भोपाल। राज्य सरकार द्वारा ऊर्जा विभाग, खनिज विभाग और आबकारी विभाग की सेवाओं को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए कई और सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में लाया गया है. इसके तहत अब 100 से लेकर 500 केवीए क्षमता के डीजल जनरेटर सेट लगाने के लिए नक्शे की 7 दिन में अनुमति देना जरूरी होगा. इसके लिए कार्यपालन यंत्री विद्युत सुरक्षा एवं संभागीय विद्युत निरीक्षक को अधिकृत किया गया है. तय समय में अनुमति ना देने पर इन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.
लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा 6 से ज्यादा सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में लाया गया है. इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके तहत अब 100 से 500 के लिए क्षमता के डीजल जनरेटर सेट की विद्युत स्थापना का निरीक्षण और चालू करने की स्वीकृति के लिए 7 दिन का समय तय किया गया है. इसके लिए आवेदक को पहले कार्य की पूर्ण स्थापना के साथ ही तय शुल्क जमा करना होगा.
इसी तरह 500 केवीए क्षमता से ज्यादा और 5 हजार केवीए क्षमता से कम डीजल जनरेटर सेट की विद्युत स्थापना के लिए भी 7 दिन में नक्शे का अनुमोदन करना होगा. इसके लिए अधीक्षण यंत्री को अधिकृत किया गया है.
इसी तरह 5 हजार केवीए क्षमता से ज्यादा की डीजी सेट की विद्युत स्थापना के लिए नियुक्ति की अनुमति के लिए मुख्य अभियंता विद्युत सुरक्षा को अधिकृत किया गया है. अनुमति देने के लिए भी 7 दिन का समय तय किया गया है. तय समय में अनुमति ना मिलने पर आवेदक प्रथम अपीलीय अधिकारी ऊर्जा विभाग को अपील कर सकेंगे.
औद्योगिक प्रयोजन के लिए पानी की उपलब्धता के लिए 15 दिन में अनुमति दी जाएगी. इसके लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका और कार्यपालन यंत्री नगर पालिका निगम को अधिकृत किया गया है. गौरतलब है कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत वर्तमान में 448 सेवाओं में से 300 से ज्यादा सेवाओं को इसके दायरे में लाया जा चुका है.