भोपाल। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश में अभी स्कूलों को नहीं खोला जाएगा. मंत्रालय में शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर मंत्री समूह के साथ हुई बैठक में इसका निर्णय लिया गया है. बैठक में तय किया गया कि प्रदेश में 1 जुलाई से स्कूल नहीं खोले जाएंगे. इसको लेकर सीएम शिवराज जल्द ही दूसरे राज्यों के सीएम और केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा करेंगे. इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा.
सीएम ने वैक्सीनेशन को लेकर कही ये बात
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 'प्रदेश में तेजी से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. यह खुशी की बात है कि हमने इसको लेकर रिकॉर्ड बनाया है. सीएम ने आगे कहा कि 'मध्य प्रदेश दो करोड़ वैक्सीन लगाने वाला प्रदेश बन गया है. दो करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाना यह अपने आप में रिकॉर्ड है.'
100 फीसदी वैक्सीनेशन के बाद ही होगा विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए चलने वाली कोचिंग क्लासेस के सभी फैकल्टी मेंबर्स और सभी स्टूडेंट्स को वैक्सीन के लिए विशेष रूप से अभियान चलाया जाएगा. कोचिंग संस्थान के स्टूडेंट्स और फैकल्टी के 100 फीसदी वैक्सीनेशन के बाद ही उन्हें खोलने की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि, शिक्षण संस्थानों को शुरू करने के लिए कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करना बेहद जरूरी है.
जुलाई से नहीं खोले जाएंगे स्कूल
शिक्षा समूह की बैठक में बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस की सभी परीक्षाएं जुलाई अंत तक ऑफलाइन तरीके से कराए जाने पर भी विचार किया गया. बैठक में ऑनलाइन और टीवी के माध्यम से पढ़ाई कराए जाने साथ ही व्हाट्सएप के माध्यम से पाठ पुस्तक के आधार पर वर्कशीट उपलब्ध कराए जाने पर भी चर्चा हुई. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए बैठक में तय किया गया कि अभी प्रदेश में जुलाई से स्कूल नहीं खोले जाएंगे. मुख्यमंत्री चौहान जल्दी दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों से इस संबंध में चर्चा करेंगे. सभी की सलाह के बाद ही प्रदेश में स्कूल खोलने का निर्णय लिया जाएगा.