भोपाल। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की युवाओं के लिए सरकार स्वरोजगार और एंटरप्रेन्योरशिप में नए अवसर उपलब्ध कराएगी. इसके लिए राज्य सरकार ने चार मंत्रियों का समूह गठित किया है. ये मंत्री समूह दलित इंडिया चैंबर्स कॉमर्स एंड इंडस्ट्री आदि से चर्चा कर सुझाव प्राप्त करेगी और इन सुझावों पर विचार-विमर्श के बाद 45 दिन में सरकार को अपनी अनुशंसा प्रतिवेदन सौंपेगी. सरकार की कोशिश है कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर एंटरप्रेन्योरशिप के अवसर उपलब्ध कराए जाएं.
ये मंत्री करेंगे चर्चा : मंत्री समूह वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की अध्यक्षता में गठित किया गया है. मंत्री समूह में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी, एमएसएमई एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव हैं. एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव इस समूह के सचिव होंगे. मंत्री समूह अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं को ध्यान में रखकर कई विषयों पर विचार करेंगे. मंत्री समूह देखेगा कि राज्य सरकार की विभिन्न निवेश नीतियों और योजनाओं में वित्तीय और गैर वित्तीय सुविधाएं, इस वर्ग को कैसे उपलब्ध कराई जाएं.
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मंत्री तैयार करेंगे अनुशंसा पत्र : इस वर्ग के व्यवसायियों को शासकीय उपार्जन में प्राथमिकता एवं निर्धारित अर्हताओं में छूट कितनी प्रदान की जाए. इस वर्ग के उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर विपणन के किस तरह से अवसर उपलब्ध कराए जाएं. ईश्वर के युवाओं में एंटरप्रेन्योरशिप को किस तरह से बढ़ावा दिया जाए और इसके लिए विकास अभियान चलाने पर विचार किया जाएगा. मंत्री समूह इस वर्ग के परंपरागत शिल्प उत्पाद पाक कला कृषि वनोपज और अन्य उपचार पद्धतियों के साथ विभिन्न कलाओं को संरक्षित करने साथ ही उसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए भी विशेष योजना तैयार करने पर विचार करेगी. इसके लिए मंत्री समूह अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विभिन्न संगठनों और उद्योग से जुड़े इस वर्ग के उद्योगपतियों से विचार-विमर्श करेगी और उसके आधार पर अनुशंसा पत्र तैयार कर अगले 45 दिनों में राज्य शासन को सौंपेगी. मंत्री समूह की अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकार कई बड़े फैसले ले सकती है.