भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है. लेकिन मुश्किल की इस घड़ी में भी लोगों ने हिम्मत नहीं खोई है. सभी के एक-दूसरे के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चल रहे हैं. राजधानी में ऐसे ही कुछ साहसी युवा हैं, जो कोरोना कर्फ्यू के बाद से लगातार जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं. प्राइवेट जॉब करने वाले यह युवा आपस में मिलकर लोगों के लिए खाने-पीने के सामान की व्यवस्था कर रहे हैं. धीरे-धीरे इनके इस सराहनीय कार्य से प्रभावित होकर और भी कई लोग जुड़ते गए. मुश्किल की इस घड़ी में जरूरतमंदों के लिए संकटमोचन बनकर सामने आए यह युवा अभी तक करीब 550 परिवारों को राशन उपलब्ध करा चुके हैं. वहीं 23सौ खाने के पैकेट भी बांटे जा चुके हैं.
कोरोना कर्फ्यू के बाद मदद का सिलसिला शुरू
शहर की एडवरटाइजिंग एजेंसी में काम करने वाले मानसिंह इस सराहनीय पहल में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के बाद जब सब कुछ बंद हो गया, तो हॉस्पिटल में मरीज के परिजनों के खाने की समस्या काफी बढ़ गई थी. इसी समस्या को देखते हुए उन्होंने मदद करने का फैसला लिया, और खाने के पैकेट बांटने शुरू किए. बाद में उन्होंने जब इस संबंध में अजीत सिंह, सिद्धार्थ सिंह से बात की तो वह भी मदद के लिए तैयार हो गए.
मानसिंह ने कहा, 'खाना बनवाना आसान काम नहीं था, इसलिए ढाबा चलाने वाले मित्र अनूप त्रिपाठी और विकास दुबे के साथ मिलकर हर दिन 50 खाने के पैकेट तैयार किए गए. यह खाना सभी ने जय प्रकाश हॉस्पिटल, एम्स हॉस्पिटल के बाहर बांटा. शुरू में अपनी पॉकेट मनी से करीब 6 हजार रुपए खर्च किए. बाद में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले पीयूष जैन का साथ मिला. उन्होंने खाने के पैकेट के साथ राशन का सामान बंटवाना भी शुरू कर दिया.'
सोशल मीडिया पर मैसेज कर जुटाए पैसे
सोशल मीडिया का उपयोग हम सब करते हैं, लेकिन किसी ने शायद यह नहीं सोचा होगा कि इस प्लेटफॉर्म का उपयोग कई अलग कामों के लिए भी किया जा सकता है. मान सिंह बताते हैं कि कुछ समय बाद जब पैसों की समस्या आने लगी. तो उन्होंने खाना बांटने की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर लोगों से मदद मांगी. इसके बाद लोगों ने 500 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक की मदद की. रॉयल राजपूत संगठन ने भी इस पहल में काफी मदद की. इसके बाद लगातार खाना और राशन का सामान बांटना जारी रहा.
मुक्तिधाम में दाह संस्कार करने आ रहे परिजनों को निशुल्क खाना
18 दिन में 550 परिवारों को बांटा राशन
इस ग्रुप से जुड़े सदस्य सिर्फ मरीजों के परिजन और गरीबों की ही नहीं, बल्कि ड्यूटी पर दिन-रात तैनात पुलिसकर्मियों की भी मदद करते हैं. पीयूष जैन रोज अपनी कार में सामान रखकर निकलते हैं. वह बताते हैं कि चौराहों पर खड़े रहने वाले पुलिसकर्मियों को पानी, बिस्किट आदि दिया जाता है. इसके बाद जय प्रकाश जिला हॉस्पिटल और एम्स के बाहर खाना बांटा जाता है. इसके बाद ऑक्सीजन के लिए भेल में घंटों लोग भूखे-प्यासे खड़े रहते हैं, उन्हें पानी-खाना पहुंचाया जाता है. वहीं इस दौरान जो लोग राशन मांगते हैं, उन्हें राशन भी उपलब्ध कराया जाता है. पीयूष जैन ने जानकारी दी कि पिछले 18 दिन में वह 550 परिवारों को राशन बांट चुके हैं. इसमें एक किलो चावल, दाल, आटा, तेल होता है. इसी तरह करीब 2300 खाने के पैकेट भी बांटे जा चुके हैं.