सरकार की ये है स्ट्रीट वेंडर्स योजना
मध्यप्रदेश में तकरीबन सात से आठ लाख स्ट्रीट वेंडर्स हैं. कोरोना काल के दौरान इनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया था, जिसके चलते भाजपा सरकार ने इनके लिए एक योजना शुरू की थी. सरकार की स्ट्रीट वेंडर्स योजना में मध्यप्रदेश में रहने वाले प्रवासी मजदूर, सड़क किनारे के विक्रेताओं, रेहडी वाले, शहरी रिक्शा चालक और मजदूर को लोन के चलिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
कारोबार के लिए मिलते हैं दस हजार रुपए
इस योजना के तहत छोटे कारोबारियों को कारोबार फिर से शुरू करने के लिए ₹10000 की राशि ऋण के रूप में प्रदान की जाती है. इसमें ठेला खींचने वाले, सब्जी वाले, साइकिल रिक्शा चलाने वाले, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, साइकिल-मोटरसाइकिल ठीक करने वाले कारीगर, बढ़ई का काम करने वाले कारीगर, बुनाई करने वाले, कपड़ा धोने वाले और दर्जी आदि को शामिल किया गया है.
(Street vender scheme of congress)