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कागजों ने सिमट कर रह गया सातवां वेतनमान, शिक्षकों को नहीं मिली सैलरी

प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेजों की फैकल्टी के लिए सातवां वेतनमान लागू तो कर दिया लेकिन पिछले 2 महीने की शिक्षकों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने सत्ता में आने के लिए उन्हे लॉलीपॉप दिया गया था. जब यूजीसी ने सातवां वेतनमान लागू कर दिया है तो सरकार उनकी सैलरी में बढ़ोत्तरी क्यों नहीं कर रही है.

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Published : Mar 30, 2019, 11:26 PM IST

शिक्षक

भोपाल। कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र के अनुसार शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा तो जरूर की लेकिन शायद यह घोषणा केवल कागजों में ही सिमट कर रह गई है. मध्य प्रदेश के सरकारी शिक्षकों को वेतनमान देने का आश्वासन तो दिया लेकिन पिछले 2 महीने की सैलरी में कोई बदलाव नहीं किया. जिस कारण से सरकारी शिक्षक नाराज है और इसका विरोध कर रहे हैं.

प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेजों की फैकल्टी के लिए सातवां वेतनमान लागू तो कर दिया लेकिन पिछले 2 महीने की शिक्षकों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने सत्ता में आने के लिए उन्हे लॉलीपॉप दिया गया था. जब यूजीसी ने सातवां वेतनमान लागू कर दिया है तो सरकार उनकी सैलरी में बढ़ोत्तरी क्यों नहीं कर रही है. मामले को लेकर अशासकीय महाविद्यालय अध्यापक संघ ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है.

सातवां वेतनमान

बता दें, शिक्षकों का जनवरी और फरवरी की सैलरी नए वेतनमान के अनुसार आनी थी लेकिन वेतनमान लागू होने के बावजूद सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ. प्रोफेसर का कहना है कि वित्त विभाग के अधिकारियों की मनमानी के कारण उन्हें यूजीसी वेतनमान का लाभ नहीं दिया है. वहीं अब मार्च की सैलरी भी नए वेतनमान के अनुसार मिलने की उम्मीद कम है.

भोपाल। कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र के अनुसार शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा तो जरूर की लेकिन शायद यह घोषणा केवल कागजों में ही सिमट कर रह गई है. मध्य प्रदेश के सरकारी शिक्षकों को वेतनमान देने का आश्वासन तो दिया लेकिन पिछले 2 महीने की सैलरी में कोई बदलाव नहीं किया. जिस कारण से सरकारी शिक्षक नाराज है और इसका विरोध कर रहे हैं.

प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेजों की फैकल्टी के लिए सातवां वेतनमान लागू तो कर दिया लेकिन पिछले 2 महीने की शिक्षकों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने सत्ता में आने के लिए उन्हे लॉलीपॉप दिया गया था. जब यूजीसी ने सातवां वेतनमान लागू कर दिया है तो सरकार उनकी सैलरी में बढ़ोत्तरी क्यों नहीं कर रही है. मामले को लेकर अशासकीय महाविद्यालय अध्यापक संघ ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है.

सातवां वेतनमान

बता दें, शिक्षकों का जनवरी और फरवरी की सैलरी नए वेतनमान के अनुसार आनी थी लेकिन वेतनमान लागू होने के बावजूद सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ. प्रोफेसर का कहना है कि वित्त विभाग के अधिकारियों की मनमानी के कारण उन्हें यूजीसी वेतनमान का लाभ नहीं दिया है. वहीं अब मार्च की सैलरी भी नए वेतनमान के अनुसार मिलने की उम्मीद कम है.

Intro:प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेजों की फैकल्टी के लिए यूजीसी सातवां वेतनमान लागू कर दिया है मध्य प्रदेश में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र के अनुसार शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा तो जरूर की लेकिन शायद यह घोषणा केवल कागजों में ही सिमट कर रह गई है मध्य प्रदेश के सरकारी शिक्षकों को वेतनमान देने का आश्वासन तो दिया लेकिन पिछले 2 महीने की सैलरी में कोई बदलाव नहीं किया बात का विरोध कर रहे सरकारी शिक्षक वेतनमान ना मिलने से बेहद नाराज है


Body:प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेजों की फैकल्टी के लिए यूजीसी सातवां वेतनमान लागू तो कर दिया लेकिन पिछले 2 महीने की सैलरी में शिक्षकों को कोई बदलाव नहीं मिला शिक्षकों का कहना है मध्य प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के लिए शिक्षकों को लॉलीपॉप दिया था सत्ता में आने के बाद बड़ी बड़ी घोषणा की और कहा हम ने अपने वादे पूरे कर दिए हैं जबकि शिक्षकों को किया सातवां वेतनमान का वादा कागजों में ही सिमट कर रह गया है जब यूजीसी ने सातवां वेतनमान लागू कर दिया है तो सरकार और वित्त विभाग को सैलरी में बढ़ोतरी करने में क्या दिक्कत है आपको बता दें शिक्षकों का जनवरी और फरवरी की सैलरी नए वेतनमान के अनुसार आनी थी लेकिन वेतनमान लागू होने के बाद सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ प्रोफेसर का कहना है कि वित्त विभाग के अधिकारियों की मनमानी के कारण उन्हें यूजीसी वेतनमान का लाभ नहीं दिया है वहीं अब मार्च की सैलरी भी नए वेतनमान के अनुसार मिलने की उम्मीद कम है जिससे प्रोफेसर में नाराजगी है प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय अध्यापक संघ ने अपनी समस्याओं को लेकर मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है प्रदेश सरकार ने वेतनमान देने के लिए 18 जनवरी 2019 को आदेश जारी किए थे लेकिन अभी तक वेतन का निर्धारण नहीं हो सका है दरअसल निर्धारण कोष लेखा विभाग द्वारा आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाना था लेकिन यह सॉफ्टवेयर ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है इसके कारण 2 महीने बाद भी नए वेतनमान के अनुसार सैलरी मिलने की संभावना कम है प्रोफेसर त्यागी ने बताया हम मार्च में फिर इंतजार करेंगे यदि अभी सैलरी में कोई बदलाव नहीं हुआ वेतनमान के अनुसार तनख्वाह नहीं मिली तो ऐसा पहली बार होगा जब पहले वेतनमान के लिए लड़े उसे लागू करवाने के लिए लड़े और अब लागू होने के बाद हम तनख्वाह के लिए लड़ेंगे जरूरत पड़ी तो हम उग्र आंदोलन भी करेंगे हमारा प्रदेश सरकार से निवेदन है कि मार्च माह में हमारी सैलरी वेदर अनुसार दी जाए


Conclusion:मध्यप्रदेश में शिक्षकों का वेतन महान लागू होने के बावजूद पिछले 2 माह से तनख्वाह में कोई बदलाव ना होने से नाराज शिक्षकों ने सरकार को दी चुनौती यदि मार्च माह में वेतन लागू नहीं किया तो सरकारी शिक्षक सड़क पर उतर आएंगे और उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे आपको बता दें यूजीसी ने सातवां वेतनमान लागू कर दिया है लेकिन प्रदेश सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है जबकि 19 जनवरी को प्रदेश सरकार ने यह घोषणा की थी कि शिक्षकों का सातवां वेतनमान लागू हो चुका है उसके बावजूद जनवरी-फरवरी की सैलरी में कोई बदलाव नहीं है और मार्च में भी लगातार शिकायतों के बाद आश्वासन तक नहीं दिया जा रहा जिससे शिक्षकों को संदेह है कि मार्च में भी हमारी सैलरी वेतन अनुसार नहीं आएगी
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