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Poll Cash Case: SIT ने शुरू किया दस्तावेजों का अध्ययन, 904 पन्नों का है पुलिंदा

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Published : Jan 7, 2021, 7:28 PM IST

पोल कैश मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू ने एसआईटी का गठन किया है. अब ये एसआईटी आयकर विभाग से मिले 904 पन्नों के दस्तावेजों का अध्ययन करेगी. जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Eow
ईओडब्ल्यू

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान हुए कालेधन के लेन-देन के मामले में ईओडब्ल्यू ने एसआईटी का गठन कर दिया है. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एसआईटी की 4 सदस्यीय टीम मामलों से जुड़े दस्तावेजों का अध्ययन कर रही है. ये दस्तावेज आयकर विभाग ने ईओडब्ल्यू को सौंपे थे. इन दस्तावेजों के परीक्षण के बाद ही इस मामले में एसआईटी आगे की कार्रवाई करेगी.

हर दिन की स्टेटस रिपोर्ट देगी एसआईटी

मामले में आयकर विभाग ने ईओडब्ल्यू को 904 पन्नों का एक पूरा पुलिंदा सौंपा है. पूरे मसले की बारीकी से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. जिसकी जिम्मेदारी एसडी नायर को सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि इस 4 सदस्य टीम को हर दिन आला अधिकारियों को स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी.

पुलिस अधिकारियों की भूमिका होगी जांच

मामले में ईओडब्ल्यू ने सबसे पहले 3 आईपीएस अधिकारी और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज की है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दस्तावेजों की जांच कर एसआईटी इन पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी. एसआईटी की टीम जल्द ही इस मामले में चारों पुलिस अधिकारियों को तलब कर सकती है.

इन अधिकारियों के नाम शामिल

आयकर विभाग की जो रिपोर्ट सामने आई थी, उसमें ईओडब्ल्यू के डीजी रहे आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी और ईओडब्ल्यू में एसपी रहे राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा का नाम शामिल है. इसके अलावा 2 आईपीएस अफसर वी मधु कुमार और संजय माने का नाम भी आयकर विभाग की रिपोर्ट में है.

नामवार राशि का जिक्र

पोल कैश मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत 64 विधायकों और कई कारोबारियों के नाम भी हैं. आयकर विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जो दस्तावेज मिले थे, उनमें इन नामों के आगे बकायदा राशि लिखी हुई है. इसके अलावा सरकारी विभागों के नाम और उनके आगे राशि का जिक्र है. तत्कालीन कमलनाथ सरकार में रहे कुछ मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है. इनमें कई सिंधिया समर्थक भी शामिल हैं. जो अभी बीजेपी सरकार में मंत्री हैं.

लिस्ट में बागियों के नाम

मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव से पहले कई कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इन नेताओं के नाम भी आयकर विभाग की सूची में शामिल हैं. जिनमें बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, एंदल सिंह कंषाना, गिर्राज सिंह दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरोनिया, प्रद्युम्न सिंह लोधी, राहुल लोधी, नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी, मनोज चौधरी समेत बसपा की राम बाई और संजीव सिंह कुशवाह शामिल हैं.

यह है पूरा मामला

लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी आरके मिगलानी, प्रवीण कक्कड़ और भांजे रतुल पुरी समेत एक कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. कार्रवाई में बड़ी संख्या में दस्तावेज और फाइलें जब्त कीं थीं. इसके अलावा करोड़ों रुपए कैश भी बरामद हुआ था. जब आयकर विभाग की शीर्ष संस्था ने इन पूरे दस्तावेजों की जांच की तो काले धन के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले. आयकर विभाग ने एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी. जिसके बाद चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक की जांच दर्ज करने के आदेश दिए. चुनाव आयोग के आदेशों पर अब इस मामले में ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज कर एसआईटी का गठन किया है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान हुए कालेधन के लेन-देन के मामले में ईओडब्ल्यू ने एसआईटी का गठन कर दिया है. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एसआईटी की 4 सदस्यीय टीम मामलों से जुड़े दस्तावेजों का अध्ययन कर रही है. ये दस्तावेज आयकर विभाग ने ईओडब्ल्यू को सौंपे थे. इन दस्तावेजों के परीक्षण के बाद ही इस मामले में एसआईटी आगे की कार्रवाई करेगी.

हर दिन की स्टेटस रिपोर्ट देगी एसआईटी

मामले में आयकर विभाग ने ईओडब्ल्यू को 904 पन्नों का एक पूरा पुलिंदा सौंपा है. पूरे मसले की बारीकी से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. जिसकी जिम्मेदारी एसडी नायर को सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि इस 4 सदस्य टीम को हर दिन आला अधिकारियों को स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी.

पुलिस अधिकारियों की भूमिका होगी जांच

मामले में ईओडब्ल्यू ने सबसे पहले 3 आईपीएस अधिकारी और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज की है. बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दस्तावेजों की जांच कर एसआईटी इन पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी. एसआईटी की टीम जल्द ही इस मामले में चारों पुलिस अधिकारियों को तलब कर सकती है.

इन अधिकारियों के नाम शामिल

आयकर विभाग की जो रिपोर्ट सामने आई थी, उसमें ईओडब्ल्यू के डीजी रहे आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी और ईओडब्ल्यू में एसपी रहे राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा का नाम शामिल है. इसके अलावा 2 आईपीएस अफसर वी मधु कुमार और संजय माने का नाम भी आयकर विभाग की रिपोर्ट में है.

नामवार राशि का जिक्र

पोल कैश मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत 64 विधायकों और कई कारोबारियों के नाम भी हैं. आयकर विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जो दस्तावेज मिले थे, उनमें इन नामों के आगे बकायदा राशि लिखी हुई है. इसके अलावा सरकारी विभागों के नाम और उनके आगे राशि का जिक्र है. तत्कालीन कमलनाथ सरकार में रहे कुछ मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है. इनमें कई सिंधिया समर्थक भी शामिल हैं. जो अभी बीजेपी सरकार में मंत्री हैं.

लिस्ट में बागियों के नाम

मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव से पहले कई कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इन नेताओं के नाम भी आयकर विभाग की सूची में शामिल हैं. जिनमें बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, एंदल सिंह कंषाना, गिर्राज सिंह दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरोनिया, प्रद्युम्न सिंह लोधी, राहुल लोधी, नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी, मनोज चौधरी समेत बसपा की राम बाई और संजीव सिंह कुशवाह शामिल हैं.

यह है पूरा मामला

लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी आरके मिगलानी, प्रवीण कक्कड़ और भांजे रतुल पुरी समेत एक कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. कार्रवाई में बड़ी संख्या में दस्तावेज और फाइलें जब्त कीं थीं. इसके अलावा करोड़ों रुपए कैश भी बरामद हुआ था. जब आयकर विभाग की शीर्ष संस्था ने इन पूरे दस्तावेजों की जांच की तो काले धन के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले. आयकर विभाग ने एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी. जिसके बाद चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक की जांच दर्ज करने के आदेश दिए. चुनाव आयोग के आदेशों पर अब इस मामले में ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज कर एसआईटी का गठन किया है.

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