भोपाल। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने बच्चियों के शादी की उम्र को लेकर दिए अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली है. सज्जन सिंह का कहना है की बीजेपी ने बात को तोड़मरोड़ कर उनके बयान पेश कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा राई का पहाड़ बना के डर्टी पॉलिटिक्स कर रही है.
गलती से मातृत्व की जगह प्रजनन शब्द निकला
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने सीएम शिवराज को निशाने पर लेते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना और कन्यादान योजना के भुगतान को टालने के लिये शिवराज शादी की उम्र बढ़ाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि गलती से मुंह से मातृत्व की जगह प्रजनन शब्द निकला, जिसका मुझे खेद है, लेकिन में अपनी बात पर अब भी कायम हूं. बेटियों की शादी करने की उम्र 18 वर्ष ही रहना चाहिये. उसे 21 नहीं करना चाहिये.
नारी का सम्मान मेरे दिल में
सज्जन सिंह वर्मा का कहना है की बालिकाओं तथा महिलाओं के मुद्दों पर में पिछले 15 सालों से शिवराज सरकार के खिलाफ अपनी बात रखता आया हूं, उनका सम्मान मेरे लिए हमेशा सर्वोपरि रहा है. शिवराज सरकार ने 15 वर्षों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया.
बीजेपी घटाना चाहती है मतदान की उम्र
खंडवा सीधी की घटना की नाकामी को ढकने के लिए 21वर्ष का नया जुमला शिवराज सिंह लोगों के बीच लाये हैं. शादी की उम्र मताधिकार की उम्र से जोड़कर देखी जाती है, हमारे समाज में, भाजपा सरकारें मताधिकार की उम्र भी 21 वर्ष करना चाहती है, जिसकी शुरुआत के रूप में वह शादी की उम्र में बदलाव करना चाहती है.
क्या कहा था सज्जन सिंह वर्मा ने
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था, 'जब डॉक्टर बोलते हैं कि लड़कियां 15 साल में प्रजनन के लायक हो जाती हैं तो शादी की उम्र 21 साल करने की क्या जरूरत है? शिवराज क्या बड़ा डॉक्टर हो गया है? दरअसल, नारी सम्मान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल की जानी चाहिए, इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है.