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मध्यप्रदेश में 5 जून को बड़े स्तर पर नहीं होंगे पौधारोपण के अभियान, ये है वजह ...

मध्यप्रदेश में पौधारोपण को लेकर हुई गड़बड़ियों और कांग्रेस द्वारा इसको लेकर सवाल उठाए जाने के बाद अब प्रदेश सरकार ने पौधारोपण के बड़े आयोजन करने से तौबा कर लिया है. इस साल प्रदेश में बड़े स्तर पर पौधारोपण नहीं किया जाएगा. (No large scale plantation in MP) (Shivraj govt alert due to Congress attack) (Plantation in MP on 5 June)

No large scale plantation in MP
मध्यप्रदेश में बड़े स्तर पर नहीं होंगे पौधारोपण
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Published : May 5, 2022, 7:31 PM IST

भोपाल। पांच जून पर्यावरण दिवस पर एक साथ लाखों की संख्या में पौधारोपण का अभियान नहीं किया जाएगा. इस बार सीमित संख्या में पौधारोपण के लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे. इस साल पहले पौधारोपण होगा और निधारित लक्ष्य पूरा होने के बाद कार्यक्रम होंगे. एक-एक लाख पौधे रोपने का लक्ष्य तय किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने पांच जून पर्यावरण दिवस पर लाखों पौधे एक साथ रोपे जाने को लेकर इंकार कर दिया है.

नर्मदा किनारे पौधे रोपे जाने में गड़बड़ियां : गौरतलब है कि नर्मदा किनारे दिन में एक करोड़ पौधे रोपे जाने को लेकर जमकर गड़बड़ी सामने आई थीं. कांग्रेस भी इसको लेकर लगातार बीजेपी पर निशाना साधती रही है. सरकार ने 2017 में प्रदेश में पांच करोड़ पौधे रोपने का अभियान चलाया था. सरकार ने दावा किया था कि एक दिन में पौधारोपण कर रिकॉर्ड बनाया गया, लेकिन बाद में इसमें धांधली के मुद्दे ने खूब राजनीतिक तूल पकड़ा. नर्मदा कैचमेंट में पौधारोपण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस ने खूब मुद्दा बनाया था.

ईओडब्ल्यू से जांच कराने तक की सिफारिश : कमलनाथ सरकार के दौरान तत्कालीन वन मंत्री उमंघ सिंघार ने ईओडब्ल्यू से जांच कराने तक की सिफारिश की थी. बताया जाता है कि वन विभाग द्वारा साल 2016-17 से लेकर फरवरी 22 तक 27 करोड़ 49 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए. इस पर करीब 1700 करोड़ रुपए का खर्च किया गया. कांग्रेस ने पौधारोपण को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. यही वजह है कि आगामी चुनाव को देखते हुए सरकार अब पौधारोपण के नाम पर फिर कोई बड़ा आयोजन करने को तैयार नहीं है.

बैतूल जिले के मुलताई में कर्मचारी को दो लाख रुपए उधार देकर 41 लाख वसूल लिए

हर साल पौधारोपण पर 300 करोड़ से ज्यादा खर्च : तय किया गया है कि पांच जून पर्यावरण दिवस पर एक साथ लाखों की संख्या में पौधारोपण का अभियान नहीं किया जाएगा. इस बार सीमित संख्या में पौधारोपण के लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे. राज्य सरकार हर साल पौधारोपण के नाम पर करीब 300 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करती है. साल 2021-22 में 3 करोड़ 57 लाख 33 हजार पौधे रोपे गए, जिस पर 328 करोड़ का खर्च हुआ. इसी तरह इसके पहले साल 2020-21 में पौधारोपण पर 327 करोड़ रुपए खर्च कर 3 करोड़ 64 लाख पौधे रोपे गए. हालांकि हर साल लाखों की संख्या में पौधारोपण के बाद भी प्रदेश में वन क्षेत्र 10 किलोमीटर घट गया. इसका खुलासा फरवरी माह में आई इंडिया स्टेट आफ फॉरेस्ट की रिपोर्ट में हुआ था. (No large scale plantation in MP) (Shivraj govt alert due to Congress attack) (Plantation in MP on 5 June)

भोपाल। पांच जून पर्यावरण दिवस पर एक साथ लाखों की संख्या में पौधारोपण का अभियान नहीं किया जाएगा. इस बार सीमित संख्या में पौधारोपण के लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे. इस साल पहले पौधारोपण होगा और निधारित लक्ष्य पूरा होने के बाद कार्यक्रम होंगे. एक-एक लाख पौधे रोपने का लक्ष्य तय किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने पांच जून पर्यावरण दिवस पर लाखों पौधे एक साथ रोपे जाने को लेकर इंकार कर दिया है.

नर्मदा किनारे पौधे रोपे जाने में गड़बड़ियां : गौरतलब है कि नर्मदा किनारे दिन में एक करोड़ पौधे रोपे जाने को लेकर जमकर गड़बड़ी सामने आई थीं. कांग्रेस भी इसको लेकर लगातार बीजेपी पर निशाना साधती रही है. सरकार ने 2017 में प्रदेश में पांच करोड़ पौधे रोपने का अभियान चलाया था. सरकार ने दावा किया था कि एक दिन में पौधारोपण कर रिकॉर्ड बनाया गया, लेकिन बाद में इसमें धांधली के मुद्दे ने खूब राजनीतिक तूल पकड़ा. नर्मदा कैचमेंट में पौधारोपण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस ने खूब मुद्दा बनाया था.

ईओडब्ल्यू से जांच कराने तक की सिफारिश : कमलनाथ सरकार के दौरान तत्कालीन वन मंत्री उमंघ सिंघार ने ईओडब्ल्यू से जांच कराने तक की सिफारिश की थी. बताया जाता है कि वन विभाग द्वारा साल 2016-17 से लेकर फरवरी 22 तक 27 करोड़ 49 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए. इस पर करीब 1700 करोड़ रुपए का खर्च किया गया. कांग्रेस ने पौधारोपण को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. यही वजह है कि आगामी चुनाव को देखते हुए सरकार अब पौधारोपण के नाम पर फिर कोई बड़ा आयोजन करने को तैयार नहीं है.

बैतूल जिले के मुलताई में कर्मचारी को दो लाख रुपए उधार देकर 41 लाख वसूल लिए

हर साल पौधारोपण पर 300 करोड़ से ज्यादा खर्च : तय किया गया है कि पांच जून पर्यावरण दिवस पर एक साथ लाखों की संख्या में पौधारोपण का अभियान नहीं किया जाएगा. इस बार सीमित संख्या में पौधारोपण के लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे. राज्य सरकार हर साल पौधारोपण के नाम पर करीब 300 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करती है. साल 2021-22 में 3 करोड़ 57 लाख 33 हजार पौधे रोपे गए, जिस पर 328 करोड़ का खर्च हुआ. इसी तरह इसके पहले साल 2020-21 में पौधारोपण पर 327 करोड़ रुपए खर्च कर 3 करोड़ 64 लाख पौधे रोपे गए. हालांकि हर साल लाखों की संख्या में पौधारोपण के बाद भी प्रदेश में वन क्षेत्र 10 किलोमीटर घट गया. इसका खुलासा फरवरी माह में आई इंडिया स्टेट आफ फॉरेस्ट की रिपोर्ट में हुआ था. (No large scale plantation in MP) (Shivraj govt alert due to Congress attack) (Plantation in MP on 5 June)

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