भोपाल। मध्यप्रदेश का बजट कर्मचारी वर्ग के लिए निराशाजनक रहा है. कर्मचारियों को बजट में 5 फीसदी महंगाई भत्ते और गृह भाड़ा भत्ते में बढ़ोतरी की पूरी उम्मीद थी, लेकिन बजट में दोनों ही मुद्दों पर कुछ भी प्रावधान नहीं किए गए हैं. कर्मचारी संगठनों ने इसको लेकर कड़ी नाराजगी जताई है और मांगों को लेकर कर्मचारी संगठन सरकार पर दबाव बनाने अब आंदोलन का रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहे है. मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने आंदोलन की रूप रेखा बनाने बुधवार को बैठक बुलाई है.
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आंदोलन की रणनीति करेंगे तैयार
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्तावित बजट 2021-22 से आस लगाई थी कि प्रदेश के कर्मचारियों को पांच फीसदी महंगाई भत्ता जो जुलाई 2019 से दिया जाना था, उसका बजट में उल्लेख होगा. सातवें वेतनमान को लागू हुए 5 साल हो चुके हैं. सातवें वेतनमान के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने पर भी बजट में चर्चा होनी थी. प्रदेश शासन का जो बजट आया है उससे कर्मचारी जगत में निराशा है. सरकार हमेशा यह कहती है कि हम कर्मचारियों से संवाद कर कर्मचारियों के अधिकारों की बात करेंगे, लेकिन सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. पिछले 2 वर्षों से कर्मचारियों को एक बार भी बढ़ा हुआ वेतन भत्ता आज तक नहीं मिला है. वही वेतन वृद्धि भी सरकार द्वारा रोक दी गई है. उधर मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने बजट मे कर्मचारियों की अनदेखी के विरोध में बुधवार को संगठन की आपात बैठक बुलाई है.