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अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री मिलने पर पत्नी ने जताई खुशी, ईटीवी भारत के साथ की खास बातचीत

गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म पुरस्कार नामों का ऐलान कर दिया गया है. इस बार जिन हस्तियों को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए चुना गया है. उनमें प्रमुख नाम 1984 भोपाल गैस त्रासदी कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार का है, जिन्हें मरणोपरांत पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. इस बात की जानकारी लगने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है. उनकी पत्नी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में के दौरान अपना दर्द जाहिर किया है.

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Published : Jan 26, 2020, 1:47 AM IST

Updated : Jan 26, 2020, 5:39 AM IST

Abdul Jabbar posthumously received the Padma Shri
अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री मिलने पर पत्नी ने जताई खुशी

भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए लंबे समय तक संघर्ष करने वाले समाजसेवी अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री दिए जाने की घोषणा की गई है. पद्मश्री की सूचना मिलने के बाद परिवार के लोगों में खुशी का माहौल है, लेकिन आज उनके ना रहने का गम भी उनकी आंखों में दिखाई दे रहा है.

अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री मिलने पर पत्नी ने जताई खुशी

परिवार ने जताई खुशी
अब्दुल जब्बार की पत्नी सायरा बानो ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि पद्मश्री की सूचना उन्हें कुछ समय पहले ही मिली है. उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि दुनिया को अलविदा कह चुके अब्दुल जब्बार को पद्मश्री जैसे बड़े सम्मान से नवाजा जा रहा है, लेकिन इस बात का बेहद दुख भी है कि आज वह इस दुनिया में उनके साथ नहीं है, क्योंकि बीमारी के चलते कुछ समय पहले उनका निधन हो गया था.

अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री

अब्दुल जब्बार के निधन से दुखी परिवार
अब्दुल जब्बार की पत्नी ने कहा कि इस दुनिया से जाने के बाद से ही उनका परिवार लगातार संघर्ष कर रहा है. उन्होंने अपने पूरे जीवन गैस पीड़ितों के लिए लगा दिए. वे कभी भी परिवार को समय नहीं देते थे, वे हमेशा ही गैस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करते रहते थे. ऐसी स्थिति में उनके पास बच्चों को सही शिक्षा देने की चुनौती है. मध्यप्रदेश शासन की ओर से भी उन्हें कुछ राशि देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई है.

  • गैस पीड़ितों के लिए जीवनपर्यन्त काम करने वाले दिवंगत अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत एवं प्रदेश के डॉ.पुरूषोत्तम दधिच को कला क्षेत्र के लिये,डॉ.लीला जोशी को चिकित्सा क्षेत्र के लिये,नेमनाथ जैन को व्यापार-उद्योग क्षेत्र के लिये पद्मश्री अवार्ड मिलने की घोषणा से प्रदेश हुआ गौरान्वित
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अब्दुल जब्बार के सपने को करना चाहती हैं पूरा
सायरा बानो अब्दुल जब्बार के छोड़े हुए कामों को आगे बढ़ाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि जिन कामों को वे अधूरा छोड़ कर गए हैं, यदि उनके संगठन से जुड़े हुए सभी गैस पीड़ित उनका सहयोग करते हैं तो निश्चित रूप से वे उन सभी कामों को आगे बढ़ाएंगी और गैस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करेंगी.

सरकार से मांगी मदद
सायरा बानो ने कहा कि यह गर्व की बात है कि अब्दुल जब्बार साहब को मरणोपरांत पद्मश्री दिया जा रहा है. गैस पीड़ितों के लिए 35 वर्ष उन्होंने संघर्ष किया है. लेकिन दुख इस बात का है कि प्रदेश सरकार की ओर से जो मदद मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल पाई है. यदि सरकार उन्हें सरकारी नौकरी देती है और बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने की व्यवस्था करती है तो निश्चित रूप से यह एक बहुत बड़ी मदद हो जाएगी.

भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए लंबे समय तक संघर्ष करने वाले समाजसेवी अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री दिए जाने की घोषणा की गई है. पद्मश्री की सूचना मिलने के बाद परिवार के लोगों में खुशी का माहौल है, लेकिन आज उनके ना रहने का गम भी उनकी आंखों में दिखाई दे रहा है.

अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री मिलने पर पत्नी ने जताई खुशी

परिवार ने जताई खुशी
अब्दुल जब्बार की पत्नी सायरा बानो ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि पद्मश्री की सूचना उन्हें कुछ समय पहले ही मिली है. उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि दुनिया को अलविदा कह चुके अब्दुल जब्बार को पद्मश्री जैसे बड़े सम्मान से नवाजा जा रहा है, लेकिन इस बात का बेहद दुख भी है कि आज वह इस दुनिया में उनके साथ नहीं है, क्योंकि बीमारी के चलते कुछ समय पहले उनका निधन हो गया था.

अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री

अब्दुल जब्बार के निधन से दुखी परिवार
अब्दुल जब्बार की पत्नी ने कहा कि इस दुनिया से जाने के बाद से ही उनका परिवार लगातार संघर्ष कर रहा है. उन्होंने अपने पूरे जीवन गैस पीड़ितों के लिए लगा दिए. वे कभी भी परिवार को समय नहीं देते थे, वे हमेशा ही गैस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करते रहते थे. ऐसी स्थिति में उनके पास बच्चों को सही शिक्षा देने की चुनौती है. मध्यप्रदेश शासन की ओर से भी उन्हें कुछ राशि देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई है.

  • गैस पीड़ितों के लिए जीवनपर्यन्त काम करने वाले दिवंगत अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत एवं प्रदेश के डॉ.पुरूषोत्तम दधिच को कला क्षेत्र के लिये,डॉ.लीला जोशी को चिकित्सा क्षेत्र के लिये,नेमनाथ जैन को व्यापार-उद्योग क्षेत्र के लिये पद्मश्री अवार्ड मिलने की घोषणा से प्रदेश हुआ गौरान्वित
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अब्दुल जब्बार के सपने को करना चाहती हैं पूरा
सायरा बानो अब्दुल जब्बार के छोड़े हुए कामों को आगे बढ़ाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि जिन कामों को वे अधूरा छोड़ कर गए हैं, यदि उनके संगठन से जुड़े हुए सभी गैस पीड़ित उनका सहयोग करते हैं तो निश्चित रूप से वे उन सभी कामों को आगे बढ़ाएंगी और गैस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करेंगी.

सरकार से मांगी मदद
सायरा बानो ने कहा कि यह गर्व की बात है कि अब्दुल जब्बार साहब को मरणोपरांत पद्मश्री दिया जा रहा है. गैस पीड़ितों के लिए 35 वर्ष उन्होंने संघर्ष किया है. लेकिन दुख इस बात का है कि प्रदेश सरकार की ओर से जो मदद मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल पाई है. यदि सरकार उन्हें सरकारी नौकरी देती है और बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने की व्यवस्था करती है तो निश्चित रूप से यह एक बहुत बड़ी मदद हो जाएगी.

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गैस पीड़ितों के लिए संघर्ष करने वाले अब्दुल जब्बार को पद्मश्री मिलने पर पत्नी ने जताई खुशी ,उनके अधूरे कामों को पूरा करने का लिया संकल्प


भोपाल | भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित लोगों के लिए लंबे समय तक संघर्ष करने वाले समाजसेवी अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री दिए जाने की घोषणा की गई है पद्मश्री की सूचना मिलने के बाद परिवार के लोगों में खुशी का माहौल है लेकिन आज उनके ना रहने का गम भी उनकी आंखों में दिखाई दे रहा है


Body:समाजसेवी अब्दुल जब्बार की पत्नी सायरा बानो ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि आज पद्मश्री की सूचना उन्हें कुछ समय पहले ही मिली है उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि उन्हें पद्मश्री जैसे बड़े सम्मान से नवाजा जा रहा है लेकिन इस बात का बेहद दुख भी है कि आज वह इस दुनिया में हमारे बीच में नहीं है कुछ समय पहले ही उनका बीमारी के चलते निधन हो गया था उनके जाने के बाद से ही परिवार लगातार संघर्ष कर रहा है उन्होंने अपने पूरे जीवन गैस पीड़ितों के लिए लगा दिया वे कभी भी परिवार को समय नहीं देते थे वे हमेशा ही गैस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए लगातार संघर्ष करते रहते थे


Conclusion:समाजसेवी अब्दुल जब्बार की पत्नी सायरा बानो ने कहा कि उनके चले जाने के बाद कई तरह की परेशानियों का सामना इस समय परिवार कर रहा है मध्यप्रदेश शासन की ओर से भी उन्हें कुछ राशि देने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई है आज उनके सामने कई तरह की परेशानियां आ रही है क्योंकि वाह एक छोटे से घर में अपने परिवार के साथ रहती हैं ऐसी स्थिति में उनके पास बच्चों को सही शिक्षा देने की चुनौती है हालांकि वे अब्दुल जब्बार के छोड़े हुए कामों को आगे बढ़ाना चाहती हैं उन्होंने कहा कि जिन कामों को वे अधूरा छोड़ कर गए हैं यदि उनके संगठन से जुड़े हुए सभी गैस पीड़ित उनका सहयोग करते हैं तो निश्चित रूप से वे उन सभी कामों को आगे बढ़ाएंगे और गैस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करेंगी



उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि अब्दुल जब्बार साहब को मरणोपरांत पद्मश्री दिया जा रहा है . गैस पीड़ितों के लिए 35 वर्ष उन्होंने संघर्ष किया है लेकिन उन्हें दुख इस बात का है कि प्रदेश सरकार की ओर से जो मदद मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल पाई है यदि सरकार उन्हें सरकारी नौकरी देती है और बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने की व्यवस्था करती है तो निश्चित रूप से यह एक बहुत बड़ी मदद हो जाएगी .
Last Updated : Jan 26, 2020, 5:39 AM IST
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