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पोल कैश मामला: चार सदस्यीय SIT का गठन, हर दिन देनी होगी स्टेटस रिपोर्ट - पोल कैश

पोल कैश मामले में चार सदस्यीय एसआईटी टीम गठित की गई है.जिसकी जिम्मेदारी एसडी नायर को सौंपी गई है.

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Published : Jan 6, 2021, 10:56 PM IST

भोपाल। पोल कैश मामले में चुनाव आयोग के साथ सीएस और एसीएस की मीटिंग के बाद अब इस पूरे मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू ने एसआईटी का गठन कर दिया है. एसआईटी में चार अधिकारियों को शामिल किया गया है. जिसकी जिम्मेदारी एसडी नायर को सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि इस 4 सदस्य टीम को हर दिन आला अधिकारियों को स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी.

जल्द हो सकती है मामले एफआईआर दर्ज

सीएस और एसीएस की चुनाव आयोग से हुई बैठक के बाद अब पोल कैश मामले में ईओडब्ल्यू की टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई करने की तैयारी में है. इसके लिए आज ईओडब्ल्यू में चार सदस्य एसआईटी का गठन भी कर दिया गया है. आयकर विभाग से ईओडब्ल्यू के पास पहुंची रिपोर्ट में चार पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल हैं. इन्हीं चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज की है. माना जा रहा है कि इन चारों की भूमिका को लेकर एसआईटी की टीम जांच तेज करेगी और जल्द ही इस मामले में चारों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है. ईओडब्ल्यू की टीम ने चार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिक जांच कर रखी है. उनमें आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी संजय माने और वी मधुकुमार शामिल हैं. इसके अलावा एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा का नाम भी शामिल है.

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत 64 विधायकों नेताओ की बढ़ेगी मुश्किलें

पोल कैश मामले में आयकर विभाग की जो रिपोर्ट सामने आई थी. उसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत 64 विधायकों नेताओं और कारोबारियों के नाम शामिल हैं. इन सबके नामों के आगे राशि भी लिखी हुई है. इतना ही नहीं कुछ सरकारी विभागों के आगे भी कलेक्शन की राशि लिखी हुई है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सभी विधायकों कारोबारियों पर ईओडब्ल्यू की टीम शिकंजा कर सकती है.

यह है पूरा मामला

दरअसल साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन के लेन-देन का मामला सामने आया था. अप्रैल माह में आयकर विभाग की दिल्ली विंग ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ आरके मिगलानी और भांजे रतुल पुरी समेत एक कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापे मार कार्रवाई की थी. इस दौरान इन्हें ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज फाइलें और कंप्यूटर जब्त किए गए थे. आयकर विभाग की शीर्ष संस्था सीबीडीटी ने इन सभी दस्तावेजों की जांच कर एक रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी थी. यह रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार को भेजी और ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक जांच करने के निर्देश दिए. इस मामले में कार्रवाई को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को तलब किया था. जिसके बाद अब इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू की टीम ने एसआईटी का गठन कर दिया है. माना जा रहा है कि जांच के बाद जल्द ही ईओडब्ल्यू चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकती है.

भोपाल। पोल कैश मामले में चुनाव आयोग के साथ सीएस और एसीएस की मीटिंग के बाद अब इस पूरे मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू ने एसआईटी का गठन कर दिया है. एसआईटी में चार अधिकारियों को शामिल किया गया है. जिसकी जिम्मेदारी एसडी नायर को सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि इस 4 सदस्य टीम को हर दिन आला अधिकारियों को स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी.

जल्द हो सकती है मामले एफआईआर दर्ज

सीएस और एसीएस की चुनाव आयोग से हुई बैठक के बाद अब पोल कैश मामले में ईओडब्ल्यू की टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई करने की तैयारी में है. इसके लिए आज ईओडब्ल्यू में चार सदस्य एसआईटी का गठन भी कर दिया गया है. आयकर विभाग से ईओडब्ल्यू के पास पहुंची रिपोर्ट में चार पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल हैं. इन्हीं चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने प्राथमिक जांच दर्ज की है. माना जा रहा है कि इन चारों की भूमिका को लेकर एसआईटी की टीम जांच तेज करेगी और जल्द ही इस मामले में चारों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है. ईओडब्ल्यू की टीम ने चार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिक जांच कर रखी है. उनमें आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी संजय माने और वी मधुकुमार शामिल हैं. इसके अलावा एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा का नाम भी शामिल है.

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत 64 विधायकों नेताओ की बढ़ेगी मुश्किलें

पोल कैश मामले में आयकर विभाग की जो रिपोर्ट सामने आई थी. उसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत 64 विधायकों नेताओं और कारोबारियों के नाम शामिल हैं. इन सबके नामों के आगे राशि भी लिखी हुई है. इतना ही नहीं कुछ सरकारी विभागों के आगे भी कलेक्शन की राशि लिखी हुई है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सभी विधायकों कारोबारियों पर ईओडब्ल्यू की टीम शिकंजा कर सकती है.

यह है पूरा मामला

दरअसल साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन के लेन-देन का मामला सामने आया था. अप्रैल माह में आयकर विभाग की दिल्ली विंग ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ आरके मिगलानी और भांजे रतुल पुरी समेत एक कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापे मार कार्रवाई की थी. इस दौरान इन्हें ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज फाइलें और कंप्यूटर जब्त किए गए थे. आयकर विभाग की शीर्ष संस्था सीबीडीटी ने इन सभी दस्तावेजों की जांच कर एक रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी थी. यह रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार को भेजी और ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिक जांच करने के निर्देश दिए. इस मामले में कार्रवाई को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को तलब किया था. जिसके बाद अब इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू की टीम ने एसआईटी का गठन कर दिया है. माना जा रहा है कि जांच के बाद जल्द ही ईओडब्ल्यू चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकती है.

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