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13 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में सड़क पर सपा, कहा- 'वंचितों को मुख्य धारा में आने से रोक रही है केंद्र सरकार'

प्रदर्शन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार वंचितों और पिछड़ों को मुख्यधारा में नहीं आने दे रही है. राजधानी के बोर्ड ऑफिस चौराहे प्रदर्शन कर रहे सपा के कार्यकर्ताओं ने बताया कि समाजवादी पार्टी लोकसभा के सदन में लगातार मांग कर रही थी. जिसमें ये कहा गया था कि अगर 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू होती है, तो पहले एससी-एसटी का अधिकार हो, फिर ओबीसी का और उसके बाद जनरल का.

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Published : Mar 6, 2019, 8:52 AM IST

प्रदर्शन करते सपा कार्यकर्ता

भोपाल। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. क्योंकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पहले 200 रोस्टर प्रणाली के तहत जो भर्तियां होती थीं, उसे केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया है. जिसके बाद अब 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के तहत भर्तियां शुरू हो रहीं हैं, इसी के विरोध में सपाक्स सड़क पर उतर आयी है.

वीडियो

प्रदर्शन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार वंचितों और पिछड़ों को मुख्यधारा में नहीं आने दे रही है. राजधानी के बोर्ड ऑफिस चौराहे प्रदर्शन कर रहे सपा के कार्यकर्ताओं ने बताया कि समाजवादी पार्टी लोकसभा के सदन में लगातार मांग कर रही थी. जिसमें ये कहा गया था कि अगर 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू होती है, तो पहले एससी-एसटी का अधिकार हो, फिर ओबीसी का और उसके बाद जनरल का.
उनकी इस मांग पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आश्वासन दिया था कि जो भी नयी भर्तियां होंगी वह 200 रोस्टर प्रणाली के तहत की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं होकर नयी भर्तियां 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत हो रही हैं. जिस पर प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सदन को गुमराह कर रही है. जिसका वह पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं.

क्या है 13 प्वाइंट रोस्टर ?
दरअसल, 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू होने से पहले देश के विश्वविद्यालयो में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण की व्यवस्था थी. लेकिन अब 13 प्वाइंट रोस्टर के तह नियुक्तियां हो रही हैं. जिनमें नयी प्रणाली के तहत विश्वविद्यालय को यूनिट मानने के बजाय विभाग को यूनिट माना गया है, जिसके अनुसार भर्ती में पहला, दूसरा और तीसरा पद सामान्य वर्ग के लिए रखा गया है. जबकि चौथा पद ओबीसी, पांचवा और छठां पद सामान्य वर्ग के लिये रखा गया है.

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इसके बाद सातवां पद अनुसूचित जाति के लिए, 8वां पद ओबीसी, फिर 9वां, 10वां, 11वां पद फिर सामान्य वर्ग के लिए. 12वां पद ओबीसी के लिए, 13वां फिर सामान्य के लिए और 14वां पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगा. यहां बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग 4-5 भर्तियां ही खुलती हैं. इस वजह से अनुसूचित जाति वर्ग विरोध कर रहा है, क्योंकि13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के तहत पहले सामान्यों के लिये पद आरक्षित हैं.

भोपाल। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. क्योंकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पहले 200 रोस्टर प्रणाली के तहत जो भर्तियां होती थीं, उसे केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया है. जिसके बाद अब 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के तहत भर्तियां शुरू हो रहीं हैं, इसी के विरोध में सपाक्स सड़क पर उतर आयी है.

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प्रदर्शन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार वंचितों और पिछड़ों को मुख्यधारा में नहीं आने दे रही है. राजधानी के बोर्ड ऑफिस चौराहे प्रदर्शन कर रहे सपा के कार्यकर्ताओं ने बताया कि समाजवादी पार्टी लोकसभा के सदन में लगातार मांग कर रही थी. जिसमें ये कहा गया था कि अगर 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू होती है, तो पहले एससी-एसटी का अधिकार हो, फिर ओबीसी का और उसके बाद जनरल का.
उनकी इस मांग पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आश्वासन दिया था कि जो भी नयी भर्तियां होंगी वह 200 रोस्टर प्रणाली के तहत की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं होकर नयी भर्तियां 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत हो रही हैं. जिस पर प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सदन को गुमराह कर रही है. जिसका वह पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं.

क्या है 13 प्वाइंट रोस्टर ?
दरअसल, 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू होने से पहले देश के विश्वविद्यालयो में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण की व्यवस्था थी. लेकिन अब 13 प्वाइंट रोस्टर के तह नियुक्तियां हो रही हैं. जिनमें नयी प्रणाली के तहत विश्वविद्यालय को यूनिट मानने के बजाय विभाग को यूनिट माना गया है, जिसके अनुसार भर्ती में पहला, दूसरा और तीसरा पद सामान्य वर्ग के लिए रखा गया है. जबकि चौथा पद ओबीसी, पांचवा और छठां पद सामान्य वर्ग के लिये रखा गया है.

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इसके बाद सातवां पद अनुसूचित जाति के लिए, 8वां पद ओबीसी, फिर 9वां, 10वां, 11वां पद फिर सामान्य वर्ग के लिए. 12वां पद ओबीसी के लिए, 13वां फिर सामान्य के लिए और 14वां पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगा. यहां बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग 4-5 भर्तियां ही खुलती हैं. इस वजह से अनुसूचित जाति वर्ग विरोध कर रहा है, क्योंकि13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के तहत पहले सामान्यों के लिये पद आरक्षित हैं.

Intro:भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर सपाक्स पार्टी द्वारा 3 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया


Body:भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर सपाक्स पार्टी द्वारा 30 पॉइंट रोस्टर के विरोध में जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया सपाक्स पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भोपाल के अलग-अलग इलाकों में पैदल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया सपाक्स पार्टी प्रवक्ता का कहना है कि वर्तमान बीजेपी सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथाकथित ब्राह्मण एवं तत्सम जातियों को आरक्षण देने के लिए 124 वां संविधान संशोधन बिल लाया गया है और केवल मात्र 7 दिनों के अंदर उसे अधिसूचित भी कर दिया गया ना इस बिल की संसद में दोनों सत्रों में चर्चा हुई ना इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया ना समाज मीडिया या फिर किसी से भी इस विषय में कोई चर्चा नहीं की गई कोई राय नहीं मांगी गई बीजेपी सरकार द्वारा ब्राह्मण समाज ओबीसी समाज पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है आरक्षण के नाम पर लॉलीपॉप दी जा रही है हम ऐसे फैसले के बिल्कुल खिलाफ है उन्होंने कहा ब्राह्मण एवं वैश्य क्षत्रिय जातियों में 6% वैश्य 5% है मगर प्रशासन में क्षत्रियों की हिस्सेदारी 1.5% और वह क्योंकि 1% है इसका मतलब जनरल के नाम पर ब्राह्मण द्वारा ही क्षत्रिय और वैश्य के हिस्सों पर कब्जा किया जा रहा है उन्होंने कहा इस असंवैधानिक बिल का ना केवल विरोध होना चाहिए बल्कि इसके विरोध में राष्ट्रव्यापी जागरण एवं आंदोलन निर्माण करके भारत बंद होना जरूरी है इसके लिए हम चरणबद्ध आंदोलन करके भारत बंद करेंगे इसके साथ ही उन्होंने भारत बंद को लेकर अपनी कुछ मांगे पूरी करने को कहा जिसमें आरक्षण गरीबी निर्मूलन का नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मुद्दा है साथ ही आज तक आरक्षण का प्रभावी अमल क्यों नहीं है क्रीमी लेयर ओबीसी आरक्षण के साथ धोखा हुआ है निजी करण आरक्षण से आने वाली नौकरियां खत्म करना निजी करण में आरक्षण की जरूरत जाति आधारित जनगणना संविधान बदलेंगे नहीं संविधान बदलना शुरू कर दिया साथ ही उन्होंने ईवीएम से संबंधित चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना के विरोध में हस्ताक्षर अभियान की भी बात कही सपाक्स प्रवक्ता ने अघोषित आपातकाल की बात भी कही उन्होंने कहा सरकार संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों पर पाबंदी डालकर उसे सीमित करने का काम कर रही है लोकतंत्र की रक्षा हर स्वतंत्रता प्रिय नागरिक की जिम्मेदारी है इसलिए इस अलोकतांत्रिक असंवैधानिक बिल के विरोध में हम देशव्यापी आंदोलन चला कर चरणबद्ध आंदोलन के माध्यम से भारत बंद का आंदोलन करने जा रहे हैं


Conclusion:सपाक्स कार्यकर्ताओं द्वारा भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे से जिंसी चौराहा ओल्ड भोपाल तक विरोध प्रदर्शन किया गया या प्रदर्शन 13 पॉइंट रोस्टर को लेकर किया गया साथ ही भारत बंद की मांग को लेकर या विरोध प्रदर्शन किया गया
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