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इस वजह से Sex Education है जरुरी !

सेक्स एजुकेशन के बारे में पहले लोग बात करना गलत मानते थे. यौन स्वास्थ्य (sex education) के बारे सभी को जानकारी होना जरुरी है. यौन शिक्षा होने से व्यक्ति को जिम्मेदारियां, यौन, सही उम्र, प्रजनन, जन्म नियंत्रण, सेक्स संयम की जानकारी देता है. यौन स्वास्थ्य की जानकारी आजकल स्कूलों और सार्वजनिक कार्यक्रम के जरिए लोगो को दी जा रही है. जानकारी के मुताबिक सेक्स के बारे में पेरेंट्स को अपने बच्चों से खुलकर बात कर चाहिए.ईटीवी भारत आपको सेक्स एजुकेशन के बार में वो सारी जानकारी दे रहा जो शायद आप न जानते हो.

Sex Education
सेक्स एजुकेशन
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Published : Jul 24, 2021, 6:49 AM IST

भोपाल(Bhopal)। हमारे देश में सेक्स एजुकेशन(sex education in india) के बारे में लोग खुल कर कम ही बात करते हैं. लेकिन जैसे जैसे समय बदल रहा है. वैसे वैसे बच्चों के लिए यह एजुकेशन सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है.आज के समय में हर बच्चे के हाथ में मोबाइल है और इस मोबाइल में हर तरह की पोर्न फिल्मों से लेकर अश्लील सामग्री मौजूद है. ऐसे में बच्चे सेक्स एजुकेशन (sexual health in men and women)के अभाव में गलत संगति में आकर उस रास्ते पर चले जाते हैं.जहां उन्हें निराशा ही हाथ लगती है.सेक्स एजुकेशन(sex education) की सहायता से किशोर और किशोरियां किसी भी तरह के यौन रोगों से खुद को बचाकर अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं. कई बार ऐसा देखा जाता है कि बच्चों को यौन शिक्षा न मिल पाने की वजह से कुछ लोग उन्हें भ्रमित करने का काम करते हैं और उनका फायदा उठा लेते हैं. अगर बच्चों को उम्र के हिसाब से समय पर यौन शिक्षा दी जाती है. तो वे खुद की सुरक्षा आसानी से कर पाएंगे.

Sex education जरुरी है

सही समय पर युवाओं को यौन शिक्षा देना जरुरी

यौन शिक्षा के जानकारों का कहना है कि बच्चों को समय पर सेक्स से जुड़े जरुरी पहलू समझा देना चाहिए. इससे वे किसी भी प्रकार के बहकावे में नहीं आ सकते हैं. न ही कभी इंटरनेट पर मौजूद अशलील सामग्री उन्हें भ्रमित कर पाएंगी है. उमंग किशोर हेल्पलाइन में हर साल हजारों की संख्या में ऐसे बच्चों की इस मामले में शिकायतें आती हैं. इसकी कोऑर्डिनेटर प्रिया शर्मा कहती हैं कि ऐसे में बच्चों का सही मार्गदर्शन करना उनकी जवाबदारी है.

यौन शिक्षा के नाम पर बच्चें देख रहें पोर्न फिल्म

इधर बाल आयोग का भी मानना है कि सेक्स एजुकेशन को लेकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता आने से घर में ही बच्चों के साथ हो रहे गलत व्यवहार के मामलों में कमी आएंगी.बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि उनके पास भी कई ऐसे मामले आते हैं. जिसमें घर परिवार का व्यक्ति ही बच्चों के साथ अनैतिक कार्य में शामिल होता है.

26 जुलाई से खुल जाएंगे स्कूल, इस Guideline के तहत होगी पढ़ाई, हफ्ते में दो दिन लगेंगी Class

समय समय पर जागरुकता जरुरी

महिला बाल विकास के ज्वाइन डायरेक्टर विशाल नाडकर्णी का कहना है कि सरकार समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाती है. शिक्षा विभाग और यूनिसेफ के सहयोग से यह अभियान लगातार चलने की कोशिश रहती है. लेकिन कोरोना के चलते अभी सिर्फ ऑनलाइन ही जानकारियां दी जा रही हैं. जब बच्चें इस विषय को लेकर उत्सुकता दिखाने लगे या बार-बार आपसे इसे लेकर सवाल पूछने लगे, तब समझ जाएं कि अब आप अपने बच्चें से इस बारे में जानकारी शेयर कर सकते हैं. आप इसकी शुरुआत शारीरिक अंगों को उनके सही नामों से पुकारकर कर सकते हैं.


गुड टच और बेड टच की दे शिक्षा (good touch bad touch)

बच्चों को यह भी बताना चाहिए कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर माता - पिता और डॉक्टर्स ही उनके निजी अंगों को छू सकते हैं. इसके अलावा किसी अन्य को इसकी इजाजत नहीं है.

प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बताएं

जब भी आप बच्चों को बैड टच के बारे में बताएं तो खुलकर उन्हें प्राइवेट पार्ट्स के बारे में भी बताएं. उन्हें बताएं कि शरीर की कौन-कौन सी जगह पर सिर्फ मां-बाप ही टच कर सकते हैं. अगर कोई दूसरा ये करता है तो यह गलत होता है. इसमें उन्हें ये भी बताएं कि कोई जबरदस्ती आपको किस करता है तो ये भी गलत है.

what is goood touch and bad touch
क्या है गुड टच और बैड
गुड टच- अगर कोई आपको टच करे और उससे आपको अच्छा लगे तो ये गुड टच होता है. कोई आपको प्यार करने के लिए मदद करने के लिए आपको टच करता है तो आप इसे गुड टच कहा जाता है.

बैड टच- जब कोई आपको इस तरह से टच करे कि आपको उससे बुरा लगा रहा है या आप असहज महसूस कर रहे हैं तो ये बैड टच हो सकता है. साथ ही अगर कोई अनजान व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट्स या कई अन्य जगह आपको गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है. वहीं अगर कोई आपके साथ गलत काम करे और बोले कि किसी को बताना मत, तो ये बैड टच होता है.

education on good touch and bad touch
गुड टच और बैड टच पर शिक्षा

कपड़ों से छेड़छाड़ करे तो करे शिकायत

बच्चों को बताएं कि अगर घर के अलावा कहीं भी आपके कोई कपड़े से छेड़छाड़ करता है तो यह गलत होता है. घर पर भी कोई सफाई के लिए ही आपके कपड़े खोले तो मना कर दें.बच्चों को बताएं कि अगर कोई बैड टच करता है या कोई गलत हरकत करता है तो तुरंत आप अपने मम्मी-पापा को जरूर बताएं. साथ ही उस वक्त वहां चिल्लाना शुरू कर दें.

सेक्स के बारे में पेरेंट्स अपने बच्चों से खुलकर करें बात

सेक्स के बारे में पेरेंट्स को अपने बच्चों से खुलकर सेक्स रिलेटेड सब्जेक्ट जैसे प्रेग्नेंसी, मास्टरबेशन, एट्रेक्शन और फिजीकल अट्रेक्शन के बारे में बात करनी चाहिए. माता-पिता होने के नाते आपका उनसे बात करना बेहद जरूरी है, ताकी वे गलत रास्ते पर न जा सकें. आजकल के समय में बच्चों को सेक्स को लेकर जागरूक करना बेहद जरूरी है, नहीं तो वे गलत दिशा में भटक सकते हैं. इसलिए बिना किसी हिचकिचाहट से पेरेंट्स को बच्चों से खुलकर इस विषय पर बात करनी चाहिए.पेरेंट्स को इस बात की चिंता छोड़ देनी चाहिए कि बच्चे मासूम हैं और उनका सेक्स से कोई लेना देना नहीं हैं.

सेक्स एजुकेशन के नाम पर बच्चे देख रहे पोर्न फिल्म

आज के समय में मोबाइल एक ऐसा गैजेट बन गया है जिसमें तमाम चीजें शामिल हैं .ऐसे में पोर्न वीडियो और पोर्न साइट भी इन मोबाइल पर मौजूद होती हैं. इसलिए माता-पिता को चाहिए की बच्चों को पोर्न फिल्म देखने से होने वाले मानसिक और शारीरिक नुकसान से जुड़ी जानकारी देना चाहिए. ऐसा देखा गया है कि बच्चे पोर्न वीडियो देखने के बाद उसे प्रेक्टिकल तौर पर करने की कोशिश करते है.



बच्चों के सवालों का जवाब दें

6 से 7 साल के बच्चों के पूछे गए सवालों के जबाब दें

8 से 11 साल के बच्चों को उनके शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में बताएं

12 से 19 साल के बच्चों को प्रेग्नेंसी, टीनएज में प्रेग्नेंसी, कम उम्र में प्रेग्नेंसी के दुष्परिणाम,कम उम्र में सेक्स करने के दुष्प्रभाव, सेक्शुअल हैरेसमेंट, अबॉर्शन और कम उम्र में अबॉर्शन के दुषपरिणाम और एड्स (AIDS) और एचआईवी (HIV) के बारे में बताएं

WHO के मुताबिक 12 साल से ज्यादा उम्र वाले बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना जरुरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्देश जारी किया गया कि 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाले बच्चों को स्कूल में सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए.ताकि किशोरावस्था में गर्भधारण और यौन संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों पर लगाम लगाई जा सके.

Information on sexual health in women
महिलाओं में सेक्सअुल हेल्थ की जानकारी

महिलाओं में सेक्सअुल हेल्थ की जानकारी

महिलाओं को यौन अंगो के बारे में पता होना चाहिए. योनि महिलाओं की जननांग के भीतरी हिस्सा है. यह गर्भाशय से जुड़ा हुआ रहता है और यहां संभोग किया जाता है. मासिकधर्म या पीरियड्स और बच्चे का जन्म इसी जगह से होता है.

स्तन (Breast) :स्तन महिलाओं की छाती का मुख्य हिस्सा है. इसमें वसायुक्त तंत्रिका और निप्पल होते हैं. महिलाओं के स्तन बढ़ें होने की अवस्था में बढ़ते हैं और बच्चा होने के बाद स्तनपान मतलब ब्रेस्टफीड कराने का काम करता है. महिलाओं की तुलना में पुरुषो की छाती कम विकसित होती है इसलिए महिलाओं की छाती को स्तन यानी ब्रेस्ट कहते हैं.

योनिमुख (Vagina): महिला का योनि मुख बाहा अंग होता है.जिसे क्लीटोरिस भी कहते है. यह जननांगो पर होठो की तरह होती है जो योनि को चिकना बनाये रखने में मदद करती हैं.

गर्भाशय (Uterus): गर्भाशय महिला के पेट के निचले भाग में होता है. यह नाशपाती या बंद मुट्ठी के आकार जैसा दिखता है. यह योनि के ऊपर सिरे से और फलोपियन ट्यूब से जुड़ी होती है. इस जगह पर अंडे का विकास होता है. इसके अलावा मासिक धर्म की परत गर्भाशय में बनकर हर महीने रक्त प्रवाह होकर निकल जाता है.

हाइमन (hymen) : हाइमन महिलाओं की योनि के भीतर एक झिल्ली की तरह होती है. यह झिल्ली महिलाओं के योनि मार्ग को संकुचन करती है. कई बार महिलाओं के यौन संबंध बनाने से यह झिल्ली टूट जाती है.

Information about sexual health in men
पुरुषों में सेक्सअुल हेल्थ की जानकारी

पुरुषों में सेक्सअुल हेल्थ की जानकारी

लिंग(Penis) – पुरुष के प्रजनन अंग को लिंग कहते है। यह अंग मुलायम ऊतकों से बना होता है। यह ऊतक जब उत्तेजित होता है तो इसमें रक्त भर जाता है। यह ऊतक लिंग में उत्तेजना करते है और लिंग से मूत्र, तरल पदार्थ व वीर्य निकालते है.

वीर्य(Semen)– यह पुरुष के जननांग से निकलने वाला सफेद रंग का तरल पदार्थ होता है. इसमें शुक्राणु और तरल पदार्थ होता है. यह पदार्थ पुरुष के प्रोस्टेट ग्रंथि से बाहर निकलता है. यह पदार्थ पुरुष के एक्साइटेड होने पर निकलता है. कुछ वैज्ञानिको के अनुसार शुक्राणु की संख्या 20 से 30 करोड़ होती है.

अंडकोष(brood cell) – अंडकोष पुरुषों की जननांग का एक प्रमुख हिस्सा होता है जो लिंग के निचे दो गोले के आकार का होता है. इसे अंडकोषीय थैली भी कहते है जो पुरुष में हार्मोन्स को बनाती है और अंडकोष कई नसों से जुड़े होते है. इसमें छोटे-छोटे नसे होती है जो धागे की तरह होती है. यह शुक्राणु का निर्माण करता है. यह बहुत ही नाजुक होता है.

पुरुष की जननांग में उत्तेजना(Persistent Genital Arousal Disorder in males) – पुरुषो की जननांगो में उत्तेजना होने से लिंग बड़ा हो जाता है और उसमे ब्लड भर जाता है. क्योंकि लिंग अपने सामान्य आकार से बढ़ जाता है.

भोपाल(Bhopal)। हमारे देश में सेक्स एजुकेशन(sex education in india) के बारे में लोग खुल कर कम ही बात करते हैं. लेकिन जैसे जैसे समय बदल रहा है. वैसे वैसे बच्चों के लिए यह एजुकेशन सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है.आज के समय में हर बच्चे के हाथ में मोबाइल है और इस मोबाइल में हर तरह की पोर्न फिल्मों से लेकर अश्लील सामग्री मौजूद है. ऐसे में बच्चे सेक्स एजुकेशन (sexual health in men and women)के अभाव में गलत संगति में आकर उस रास्ते पर चले जाते हैं.जहां उन्हें निराशा ही हाथ लगती है.सेक्स एजुकेशन(sex education) की सहायता से किशोर और किशोरियां किसी भी तरह के यौन रोगों से खुद को बचाकर अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं. कई बार ऐसा देखा जाता है कि बच्चों को यौन शिक्षा न मिल पाने की वजह से कुछ लोग उन्हें भ्रमित करने का काम करते हैं और उनका फायदा उठा लेते हैं. अगर बच्चों को उम्र के हिसाब से समय पर यौन शिक्षा दी जाती है. तो वे खुद की सुरक्षा आसानी से कर पाएंगे.

Sex education जरुरी है

सही समय पर युवाओं को यौन शिक्षा देना जरुरी

यौन शिक्षा के जानकारों का कहना है कि बच्चों को समय पर सेक्स से जुड़े जरुरी पहलू समझा देना चाहिए. इससे वे किसी भी प्रकार के बहकावे में नहीं आ सकते हैं. न ही कभी इंटरनेट पर मौजूद अशलील सामग्री उन्हें भ्रमित कर पाएंगी है. उमंग किशोर हेल्पलाइन में हर साल हजारों की संख्या में ऐसे बच्चों की इस मामले में शिकायतें आती हैं. इसकी कोऑर्डिनेटर प्रिया शर्मा कहती हैं कि ऐसे में बच्चों का सही मार्गदर्शन करना उनकी जवाबदारी है.

यौन शिक्षा के नाम पर बच्चें देख रहें पोर्न फिल्म

इधर बाल आयोग का भी मानना है कि सेक्स एजुकेशन को लेकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता आने से घर में ही बच्चों के साथ हो रहे गलत व्यवहार के मामलों में कमी आएंगी.बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि उनके पास भी कई ऐसे मामले आते हैं. जिसमें घर परिवार का व्यक्ति ही बच्चों के साथ अनैतिक कार्य में शामिल होता है.

26 जुलाई से खुल जाएंगे स्कूल, इस Guideline के तहत होगी पढ़ाई, हफ्ते में दो दिन लगेंगी Class

समय समय पर जागरुकता जरुरी

महिला बाल विकास के ज्वाइन डायरेक्टर विशाल नाडकर्णी का कहना है कि सरकार समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाती है. शिक्षा विभाग और यूनिसेफ के सहयोग से यह अभियान लगातार चलने की कोशिश रहती है. लेकिन कोरोना के चलते अभी सिर्फ ऑनलाइन ही जानकारियां दी जा रही हैं. जब बच्चें इस विषय को लेकर उत्सुकता दिखाने लगे या बार-बार आपसे इसे लेकर सवाल पूछने लगे, तब समझ जाएं कि अब आप अपने बच्चें से इस बारे में जानकारी शेयर कर सकते हैं. आप इसकी शुरुआत शारीरिक अंगों को उनके सही नामों से पुकारकर कर सकते हैं.


गुड टच और बेड टच की दे शिक्षा (good touch bad touch)

बच्चों को यह भी बताना चाहिए कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर माता - पिता और डॉक्टर्स ही उनके निजी अंगों को छू सकते हैं. इसके अलावा किसी अन्य को इसकी इजाजत नहीं है.

प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बताएं

जब भी आप बच्चों को बैड टच के बारे में बताएं तो खुलकर उन्हें प्राइवेट पार्ट्स के बारे में भी बताएं. उन्हें बताएं कि शरीर की कौन-कौन सी जगह पर सिर्फ मां-बाप ही टच कर सकते हैं. अगर कोई दूसरा ये करता है तो यह गलत होता है. इसमें उन्हें ये भी बताएं कि कोई जबरदस्ती आपको किस करता है तो ये भी गलत है.

what is goood touch and bad touch
क्या है गुड टच और बैड
गुड टच- अगर कोई आपको टच करे और उससे आपको अच्छा लगे तो ये गुड टच होता है. कोई आपको प्यार करने के लिए मदद करने के लिए आपको टच करता है तो आप इसे गुड टच कहा जाता है.

बैड टच- जब कोई आपको इस तरह से टच करे कि आपको उससे बुरा लगा रहा है या आप असहज महसूस कर रहे हैं तो ये बैड टच हो सकता है. साथ ही अगर कोई अनजान व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट्स या कई अन्य जगह आपको गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है. वहीं अगर कोई आपके साथ गलत काम करे और बोले कि किसी को बताना मत, तो ये बैड टच होता है.

education on good touch and bad touch
गुड टच और बैड टच पर शिक्षा

कपड़ों से छेड़छाड़ करे तो करे शिकायत

बच्चों को बताएं कि अगर घर के अलावा कहीं भी आपके कोई कपड़े से छेड़छाड़ करता है तो यह गलत होता है. घर पर भी कोई सफाई के लिए ही आपके कपड़े खोले तो मना कर दें.बच्चों को बताएं कि अगर कोई बैड टच करता है या कोई गलत हरकत करता है तो तुरंत आप अपने मम्मी-पापा को जरूर बताएं. साथ ही उस वक्त वहां चिल्लाना शुरू कर दें.

सेक्स के बारे में पेरेंट्स अपने बच्चों से खुलकर करें बात

सेक्स के बारे में पेरेंट्स को अपने बच्चों से खुलकर सेक्स रिलेटेड सब्जेक्ट जैसे प्रेग्नेंसी, मास्टरबेशन, एट्रेक्शन और फिजीकल अट्रेक्शन के बारे में बात करनी चाहिए. माता-पिता होने के नाते आपका उनसे बात करना बेहद जरूरी है, ताकी वे गलत रास्ते पर न जा सकें. आजकल के समय में बच्चों को सेक्स को लेकर जागरूक करना बेहद जरूरी है, नहीं तो वे गलत दिशा में भटक सकते हैं. इसलिए बिना किसी हिचकिचाहट से पेरेंट्स को बच्चों से खुलकर इस विषय पर बात करनी चाहिए.पेरेंट्स को इस बात की चिंता छोड़ देनी चाहिए कि बच्चे मासूम हैं और उनका सेक्स से कोई लेना देना नहीं हैं.

सेक्स एजुकेशन के नाम पर बच्चे देख रहे पोर्न फिल्म

आज के समय में मोबाइल एक ऐसा गैजेट बन गया है जिसमें तमाम चीजें शामिल हैं .ऐसे में पोर्न वीडियो और पोर्न साइट भी इन मोबाइल पर मौजूद होती हैं. इसलिए माता-पिता को चाहिए की बच्चों को पोर्न फिल्म देखने से होने वाले मानसिक और शारीरिक नुकसान से जुड़ी जानकारी देना चाहिए. ऐसा देखा गया है कि बच्चे पोर्न वीडियो देखने के बाद उसे प्रेक्टिकल तौर पर करने की कोशिश करते है.



बच्चों के सवालों का जवाब दें

6 से 7 साल के बच्चों के पूछे गए सवालों के जबाब दें

8 से 11 साल के बच्चों को उनके शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में बताएं

12 से 19 साल के बच्चों को प्रेग्नेंसी, टीनएज में प्रेग्नेंसी, कम उम्र में प्रेग्नेंसी के दुष्परिणाम,कम उम्र में सेक्स करने के दुष्प्रभाव, सेक्शुअल हैरेसमेंट, अबॉर्शन और कम उम्र में अबॉर्शन के दुषपरिणाम और एड्स (AIDS) और एचआईवी (HIV) के बारे में बताएं

WHO के मुताबिक 12 साल से ज्यादा उम्र वाले बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना जरुरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्देश जारी किया गया कि 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाले बच्चों को स्कूल में सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए.ताकि किशोरावस्था में गर्भधारण और यौन संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों पर लगाम लगाई जा सके.

Information on sexual health in women
महिलाओं में सेक्सअुल हेल्थ की जानकारी

महिलाओं में सेक्सअुल हेल्थ की जानकारी

महिलाओं को यौन अंगो के बारे में पता होना चाहिए. योनि महिलाओं की जननांग के भीतरी हिस्सा है. यह गर्भाशय से जुड़ा हुआ रहता है और यहां संभोग किया जाता है. मासिकधर्म या पीरियड्स और बच्चे का जन्म इसी जगह से होता है.

स्तन (Breast) :स्तन महिलाओं की छाती का मुख्य हिस्सा है. इसमें वसायुक्त तंत्रिका और निप्पल होते हैं. महिलाओं के स्तन बढ़ें होने की अवस्था में बढ़ते हैं और बच्चा होने के बाद स्तनपान मतलब ब्रेस्टफीड कराने का काम करता है. महिलाओं की तुलना में पुरुषो की छाती कम विकसित होती है इसलिए महिलाओं की छाती को स्तन यानी ब्रेस्ट कहते हैं.

योनिमुख (Vagina): महिला का योनि मुख बाहा अंग होता है.जिसे क्लीटोरिस भी कहते है. यह जननांगो पर होठो की तरह होती है जो योनि को चिकना बनाये रखने में मदद करती हैं.

गर्भाशय (Uterus): गर्भाशय महिला के पेट के निचले भाग में होता है. यह नाशपाती या बंद मुट्ठी के आकार जैसा दिखता है. यह योनि के ऊपर सिरे से और फलोपियन ट्यूब से जुड़ी होती है. इस जगह पर अंडे का विकास होता है. इसके अलावा मासिक धर्म की परत गर्भाशय में बनकर हर महीने रक्त प्रवाह होकर निकल जाता है.

हाइमन (hymen) : हाइमन महिलाओं की योनि के भीतर एक झिल्ली की तरह होती है. यह झिल्ली महिलाओं के योनि मार्ग को संकुचन करती है. कई बार महिलाओं के यौन संबंध बनाने से यह झिल्ली टूट जाती है.

Information about sexual health in men
पुरुषों में सेक्सअुल हेल्थ की जानकारी

पुरुषों में सेक्सअुल हेल्थ की जानकारी

लिंग(Penis) – पुरुष के प्रजनन अंग को लिंग कहते है। यह अंग मुलायम ऊतकों से बना होता है। यह ऊतक जब उत्तेजित होता है तो इसमें रक्त भर जाता है। यह ऊतक लिंग में उत्तेजना करते है और लिंग से मूत्र, तरल पदार्थ व वीर्य निकालते है.

वीर्य(Semen)– यह पुरुष के जननांग से निकलने वाला सफेद रंग का तरल पदार्थ होता है. इसमें शुक्राणु और तरल पदार्थ होता है. यह पदार्थ पुरुष के प्रोस्टेट ग्रंथि से बाहर निकलता है. यह पदार्थ पुरुष के एक्साइटेड होने पर निकलता है. कुछ वैज्ञानिको के अनुसार शुक्राणु की संख्या 20 से 30 करोड़ होती है.

अंडकोष(brood cell) – अंडकोष पुरुषों की जननांग का एक प्रमुख हिस्सा होता है जो लिंग के निचे दो गोले के आकार का होता है. इसे अंडकोषीय थैली भी कहते है जो पुरुष में हार्मोन्स को बनाती है और अंडकोष कई नसों से जुड़े होते है. इसमें छोटे-छोटे नसे होती है जो धागे की तरह होती है. यह शुक्राणु का निर्माण करता है. यह बहुत ही नाजुक होता है.

पुरुष की जननांग में उत्तेजना(Persistent Genital Arousal Disorder in males) – पुरुषो की जननांगो में उत्तेजना होने से लिंग बड़ा हो जाता है और उसमे ब्लड भर जाता है. क्योंकि लिंग अपने सामान्य आकार से बढ़ जाता है.

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