भोपाल। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. क्योंकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पहले 200 रोस्टर प्रणाली के तहत जो भर्तियां होती थीं, उसे केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया है. जिसके बाद अब 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के तहत भर्तियां शुरू हो रहीं हैं, इसी के विरोध में सपाक्स सड़क पर उतर आयी है.
प्रदर्शन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार वंचितों और पिछड़ों को मुख्यधारा में नहीं आने दे रही है. राजधानी के बोर्ड ऑफिस चौराहे प्रदर्शन कर रहे सपा के कार्यकर्ताओं ने बताया कि समाजवादी पार्टी लोकसभा के सदन में लगातार मांग कर रही थी. जिसमें ये कहा गया था कि अगर 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू होती है, तो पहले एससी-एसटी का अधिकार हो, फिर ओबीसी का और उसके बाद जनरल का.
उनकी इस मांग पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आश्वासन दिया था कि जो भी नयी भर्तियां होंगी वह 200 रोस्टर प्रणाली के तहत की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं होकर नयी भर्तियां 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत हो रही हैं. जिस पर प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सदन को गुमराह कर रही है. जिसका वह पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं.
क्या है 13 प्वाइंट रोस्टर ?
दरअसल, 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू होने से पहले देश के विश्वविद्यालयो में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण की व्यवस्था थी. लेकिन अब 13 प्वाइंट रोस्टर के तह नियुक्तियां हो रही हैं. जिनमें नयी प्रणाली के तहत विश्वविद्यालय को यूनिट मानने के बजाय विभाग को यूनिट माना गया है, जिसके अनुसार भर्ती में पहला, दूसरा और तीसरा पद सामान्य वर्ग के लिए रखा गया है. जबकि चौथा पद ओबीसी, पांचवा और छठां पद सामान्य वर्ग के लिये रखा गया है.
इसके बाद सातवां पद अनुसूचित जाति के लिए, 8वां पद ओबीसी, फिर 9वां, 10वां, 11वां पद फिर सामान्य वर्ग के लिए. 12वां पद ओबीसी के लिए, 13वां फिर सामान्य के लिए और 14वां पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगा. यहां बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग 4-5 भर्तियां ही खुलती हैं. इस वजह से अनुसूचित जाति वर्ग विरोध कर रहा है, क्योंकि13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के तहत पहले सामान्यों के लिये पद आरक्षित हैं.