उज्जैन। सरकारी स्कूलों की बदहाली की तो कई तस्वीरें आपने देखी होगी, लेकिन मध्य प्रदेश के उज्जैन में बनकर तैयार हुए स्मार्ट स्कूल को देखकर आपको आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि यह सरकारी स्कूल है. उज्जैन के महाकाल मंदिर के पास बनाए गए नूतन स्कूल (Nutan School) का 22 सितंबर को ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल शुभारंभ किया है. अब यह सरकारी स्कूल किसी बड़े प्राइवेट स्कूल को पीछे छोड़ रहा है.
30 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ स्कूल
30 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुए इस स्कूल में 90 क्लास रूम, उत्कृष्ट लैब, लाइब्रेरी, छात्रावास, खेल मैदान, मैस-कैंटीन, स्टाफ रूम, पीने के लिए आरओ वाटर, ऑडियो-वीडियो फॉर्मेट में पढ़ाई के लिए सभी क्लास रूम स्मार्ट उपकरणों से लैस होंगे. अग्नि सुरक्षा के इंतजाम सहित पूरे कैम्पस को सोलर एनर्जी से रोशन किया गया.
स्कूल में 90 स्मार्ट क्लास रूम
उज्जैन में महाकाल मंदिर क्षेत्र में चार धाम मंदिर के पास स्मार्ट सिटी (Smart City) के सहयोग से इस स्कूल को बनाया गया है. करोड़ों रुपए की लागत से बने नूतन स्कूल के सभी क्लासेस स्मार्ट क्लास के उपकरणों से लैस है. स्कूल में प्रीमियम क्लास का फर्नीचर, शानदार सभा कक्ष, फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी की टॉप क्लास लैब, शानदार लॉन और वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर दिखाई देगा.
तीन स्कूलों को मिलाकर बनाया गया एक स्कूल
स्कूल की पूरी बिल्डिंग में सीसीटीव कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही स्कूल के साथ बड़ा मैदान भी तैयार किया जा रहा है. इस स्कूल को आसपास के तीन स्कूलों को मिलाकर बनाया गया है. यहां पहली से बाहरवीं तक की क्लासेस लगेगी. फिलहाल यहां प्राथमिक क्लासेस लग रही है, अन्य दो स्कूलों के बच्चों को भी जल्द यहां शिफ्ट कर दिया जाएगा.
हर चीज को डिजाइन करके बनाया गया
स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि "इससे पहले जिस स्कूल में हम पढ़ाते थे, वहां और यहां में जमीन-आसमान का अंतर है. यह स्कूल बहुत बड़ा और बहुत अच्छा बनाया गया है. इसमें हर चीज का ध्यान रखा गया है, जैसे क्लास रूम की साइज, ब्लैक बोर्ड, सहित सभी चीजे बहुत अच्छे से डिजाइन कर बनायी गयी है. प्राचार्य कक्ष, कम्प्यूटर लैब भी काफी प्लानिंग करके बनाई गई है. इससे निजी स्कूल के विद्यार्थियों का रुझान भी अब सरकारी स्कूलों की तरफ बढ़ेगा."
42 सालों में पहली बार देखा ऐसा सरकारी स्कूल
स्कूल में पढ़ाने वाले अन्य शिक्षक प्रेम लाल राठौर ने बताया कि "इस स्कूल में आने से हम काफी परिवर्तन महसूस कर रहे हैं. 42 सालों में पहली बार ऐसा सरकारी स्कूल देखा है, जिसमें पढ़ाने में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है. इस स्कूल में कक्षा पहली से बाहरवीं तक की क्वलासेस एक साथ लगेगी. आसपास के तीन स्कूलों को मिलाकर यह एक स्कूल बनाया गया है. स्कूल के प्रथम तल में प्राथमिक, दूसरे तल में माध्यमिक और तीसरे तल में हायर सेकेंडरी की क्लासेस लगेगी."
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बिजली के लिए लगाए गए हैं सोलर पैनल
उज्जैन के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महाराजवाड़ा की प्राचार्य उषा डोरे ने बताया कि "स्कूल में प्राचार्य कक्ष, पुस्तकालय, बहुउद्देशीय हॉल, प्राथमिक चिकित्सा कक्ष, संस्कृत महाविद्यालय हेतु छात्रावास, छह प्रयोगशाला और मैदान बनाए गए हैं. स्कूल में नवीन फर्नीचर और स्मार्ट क्लास की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई है. बिजली के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं. नूतन स्कूल परिसर की एक खासियत है. यहां एक ही बिल्डिंग में बालक-बालिकाओं की क्लास लगेंगी, पर उनके क्लासरूम और आने-जाने के रास्ते अलग-अलग होंगे."