भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा सीबीएससी (CBSC) 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द होने के बाद अब मध्य प्रदेश में 12वीं बोर्ड की परीक्षा को लेकर असमंजस हो गया है. इसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार एमपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर आज फैसला करेंगे.
बैठक में लिया गया फैसला
मंगलवार शाम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ था, जिसमें केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSC) ने 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया गया था.
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Government of India has decided to cancel the Class XII CBSE Board Exams. After extensive consultations, we have taken a decision that is student-friendly, one that safeguards the health as well as future of our youth. https://t.co/vzl6ahY1O2
— Narendra Modi (@narendramodi) June 1, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Narendra Modi (@narendramodi) June 1, 2021
पीएम मोदी ने कहा था कि छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और उस पहलू पर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने का फैसला इससे पहले छात्रों के हित में लिया गया है.
केंद्र सरकार ने कहा कि बारहवीं कक्षा के परिणाम समयबद्ध तरीके से अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य और मानदंडों के अनुसार बनाए जाएंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, परीक्षा को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की उत्सुकता को समाप्त किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने को लेकर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए.
बैठक में अधिकारियों द्वारा विस्तृत प्रस्तुतिकरण की समीक्षा, राज्यों सहित सभी हितधारकों के साथ परामर्श के बाद बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की घोषणा की गई है.
सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द, पीएम मोदी की बैठक में फैसला
इससे पहले पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी मौजूद रहें. यह बैठक ऐसे समय हुई जब कोविड पश्चात जटिलताओं के कारण केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को मंगलवार सुबह एम्स में भर्ती कराया गया. गौरतलब है कि, कोविड-19 बाद जटिलताओं के कारण मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को एम्स में भर्ती कराया गया.
बता दें कि, 12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच कक्षा बारहवीं के लगभग 300 छात्रों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा था. छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश से यह भी मांग की वह केंद्र सरकार को इस संबंध में निर्देश दें कि वैकल्पिक असेसमेंट योजना उपलब्ध कराई जाएं.
इससे पहले सभी राज्यों को परीक्षा आयोजित कराने की संभावनाओं पर विचार करने को कहा गया था. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण 14 अप्रैल को 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने और 12वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी.
लॉकडाउन के चलते प्रदेश सरकार ने लिया बड़ा फैसला, 10वीं कक्षा के बचे हुए विषयों की नहीं होगी परीक्षा
बता दें कि, शिक्षा मंत्रालय ने हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में राज्यों और विभिन्न पक्षकारों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया था . इस बैठक में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी आदि ने हिस्सा लिया था.
12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि वह इस बारे में अंतिम फैसला तीन जून तक लेगी.
विगत 23 मई को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि आज की बैठक के बाद राज्यों से 12वीं की बोर्ड परीक्षा पर विस्तृत सुझाव मांगे गए हैं. उन्होंने कहा कि परीक्षा होने या रद्द किए जाने के संबंध में अंतिम फैसला जल्द ही लिया जाएगा. निशंक ने कहा था कि एक जून को फैसला लिया जाएगा. उन्होंने बताया था कि राज्य सरकारों से 25 मई तक विस्तृत सुझाव भेजने का आग्रह किया गया है.