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ऐसा भी है Corona का साइड इफैक्ट ! BU के एग्जाम में पकड़े गए नकल के रिकॉर्डतोड़ मामले

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (BU) में यूजी के द्वितीय और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में नकल के रिकॉर्डतोड़ मामले सामने आए हैं. विश्वविद्यालय के इतिहास में यह अब तक सबसे बड़ा आंकड़ा है. कोरोना के कारण लगातार दो साल परीक्षाएं ऑफलाइन (Offline) नहीं हो सकी. दो साल छात्रों ने ऑनलाइन एग्जाम दिया. माना जा रहा है कि ये कोरोना का प्रभाव ही है कि स्टूडेंट में ओपन बुक परीक्षा देने की आदत पड़ गई है. (Side effect of Corona) (Record breaking cases of cheating BU)

Record breaking cases of cheating BU
BU में पकड़े नकल के रिकॉर्डतोड़ मामले
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Published : May 5, 2022, 4:22 PM IST

भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय फिर से एक बार सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, कोरोना के बाद दो साल बाद विश्वविद्यालय ऑफलाइन परीक्षा ले रहा है. इससे पहले मई और जून 2019 में ऑफलाइन परीक्षा कराई गई थी. अभी विश्वविद्यालय यूजी के द्वितीय और अंतिम वर्ष की परीक्षा ले रहा है. प्रथम वर्ष की परीक्षा होना अभी शेष है. परीक्षाओं पर नजर रखने के लिए दो उड़नदस्ते तैयार किए गए हैं. उड़नदस्तों ने परीक्षा में 1100विद्यार्थियों के खिलाफ नकल के प्रकरण दर्ज किए हैं. आज तक विश्वविद्यालय के इतिहास में नकल प्रकरण का यह सबसे बड़ा आंकड़ा बताया जा रहा है.

ओपन बुक एग्जाम तो नहीं इसकी वजह : नकल के सबसे ज्यादा मामले आने की वजह 2 साल से ओपन बुक एग्जाम होने के कारण विद्यार्थियों ने पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लिया जना है. इसलिए ऑफलाइन परीक्षा में पास होने के लिए नकल का सहारा ले रहे हैं. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में अब तक के ये सबसे ज्यादा नकल के प्रकरण है. दरअसल, मार्च 2020 में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन और 4 अप्रैल 2021 में फिर से लॉक डाउन लग जाने के कारण विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षाएं ओपन बुक सिस्टम से कराई थीं और इस साल कोरोना संक्रमण से राहत को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने ऑफलाइन परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया है. इसके चलते विश्वविद्यालय दूसरे और तीसरे वर्ग के ऑफलाइन परीक्षा लेना शुरू कर दिया है.

MP में सरकारी दफ्तर, मंत्रियों, अधिकारियों के बंगले सौर ऊर्जा से होंगे रौशन, ओंमकारेश्वर में 108 फीट ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित

एक माह में 11 सौ नकलची पकड़े : परीक्षा में कोई नकल नहीं हो, इसके लिए उड़नदस्ता तैयार किए गए हैं. उड़न दस्तों में प्रोफेसर पवन मिश्रा को समन्वयक बनाया गया है. दोनों उड़नदस्ता टीमों ने 1 महीने से चल रही परीक्षा में 11100 विद्यार्थियों के खिलाफ नकल का प्रकरण दर्ज किया. इससे पहले 400 से अधिक प्रकरण कभी दर्ज नहीं हुए. कोरोना से पहले साल 2018 में सबसे ज्यादा 334 नकल के प्रकरण बने थे. राज्य के दूसरे विश्वविद्यालय भी दो साल बाद ऑफलाइन परीक्षाएं करा रहे हैं. वहां भी विद्यार्थियों ने नकल करने के नए-नए तरीके सीख लिए हैं और वहां भी नकल के काफी प्रकरण आ रहे हैं इसमें इंदौर रीवा ग्वालियर, छतरपुर और उज्जैन विश्वविद्यालय भी शामिल हैं.

भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय फिर से एक बार सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, कोरोना के बाद दो साल बाद विश्वविद्यालय ऑफलाइन परीक्षा ले रहा है. इससे पहले मई और जून 2019 में ऑफलाइन परीक्षा कराई गई थी. अभी विश्वविद्यालय यूजी के द्वितीय और अंतिम वर्ष की परीक्षा ले रहा है. प्रथम वर्ष की परीक्षा होना अभी शेष है. परीक्षाओं पर नजर रखने के लिए दो उड़नदस्ते तैयार किए गए हैं. उड़नदस्तों ने परीक्षा में 1100विद्यार्थियों के खिलाफ नकल के प्रकरण दर्ज किए हैं. आज तक विश्वविद्यालय के इतिहास में नकल प्रकरण का यह सबसे बड़ा आंकड़ा बताया जा रहा है.

ओपन बुक एग्जाम तो नहीं इसकी वजह : नकल के सबसे ज्यादा मामले आने की वजह 2 साल से ओपन बुक एग्जाम होने के कारण विद्यार्थियों ने पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लिया जना है. इसलिए ऑफलाइन परीक्षा में पास होने के लिए नकल का सहारा ले रहे हैं. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में अब तक के ये सबसे ज्यादा नकल के प्रकरण है. दरअसल, मार्च 2020 में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन और 4 अप्रैल 2021 में फिर से लॉक डाउन लग जाने के कारण विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षाएं ओपन बुक सिस्टम से कराई थीं और इस साल कोरोना संक्रमण से राहत को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने ऑफलाइन परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया है. इसके चलते विश्वविद्यालय दूसरे और तीसरे वर्ग के ऑफलाइन परीक्षा लेना शुरू कर दिया है.

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एक माह में 11 सौ नकलची पकड़े : परीक्षा में कोई नकल नहीं हो, इसके लिए उड़नदस्ता तैयार किए गए हैं. उड़न दस्तों में प्रोफेसर पवन मिश्रा को समन्वयक बनाया गया है. दोनों उड़नदस्ता टीमों ने 1 महीने से चल रही परीक्षा में 11100 विद्यार्थियों के खिलाफ नकल का प्रकरण दर्ज किया. इससे पहले 400 से अधिक प्रकरण कभी दर्ज नहीं हुए. कोरोना से पहले साल 2018 में सबसे ज्यादा 334 नकल के प्रकरण बने थे. राज्य के दूसरे विश्वविद्यालय भी दो साल बाद ऑफलाइन परीक्षाएं करा रहे हैं. वहां भी विद्यार्थियों ने नकल करने के नए-नए तरीके सीख लिए हैं और वहां भी नकल के काफी प्रकरण आ रहे हैं इसमें इंदौर रीवा ग्वालियर, छतरपुर और उज्जैन विश्वविद्यालय भी शामिल हैं.

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