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शिवराज मंत्रिमंडल की तस्वीर: नए चेहरों को मिल सकती है जगह, हारे नेताओं की संगठन में एंट्री !

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन न होने की वजह से लगातार विपक्ष, बीजेपी पर निशाना साध रहा है, बताया जा रहा है कि शिवराज कैबिनेट के गठन के लिए अंदरखाने में तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. जैसे ही कोरोना का असर कम होगा मंत्रिमंडल का गठन होगा. जिनमें कई नए चेहरों को मौका मिलेगा, तो पिछला चुनाव हार चुके पूर्व मंत्रियों को संगठन में जगह दी जा सकती है.

cm shivraj
सीएम शिवराज
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Published : Apr 4, 2020, 11:06 AM IST

Updated : Apr 4, 2020, 12:24 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में भले ही कोरोना वायरस की वजह से शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है. लेकिन जैसे ही कोरोना का प्रभाव खत्म होगा सबसे पहले प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन होगा. प्रदेश में मंत्री न होने से विपक्ष भी लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहा है. लेकिन बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती ये है कि एक तरफ पार्टी को सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को एडजस्ट करना है, तो वहीं अपने पूर्व मंत्रियों को भी साधना है.

bjp mlas
बीजेपी के विधायक

2013 के विधानसभा चुनाव में शिवराज के 13 मंत्री चुनाव हार गए थे. जिनको सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों ने चुनाव हराया था. ऐसे में इस बार अगर पार्टी इन पूर्व विधायकों को टिकट देती है तो अपने हारे हुए नेताओं को पार्टी संगठन में जगह देगी. माना जा रहा है कि इस बार शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट पिछली सरकार की तुलना में बिल्कुल अलग होगी. क्योंकि बीजेपी इस बार कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है. ताकि प्रदेश के सभी क्षेत्रों और वर्गों का समीकरण साधा जा सके.

चुनाव हारे 13 पूर्व मंत्रियों को संगठन में मिल सकती है जगह

2013 का विधानसभा चुनाव हारे शिवराज सरकार के 13 पूर्व मंत्रियों को भी नाराज नहीं करना चाहती. इसलिए पार्टी इन हारे हुए नेताओं को संगठन में बड़े पद दे सकती है. उमाशंकर गुप्ता, अर्चना चिटनिस, लाल सिंह आर्य, दीपक जोशी, ओमप्रकाश धुर्वे, ललिता यादव, जयभान सिंह पवैया जैसे बड़े नेता भले ही विधानसभा चुनाव हार गए हों. लेकिन इन्हें संगठन में अहम पद देकर पार्टी संतुलन बनाना चाहेगी.

umaa shankar gupta
उमाशंकर गुप्ता
lalsingh arya
लालसिंह आर्य

इन विधायकों को भी मिल सकता है संगठन में अहम पद

वहीं पार्टी के सामने नई समस्या ये भी है कि इस बार सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. ऐसे में लगातार चुनाव जीत रहे विधायकों को भी पार्टी के संगठन में और निगम मंडलों में अहम पद दे सकती है. इन नेताओं में सुरेंद्र पटवा, पारस जैन, शैलेंद्र जैन, गोपीलाल जाटव, यशपाल सिंह सिसोदिया जैसे विधायकों को भी संगठन या निगम मंडलों में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी.

ये नए चेहरे इस बार मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल

शिवराज सरकार में इस बार कुछ नए चेहरे में भी देखने को मिल सकते हैं, जिनमें सबसे बड़ा नाम भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट से विधायक अरविंद भदौरिया का है. भदौरिया दूसरी बार विधायक बने हैं, जिन्होंने कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में उनका मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है.

arvind
अरविंद भदौरिया
kamal patel
कमल पटेल

जबकि विध्य क्षेत्र में बीजेपी ने 2013 के विधानसभा चुनाव में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था. जिसके चलते पार्टी यहां के नेताओं को भी तवज्जों दे सकती है. राजेंद्र शुक्ला के अलावा केदारनाथ शुक्ला, नागेंद्र सिंह और गिरीश गौतम में से किसी एक को विधायक बनाया जा सकता है.

khedar nath shukla
केदारनाथ शुक्ल

जबकि युवा चेहरे के तौर पर रीवा राजघराने से आने वाले दिव्यराज सिंह को भी पार्टी मौका दे सकती है. वहीं रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर, प्रदीप लारिया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, कमल पटेल, यशपाल सिंह सिसोदिया, रामेश्वर शर्मा, मोहन यादव, अजय विश्नोई, विजय शाह सहित कई विधायकों को इस बार मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.

diyaraj singh
दिव्यराज सिंह

हर तरह के समीकरणों पर जोर

सूत्रों का अनुसार पार्टी इन नेताओं के जरिए क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधना चाहती है. क्योंकि सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों में कई चेहरे ऐसे हैं जिन्हे मंत्री बनाए जाने से एक ही वर्ग और क्षेत्र से कई विधायक शामिल हो सकते हैं. ऐसे में पार्टी दोनों तरफ को नेताओं को मिलाकर जल्द ही कैबिनेट का विस्तार करेगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश में भले ही कोरोना वायरस की वजह से शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है. लेकिन जैसे ही कोरोना का प्रभाव खत्म होगा सबसे पहले प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन होगा. प्रदेश में मंत्री न होने से विपक्ष भी लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहा है. लेकिन बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती ये है कि एक तरफ पार्टी को सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को एडजस्ट करना है, तो वहीं अपने पूर्व मंत्रियों को भी साधना है.

bjp mlas
बीजेपी के विधायक

2013 के विधानसभा चुनाव में शिवराज के 13 मंत्री चुनाव हार गए थे. जिनको सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों ने चुनाव हराया था. ऐसे में इस बार अगर पार्टी इन पूर्व विधायकों को टिकट देती है तो अपने हारे हुए नेताओं को पार्टी संगठन में जगह देगी. माना जा रहा है कि इस बार शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट पिछली सरकार की तुलना में बिल्कुल अलग होगी. क्योंकि बीजेपी इस बार कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है. ताकि प्रदेश के सभी क्षेत्रों और वर्गों का समीकरण साधा जा सके.

चुनाव हारे 13 पूर्व मंत्रियों को संगठन में मिल सकती है जगह

2013 का विधानसभा चुनाव हारे शिवराज सरकार के 13 पूर्व मंत्रियों को भी नाराज नहीं करना चाहती. इसलिए पार्टी इन हारे हुए नेताओं को संगठन में बड़े पद दे सकती है. उमाशंकर गुप्ता, अर्चना चिटनिस, लाल सिंह आर्य, दीपक जोशी, ओमप्रकाश धुर्वे, ललिता यादव, जयभान सिंह पवैया जैसे बड़े नेता भले ही विधानसभा चुनाव हार गए हों. लेकिन इन्हें संगठन में अहम पद देकर पार्टी संतुलन बनाना चाहेगी.

umaa shankar gupta
उमाशंकर गुप्ता
lalsingh arya
लालसिंह आर्य

इन विधायकों को भी मिल सकता है संगठन में अहम पद

वहीं पार्टी के सामने नई समस्या ये भी है कि इस बार सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. ऐसे में लगातार चुनाव जीत रहे विधायकों को भी पार्टी के संगठन में और निगम मंडलों में अहम पद दे सकती है. इन नेताओं में सुरेंद्र पटवा, पारस जैन, शैलेंद्र जैन, गोपीलाल जाटव, यशपाल सिंह सिसोदिया जैसे विधायकों को भी संगठन या निगम मंडलों में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी.

ये नए चेहरे इस बार मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल

शिवराज सरकार में इस बार कुछ नए चेहरे में भी देखने को मिल सकते हैं, जिनमें सबसे बड़ा नाम भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट से विधायक अरविंद भदौरिया का है. भदौरिया दूसरी बार विधायक बने हैं, जिन्होंने कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में उनका मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है.

arvind
अरविंद भदौरिया
kamal patel
कमल पटेल

जबकि विध्य क्षेत्र में बीजेपी ने 2013 के विधानसभा चुनाव में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था. जिसके चलते पार्टी यहां के नेताओं को भी तवज्जों दे सकती है. राजेंद्र शुक्ला के अलावा केदारनाथ शुक्ला, नागेंद्र सिंह और गिरीश गौतम में से किसी एक को विधायक बनाया जा सकता है.

khedar nath shukla
केदारनाथ शुक्ल

जबकि युवा चेहरे के तौर पर रीवा राजघराने से आने वाले दिव्यराज सिंह को भी पार्टी मौका दे सकती है. वहीं रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर, प्रदीप लारिया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, कमल पटेल, यशपाल सिंह सिसोदिया, रामेश्वर शर्मा, मोहन यादव, अजय विश्नोई, विजय शाह सहित कई विधायकों को इस बार मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.

diyaraj singh
दिव्यराज सिंह

हर तरह के समीकरणों पर जोर

सूत्रों का अनुसार पार्टी इन नेताओं के जरिए क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को साधना चाहती है. क्योंकि सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों में कई चेहरे ऐसे हैं जिन्हे मंत्री बनाए जाने से एक ही वर्ग और क्षेत्र से कई विधायक शामिल हो सकते हैं. ऐसे में पार्टी दोनों तरफ को नेताओं को मिलाकर जल्द ही कैबिनेट का विस्तार करेगी.

Last Updated : Apr 4, 2020, 12:24 PM IST
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